मदमस्त अंगड़ाई
प्रेषक : रवि सिंह बात उन दिनों की है जब मैं 19 साल…
किरदार-3
प्रेषिका : स्लिमसीमा “जी नहीं ! अक्ल के लिए !” उसने …
पहला सच्चा प्यार-3
प्रेषक : राजीव मैंने कहा- ठीक है जैसा तुम कहो, लेक…
मुझे इसी की जरूरत थी
प्रेषक : राज मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं…
स्कूल की सजा का मज़ा-1
कैसे हो दोस्तो ! मैं राज एक बार फिर से आप सबके लिए…
लड़कियों की मारता हूँ
यह कहानी केवल मनोरंजन के लिए है जिनका वास्तविक जीव…
Meri Aag
Hello readers mera nam kusum hai mene 2july me is…
दिल अटका अटका सा-2
लेखिका : कामिनी सक्सेना नेहा के हाथों की गति तेज ह…
पलक की चाची-2
मुझे कुछ समझ नहीं आया पर मैंने आंटी से कहा- अच्छा …
ना जाओ सैंया छुड़ा के बईंयाँ
पाठकों को बहुत-बहुत प्यार और नमस्कार। मैं जय कुमार …