Search Results for "माँ-को-रखैल"

शीला का शील-11

‘सुन रानो, अगर यह लाइट बंद कर दें तो? हमेशा धड़का …

तीसरी कसम-7

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “जिज्जू ! एक बात सच बोलूँ…

शीला का शील-10

एक अजीब सी अनुभूति उसे और हुई… जैसे उसकी योनि में…

तीसरी कसम-9

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं जैसे ही बेड पर बैठा …

शीला का शील-12

और फिर एक दिन… उस रात भी हस्बे मामूल सोनू उसके साथ…

शीला का शील-14

फिर यह लगभग रोज़ का ही सिलसिला हो गया। देर रात वह …

शीला का शील-13

चंदू ने एक हाथ से उसके नितम्ब को दबोचते हुए दूसरा …

प्रफुल्ला-1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्ते, मेरी पिछली सभी …

तीसरी कसम-8

प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना रेशम की तरह कोमल और मक्खन…

किरायेदार-8

आधे घंटे में हम घर पहुँच गए। भाभी हम दोनों को देख…