एक पति, एक प्रियतम

लेखिका : यशोदा पाठक भरी जवानी में मैं अपनी क्लास क…

फ़ौज़ी अंकल

प्रेषक : शक्ति कपूर मैं उस समय लगभग अट्ठारह साल की थ…

हो गई बल्ले बल्ले

प्रेषक : हर्ष हेल्लो दोस्तो, सभी को प्यार भरा नमस्कार !…

रेलगाड़ी में पेल मारी

मैं मुम्बई में रहता हूँ। मैं अपनी एक वास्तविक कहानी…

वो हसीन पल

प्रेषक : अक्षिता शर्मा एवं जो हन्टर हाय, मैं अक्षिता, …

पराया मर्द बेचैन निगाहें

लेखिका : नेहा वर्मा मेरी शादी हुये दो साल हो चुके …

पहले पिछवाड़ा !

प्रेषक : लवर बॉय दोस्तो, मेरा नाम बताना ज़रूरी तो नह…

पहला गैंगबैंग

प्रेषक : प्रकाश कुमार सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्र…

मदनराग रंग लायो..

तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…

सुनहरे पल

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा गोवा में लड़कियाँ जल्दी जवा…