मेरी मालिश उसकी चाहत

प्रेषक : आलोक कुमार काफी दिनों बाद अपनी नई कहानी भ…

जन्नत चाची

मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा क…

राजा का फ़रमान-3

राजा : मैं बेगैरत..? मैं बुज़दिल..? तो तू क्या है? …

आकर्षण-1

मैं वृंदा, एक बार फिर से हाज़िर हूँ आपके सामने एक …

हमारी नौकरानी सरीना-2

सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रह…

दो नम्बर का बदमाश-3

दोस्तों अब दिल्ली लुटने को तैयार थी… मैंने उसका टॉप…

तीन चुम्बन-3

लेखक : प्रेम गुरू रति-द्वार दर्शन : जब मैं रमेश और स…

राजा का फ़रमान-2

पिछले भाग से आगे…. राजा ने फैसला सुनाया- आज से ले…

लड़की से औरत बनी-2

मेरे प्रिय दोस्तो, जैसा कि मैंने अपनी पहली चुदाई लड़…

गणित का प्राध्यापक

प्रेषिका : नेहा शर्मा नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम नेहा श…