शर्बत-ए-आजम

प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीध…

पिंकी की बेटी सोनिया-2

वो बहुत खुश थी, मैं जानता था कि उसको क्या चाहिए – …

एक कुंवारे लड़के के साथ-4

कहानी का पिछला भाग : एक कुंवारे लड़के के साथ-3 मैं…

पिंकी और सोनिया के बाद-2

प्रेषक : वरिंदर बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्र…

मुझे रण्डी बनना है-3

हम मौसी के कमरे में पहुंचे आलीशान कमरा था और ए सी…

चाचा का उपहार-2

चाचा का उपहार-1 तभी चाचा ने दरवाज़ा खटखटाया तो चा…

मुझे रण्डी बनना है-11

इतने में सुनीता कस्टमर से चुदवाकर बाहर आई। मैंने उ…

दिल्ली से लखनऊ-1

प्रेषक : रिन्कू प्रिय पाठको, मेरा नाम रिंकू है, मैं …

मुझे रण्डी बनना है-6

मौसी ने इशारा किया और कहा- क्या राजा बाबू ! हमारी …

चाचा का उपहार-1

हाय दोस्तो.. कैसे हैं आप सब। आप सबका मैं बेहद शुक्र…