अनजान भाभी का दिल मेरे लण्ड पर

हैलो दोस्तो.. मैं उत्तर प्रदेश में रहता हूँ मेरा नाम सूरज है। मेरा रंग गोरा है.. लण्ड ऐसा अगर कोई एक बार ले ले.. तो भुला नहीं पाए। मैं अन्तर्वासना को 3 साल से पढ़ रहा हूँ। ऐसा कोई दिन नहीं गया.. जिस दिन मैं अन्तर्वासना पर नहीं आया होऊँ।

अब मैं बात करता हूँ अपने जीवन की एक ऐसी घटना की.. जिसने मेरी जिंदगी बदल दी। बात तब की है.. जब मैं इंटर में था। मेरे एक भैया हैं मैं उनके साथ काम करने लग गया।

एक बार वो मुझे किसी के घर ले गए, भैया ने बताया कि वे उनके अच्छे दोस्त हैं। हम दोनों उनके घर गए.. घर की घंटी बजाई.. तो एक बहुत सुंदर औरत ने दरवाजा खोला.. हम अन्दर गए।

उस औरत का फिगर 34-28-36 का था। उसके मम्मे.. पतली कमर.. उठी हुई गाण्ड तो ऐसी थी कि देखते ही लण्ड खड़ा हो जाए। उसका रंग दूध जैसा सफेद था। उसका व्यवहार भी बहुत अच्छा था।

चूंकि हम उसके पति से मिलने गए थे.. तो पूछा कि वो कहाँ हैं? वो बोली- वो बाहर गए हैं.. उनको आने में एक-दो दिन लगेंगे। हम लोग चल दिए।

उसने मेरा मोबाइल नम्बर माँगा। मैंने पूछा- क्यों? तो उसने कहा- तुम्हारे भैया आ जाएँगे तो तुम्हें फ़ोन करूँगी। मैंने अपना मोबाइल नम्बर दे दिया और हम चले आए।

दो दिन बाद रात को ग्यारह बजे एक नए नंबर से फ़ोन आया, मैंने रिसीव किया.. तो एक लड़की बोली। उसने कहा- आप सूरज बोल रहे हैं? मैंने कहा- जी हाँ.. आप कौन?

तो उसने अपना नाम ज्योति बताया। थोड़ी देर बात करके उसने कहा- तुम अगर किसी से ना कहो.. तो तुम्हें एक बात बताऊँ? मैंने कहा- बोलो.. मैं किसी को नहीं बताऊँगा। तो वो मुझसे बोली- मैं तुम्हें पसंद करती हूँ.. क्या तुम मुझे पसंद करते हो.. अगर हाँ.. तो अभी मेरे घर आ जाओ। मैंने फ़ोन रखा और जल्दी से तैयार होकर माँ से कहा- मैं दोस्त के घर जा रहा हूँ।

मैं बाइक लेकर चल दिया। उसके घर पहुँच कर बेल बजाई.. दरवाजा खुला.. मैं देखकर हैरान रह गया। आज क्या जबरदस्त माल लग रही थी वो.. लग रहा था जैसे मेरा ही इन्तजार कर रही हो।

उसने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया और मुझे अन्दर बैठा कर.. वो मेरे लिए दूध लेकर आई। उसने कहा- लो पी लो..

में दूध पी रहा था.. तो वो मुझसे बात करते-करते मेरी जांघ पर हाथ फेरने लगी। मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा था, उसका हाथ लगते ही गर्म हो गया। वो मुझसे बोली- तुम मुझे आज इतना प्यार करो कि मेरा मन भर जाए। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उसने मेरे होंठों पर होंठ रख दिए और हम 15 मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे। हम दोनों के कपड़े कब उतर गए… हमें पता ही नहीं चला।

फिर वो मुझे पकड़ कर बेडरूम में ले गई, वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरा लण्ड मुँह में लेकर चूसने लगी।

मुझे इतना मज़ा आया कि मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता। मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है.. तो मैंने उससे कहा.. तो वो बोली- मुझे तुम्हारी मलाई टेस्ट करनी है। मैं उसके ही मुँह में झड़ गया.. वो मेरी एक-एक बूँद चाट गई।

मैंने उसका चेहरा उठाया और उसे जमकर किस किया। वो मुझसे बोली- तुम मेरी चूत चाटो।

मैंने उसकी टाँगें फैला दीं और उसकी चूत पर मुँह लगा दिया। मैं अपनी ज़ुबान उसकी चूत में अन्दर तक घुसेड़ने की कोशिश करने लगा। उसके मुँह से ‘एयाया.. सीईईईईईईई.. ओह..’ चीखें निकलने लगीं। वो बहुत गर्म हो गई थी और वो मुझे ऊपर खींचने लगी, बोली- जल्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दो.. नहीं तो मैं मार जाऊँगी।

मैंने उसकी चूत पर लण्ड रखा और ज़ोर का धक्का मारा। उसकी चीख निकल गई और बोली- ओह्ह.. बहन के लौड़े.. ज़रा धीरे डाल.. फाड़ दी मेरी चूत तूने.. धीरे कर.. मैं धीरे से लण्ड आगे-पीछे करने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा.. वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी- और ज़ोर से कर.. मेरे राजा.. फाड़ दे मेरी चूत को..

वो आहें भरने लगी, बीस मिनट में वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है.. कहाँ निकालूँ? वो बोली- मेरे अन्दर ही निकाल दो.. भर दो मेरी चूत को.. अपनी मलाई से..

मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। एक-एक बूँद उसकी चूत में गिरा दी। फिर हम बाथरूम गए.. एक-दूसरे को साफ़ किया और फिर बेड पर आ गए। उसने मुझे बताया- मेरा पति मुझे अच्छे से चोद नहीं पाता है। आज तुमने मुझे बहुत मजा दिया।

उस रात मैंने उसे तीन बार और चोदा और हम बिना कपड़ों के ही सो गए। सुबह जब मेरी नींद खुली.. तो हमने साथ में नाश्ता किया। वो मुझसे बोली- तुमने मुझे बहुत मजा कराया.. साथ ही मुझे 2000 रुपये दिए और कहा- अगर तुम मेरी सहेलियों को मजे कराओ.. तो मैं तुम्हें अच्छे पैसे दिलवा सकती हूँ।

मैंने ‘हाँ’ कह दी और उसे किस किया और चला आया। मैंने उसकी सहेलियों को कैसे चोदा.. वो कहानी अगली बार बताऊँगा।

आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी.. बताना ज़रूर.. मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहेगा। [email protected]