वर्मा जी का पाल
नमस्कार दोस्तो, यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।…
सन्ता और पप्पू के चुटकुले
एक बार पप्पू ने सन्ता की दुकान से 45 रूपए का सामान …
कमाल की हसीना हूँ मैं-35
मेरी चूत का मुँह लंड के एहसास से लाल हो कर खुल गय…
कमाल की हसीना हूँ मैं-33
मेरी पीठ मेरे ससुर ताहिर अज़ीज़ खान जी के सीने से ल…
मुंह बोला भाई- बहनचोद
कुमार रवि मेरा कोई सगा भाई नहीं है इसलिए जब भी रा…
गेटपास का रहस्य-1
सुनीता की शादी होने के बाद एक बार फिर से मैं तन्हा…
कमाल की हसीना हूँ मैं-32
“आज मैं आपके बेटे की बीवी हूँ।” “लेकिन पहले तू मे…
कमाल की हसीना हूँ मैं-28
लाँग स्कर्ट्स के बाद माइक्रो स्कर्ट्स की बारी आई। मैंने …
मेरी आप बीती- पहला सहवास-2
मेरी आप बीती- पहला सहवास-1 से आगे: महेश जी अपनी ज…
कमाल की हसीना हूँ मैं-29
मैं कमरे से बाहर निकल कर बगल वाले कमरे में, जिसमे…