घर के लौड़े-10

Ghar ke Laude-10 पापा- अरे वाहह.. मेरी रानी आज तो…

चूचियाँ कलमी आम-3

अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी…

सलहज इतनी हसीं कि दिल मचल गया-3

मैं- शेविंग का सामान दो मुझे.. भाभी- क्यों? मैं- म…

विधवा की चुदाई की प्यास

मेरी तरफ से अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार। मे…

आज दिल खोल कर चुदूँगी -7

तभी सुनील बोले- चलो स्टॉप आ गया.. बस रुकी, मैं और …

जन्मदिन के उपहार में गाण्ड मरवाई-2

Janamdin ke Upahar me Gaand Marvai-2 मैं काफ़ी देर…

मेरी चालू बीवी-116

सम्पादक – इमरान मामाजी- अरे, यह अंकुर कहाँ चला गया…

लण्डों की होली-2

Lundo Ki Holi-2 ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिला…

सपना और एकता की बजा दी-1

Sapna Aur Ekta ki Baja Di-1 सबसे पहले मैं अन्तर्वास…

अपनी बाबू की सील तोड़ी

Apni Babu Ki Seal Todi नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमि…