पाँच सौ का नोट
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार, पाठिकाओं को मेरे खड़े ल…
मेघा की तड़प-4
रात को दस बजे प्रकाश अदिति को लेकर घर आ गये थे। अद…
केले का भोज-4
क्षितिज कहीं पास दिख रहा था। मैंने उस तक पहुँचने क…
केले का भोज-3
मैंने योनि के छेद पर उंगली फिराई। थोड़ा-सा गूदा घि…
पलक की सहेली सरिता-1
जैसा कि आपने पलक और अंकित के बाद में पढ़ा कि सरिता…
चाहत मॉडल बनने की-3
प्रेषिका : पूनम वापस आई तो देखा कि हर्ष अपने कपड़े प…
चिरयौवना साली-20
जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों क…
केले का भोज-5
मैं कुछ नहीं सुन पा रही थी, कुछ नहीं समझ पा रही थ…
पलक की सहेली सरिता-2
और यह बोलते हुए वो अपने दोनों पैर मेरे पैरों के द…
चिरयौवना साली-24
लेखिका : कमला भट्टी कम्बल में घुसते ही जीजाजी ने बा…