खिलता बदन मचलती जवानी और मेरी बेकरारी -2
मेरी कहानी खिलता बदन मचलती जवानी और मेरी बेकरारी …
जेम्स की कल्पना -4
कल्पना अलग पड़ी थी। योनि बाढ़ से भरे खेत की तरह बह र…
मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -8
मेरी बीवी ने मेरी तरफ देखते हुए उसके लण्ड को धीरे …
जेम्स की कल्पना -1
कहानी के बारे में – दो दम्पति अपने साथियों की अदला…
चाची के बदन की अगन और चुदाई की मस्ती
आप सब अन्तर्वासना पढ़ने वालों को नमस्कार! मेरा नाम अय…
चूत एक पहेली -79
अब तक आपने पढ़ा.. इंस्पेक्टर- ओये रतन सिंग.. के होरा…
रेलगाड़ी में टीटी ने हम दो सहेलियों को चोदा -1
नमस्कार प्यारे पाठको.. आप सभी को मेरा सादर प्रणाम। आ…
यौनसुख से वंचित पाठिका से बने शारीरिक सम्बन्ध -5
मैंने उसके बालों में उंगली फेरते हुए कहा- मंजरी ज…
मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -6
मैंने मधु के कपड़े सही किये, थोड़ा दूर हटा कहा- वो …
जेम्स की कल्पना -3
लगभग एक साल लगे कल्पना को इस घटना पर थोड़ा थोड़ा बात…