Search Results for "गोदी-मे-बैठकर"

मौसी हो तो ऐसी-1

प्रेषक : राज कार्तिक मैं राज एक बार फिर अपने जीवन क…

टिप टिप बरसा पानी-2

प्रेमशिर्ष भार्गव 10-12 बार ऐसा करने के बाद मैं नीचे…

तीन पत्ती गुलाब-2

आज पूरा दिन गौरी के बारे में सोचते ही बीत गया। उस…

जिस्म की जरूरत-8

‘उफ्फ… बड़े वो हैं आप!’ रेणुका ने लजाते हुए कहा और …

दोबारा काम मिला

मैं सबसे पहले गुरूजी का धन्यवाद करता हूँ कि मेरी क…

तीन पत्ती गुलाब-3

मैंने अपने और मधुर के दुश्मनों को (अरे भाई कपड़ों क…

ये दिल मांगे मोर

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा मैं आज अपने मायके आ गई, स…

तीन पत्ती गुलाब-4

इस भयंकर प्रेमयुद्ध के बाद सुबह उठने में देर तो होन…

पर-पुरुष सम्मोहन

मेरे मित्र ने जितना मुझे समझाया था, वो मैंने सफ़लता…

क्यों हो गया ना ?

मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …