Search Results for "होता-हे-जो-वोह-हो-जाने-दो"

चुदाई की चाहत में क्या क्या हो जाता है

आदमी जो चाहता है, उसे कभी कभी ही मिल पाता है वरना…

सब्र का फल मीठा होता है

शाहरूख खान हाय दोस्तों, आप सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालो…

लंड छोटा-बड़ा नहीं होता

प्रेषक : मयंक अग्रवाल यह कहानी है मेरे एक दोस्त की ज…

होली के बहाने

लेखक : सनी गुरु जी को बहुत बहुत प्यार, नमस्कार ! स…

कितने लेते हो?

विक्की एक्सिस मैं तीन महीने पहले अहमदाबाद में एक दि…

चूहे ने दो चूतें चुदवाईं -2

अब तक आपने पढ़ा.. आंटी नंगी खड़ी ये सब देख रही थी..…

चूहे ने दो चूतें चुदवाईं -1

दोस्तो.. मेरा नाम यश है.. मैं गुजरात से हूँ। अभी म…

लंड तो खड़ा होता ही नहीं

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को संजय राजपूत का शत-शत न…

दोस्तों का जाल

प्रेषक – पुलकित झा नमस्कार! अन्तर्वासना के पाठकों को …

पापा को हरा दो

दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का एक पुराना पाठक हूँ. आज मै…