कोटा की कमसिन कली-3

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा एक बार फिर नमस्कार…

प्रणव की दास्तान

प्रेषक : सचिन शर्मा यह मेरे दो दोस्तों की कहानी है, …

साली को दिया मजा

प्रेषक : राजेन्द्र चौहान सबसे पहले मैं आपको अपना परि…

कामिनी की प्यास-1

ये बात उन दिनों की है जब मोबाइल फोन नहीं होते थे,…

लड़कपन की यादें-2

रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग र…

जेम्स की कल्पना -2

मेरा मन उल्टे कल्पना करता है – वहाँ बंद कमरे में यौ…

लण्डों की होली-2

Lundo Ki Holi-2 ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिला…

लड़कपन की यादें-1

मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अधि…

लड़कपन की यादें-4

काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…

लड़कपन की यादें-2

रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग र…