सोफिया की मजबूरी

प्रेषक : जो हन्टर रोज की तरह मैं और दिव्या अपने ऑफ़िस…

इंग्लैंड आकर बन गई मैं टैक्सी-1

लेखिका : रूही सिंह सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को र…

पड़ोसन दीदी की वासना और उनकी चुत चुदाई

बारिश का मौसम था। एक दिन मैं घर पर अकेला था परिवा…

खेल खेल में चोदा

प्रेषक : संजय शर्मा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा…

बेईमान दिल

प्रेषिका : यशोदा पाठक मैं अब बड़ी हो गई हूँ। मेरी म…

प्रगति का अतीत- 1

प्रगति की कुछ कहानियाँ आप पहले ही अन्तर्वसना पर पढ़ च…

रेलगाड़ी में मिले बढ़िया लौड़े

लेखक : तरुण वर्मा सभी अंतर्वासना पढ़ने वाले लोगों क…

प्रगति का अतीत- 2

मास्टरजी क्योंकि पीठ की मालिश में मग्न थे, प्रगति की …

प्रगति का अतीत- 3

मास्टरजी के घर से चोरों की तरह निकल कर घर जाते समय…

भाई बहन का प्यार-2

भाई बहन का प्यार-1 हेलो दोस्तो, कैसे हो आप! आपने म…