Search Results for "मुस्लिम-अंकल-और-मम्मी"

मेरा गुप्त जीवन- 162

मैंने भी उसके मोटे चूतड़ों को हल्के से मसल दिया और …

प्रगति की आत्मकथा -3

प्रेषिका : शोभा मुरली शेखर अब अगले शुक्रवार की तैया…

मेरा गुप्त जीवन- 161

सवेरे उठ कर कम्मो के हाथ से चाय पी कर मज़ा ही आ जात…

समधन की गांड मारी-2

कहानी का पिछला भाग: समधन की गांड मारी-1 आनंदीलाल …

ग़ोवा में सुहागरात-2

प्रेषक : रोहित मल्होत्रा मैंने भी कह दिया- अच्छी लड़कि…

मेरा गुप्त जीवन- 163

भैया की आँखें पूरी तरह से नग्न कम्मो के शरीर पर ही …

मेरा गुप्त जीवन- 164

मैं सिर्फ मुस्करा भर दिया और हल्के से अपनी बाईं आँख …

मेरा गुप्त जीवन- 165

शाम सिंह जी नीचे उतर आये और मैं यह देख कर हैरान ह…

ग़ोवा में सुहागरात-1

प्रेषक : रोहित मल्होत्रा नमस्कार अन्तर्वासना के दोस्तो, …

मेरा गुप्त जीवन- 166

मैं आँखें बंद कर के नहा रहा था कि अचानक मेरे कानो…