Search Results for "परिवार-ग्रुप"

नेहा की चूत रौंदी

अन्तर्वासना के सारे पाठकों को मेरा नमस्कार। यह कहानी…

दोस्ती का उपहार-3

प्रेषक : विनय पाठक मैं आपको अपनी पिछली कहानी में ब…

मेरा प्यारा देवर-3

वो अपनी टी-शर्ट उतारने को नहीं मान रहा था, तो मैंन…

लण्ड न माने रीत -1

उस दिन माँ का फोन सुबह सवेरे ही आ गया ‘बेटा.. कैस…

गदराई लंगड़ी घोड़ी-3

आप लोग पिछले भागों में पढ़ ही चुके हैं कि मेरी उम्र…

आपकी गली सुंदर है

प्रेषक : राजेन्द्र चौहान मैं मुंबई से हूँ, मेरा नाम …

शादी से पहले नहीं

सबसे पहले मेरी ओर से सभी चूतों और लौड़ों को मेरा न…

बाथरूम का दर्पण-1

अन्तर्वासना के तमाम पाठकों एवं पठिकाओं को रोनी का प्…

गदराई लंगड़ी घोड़ी-5

“अभी तो एक और सरप्राइज है तेरे लिए..” “वो क्या?” “च…

गदराई लंगड़ी घोड़ी-4

बबिता ने फिर से अपने दोनों हाथ अपने घुटनों पर रख …