मेरा बदन उनके दोस्त की बाँहों में
लेखिका : शालिनी सबसे पहले अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभ…
फिर दूसरी से कर लेना
मैं संजय, अन्तर्वासना के पाठक एवं पठिकाओं यानि लंड …
एक ही थैली के चट्टे बट्टे-4
मेरे पति को अब तीस पैंतीस दिन तक किसी टूर पर नहीं…
गर्मी की वह रात
प्रेषक : ऋतेश कुमार मित्रो, अंतर्वासना के लिए यह मेर…
उसे एक पुरूष की जरूरत थी
प्रेषक : इन्द्र पाल हेल्लो दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नि…
पढ़ाई में चुदाई
मेरी क्लास में रूबी नाम की एक लड़की थी, मैं उससे बह…
रीना और उसकी सहेली संजना
प्रेषक : जीत शर्मा मैं जीतू दिल्ली से एक बार फिर आपक…
कमल खिल गई
मुझे सेक्स का कोई अनुभव नहीं था, मेरा जीवन तो जैसे…
वो धीरे से मेरे पास आ गई
प्रेषक : धीरेन्द्र शुक्ला मेरी कहानी कुछ इस तरह है। म…
मस्ती पूरे जोर पर थी
प्रेषक : कामुक इन्सान दोस्तो, मैं २४ साल का कॉलेज मे…