पुष्पा का पुष्प-4

कुछ क्षणों पहले हाथ भी नहीं लगाने दे रही थी। अभी म…

कोई देख लेगा सर-1

मेरे चाहने वालो के लौड़ों को मेरी चूत का आदाब ! अब…

चरित्र बदलाव-8

अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और…

मेरे दोस्त की बीवी-3

प्रेषक : नवीन सिंह बीच में बात काट कर रचित बोला- अ…

जेब में सांप-1

नमस्कार, मेरा नाम मोहित पवार है, मैं अन्तर्वासना का …

पिया गया परदेस -2

जसप्रीत ने कहा- ठीक है, तो अब यहीं रुकेगा ना? मैंन…

उस रात की बात-1

(एक रहस्य प्रेम कथा) मिक्की ! मेरी जान, मेरी आत्मा, म…

गुलदस्ता

फ़ुलवा बाथरूम से निकलते हुए कुसुम की नजर जब रीतेश …

Lucky One

Hi mere naam Sandy hai aur mene DK ki sabhi kahan…

रिया और जिया

पुरुषोत्तम शास्त्री मैं पुरुष शास्त्री अन्तर्वासना का नि…