Search Results for "होता-हे-जो-वोह-हो-जाने-दो"

मेरा गुप्त जीवन -57

फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के…

एक भाई की वासना -33

सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. मैंने कह…

बड़े अच्छे लगते हैं

सोनी टेलीविजन पर सोमवार से गुरुवार तक रात 10.30 ब…

मेरा गुप्त जीवन-40

परी को देखा वो अपना पेटीकोट पहन कर बैठी थी, उसके …

एक भाई की वासना -14

सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. उस रात क…

मेरा गुप्त जीवन -42

प्रिय पाठको, मुझको जो ईमेल मिल रहीं हैं उनमें से क…

मेरा गुप्त जीवन- 90

इस तरह आगरा की वो रात समाप्त हुई और अगले दिन का प्र…

मेरा गुप्त जीवन -84

कम्मो हैरान होकर हंसने हुए बोली- छोटे मालिक, यह लड़…

मेरा गुप्त जीवन-95

शाम को मैं बैठक में बैठा था कि कम्मो आई और कहने लग…

एक भाई की वासना -43

सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. एक मर्द क…