खुजली मैं दूर कर दूंगा !

दोस्तो, मेरी पिछली कहानी बस में दो आंटी के साथ मज़ा…

कलयुग की लैला-1

अंधेरे में एक साया एक घर के पास रुका और सावधानी स…

पहला गैंगबैंग

प्रेषक : प्रकाश कुमार सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्र…

मदनराग रंग लायो..

तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…

पहले पिछवाड़ा !

प्रेषक : लवर बॉय दोस्तो, मेरा नाम बताना ज़रूरी तो नह…

बेईमान दिल

प्रेषिका : यशोदा पाठक मैं अब बड़ी हो गई हूँ। मेरी म…

कुछ दिन सबर करो !

प्रेषक : दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और मैं अंबिकापु…

चोर पुलिस

लेखिका-प्रेषिका : कामिनी सक्सेना, मोनिशा बसु राज और…

मेरी प्रिविक्षिका

प्रेषिका : मोना सिंह मेरा नाम दीपक है। मैंने अन्तर्व…

कंप्यूटर लैब से चौकीदार तक

कम्प्यूटर लैब में तीन लौड़ों से चुदी से आगे: कई लोग …