Search Results for "दिव्या का सफर"

भाई बहन ननदोई सलहज का याराना-4

अगले दिन हमारे ऑफिस में: मैं- श्लोक, केवल ख्याली पु…

अंगूर का दाना-4

मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप …

वाह ! क्या रात थी

मेरे प्रिय पाठकों और पाठिकाओं को मेरा नमस्कार। मेरा…

भाई बहन ननदोई सलहज का याराना-7

और हम एक दूसरे को चूसते चाटते रहे। मैंने उसकी पीठ…

अंगूर का दाना-7

प्रेम गुरु की कलम से ‘अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं…

मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-1

नमस्कार दोस्तो! अन्तर्वासना पर ये मेरी दूसरी कहानी है…

भाई बहन ननदोई सलहज का याराना-3

दो दिन बाद ऑफिस में: मैं- यार श्लोक, काफी दिनों से…

तरक्की का सफ़र-15

राज अग्रवाल प्रीती की बात सुनकर मुझे उस पर नाज़ हो ग…

तरक्की का सफ़र-10

रजनी अपनी योजना बताने लगी, “राज! तुम्हें मेरी और म…

मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-2

मेरी ये बात सुनकर उन्होंने कहा- नहीं, ये तो गलत बा…