तीन पत्ती गुलाब-15

रात्रि भोजन (डिनर) निपटाने के बाद मधुर ने मेरी ओर …

पेड सेक्स में दिया परम आनन्द

लखनऊ की एक भाभी ने मुझे पेड सेक्स के लिए बुलाया. उ…

उत्तेजना की चाहत बन गयी शामत-1

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को बहुत समय बाद एक बार फि…

तीन पत्ती गुलाब-13

मेरे प्यारे पाठको और पाठिकाओ! एक शेर मुलाहिजा फरमा…

मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-1

नमस्कार दोस्तो! अन्तर्वासना पर ये मेरी दूसरी कहानी है…

मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-2

मेरी ये बात सुनकर उन्होंने कहा- नहीं, ये तो गलत बा…

डॉक्टर साहब की गांड मराने की तमन्ना

“उई … बहुत मोटा है..!” “क्या लग रही है? निकाल लूं?…

तीन पत्ती गुलाब-12

“जिन खूबसूरत लड़कियों की ठोड़ी या होंठों के ऊपर तिल…

मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-3

दीदी ने कहा- तुम्हारा जो मन हो वो करो. मैं नहीं रो…

तीन पत्ती गुलाब-14

मुझे ध्यान आता है पिछले 15-20 दिनों में तो मधुर से…