स्वाति राण्ड
प्रेषक : दीपक चौधरी आप सभी लोगों को खड़े लण्ड से प्रण…
चूत की आग के लिए मैं क्या करती-3
सुशील ने कहा- भाभी, मैं घर हो आता हूँ! माँ को कह …
मेरा भतीजा
प्रेषिका : तमन्ना कुरैशी मेरा नाम शांति (बदला हुआ) …
एक अनार दो बीमार-2
लेखिका : कामिनी सक्सेना वो मेरे साथ ही बिस्तर पर ले…
Aunty, Gair Mard Aur Main – Part 5
Hello friends, mera name Sourabh hai aur main 5.6…
चूत की आग के लिए मैं क्या करती-7
जब मैंने टाइम देखने के लिए फोन उठाया तो पता चला क…
कॉलेज की साथी
प्रेषक : नवजोत सिंह दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना के लाख…
लूट का माल
फ़ुलवा हरजीत सिंह ज्यों ही कमरे में दाखिल हुआ, सन्तो…
एक अनार दो बीमार-1
लेखिका : कामिनी सक्सेना दो तीन वर्ष गाँव में अध्यापन…
जिस्मानी रिश्तों की चाह -30
सम्पादक जूजा मैंने खड़े होकर आपी को पीछे से अपनी बा…