प्रगति का अतीत- 3
मास्टरजी के घर से चोरों की तरह निकल कर घर जाते समय…
प्रगति का अतीत- 2
मास्टरजी क्योंकि पीठ की मालिश में मग्न थे, प्रगति की …
प्रगति का अतीत- 4
किसी न किसी कारणवश मास्टरजी प्रगति से अगले 4-5 दिन …
सब कुछ सिखा दूंगी!
प्रेषक : राजेश सबसे पहले सभी प्यासी चूतों को मेरे ल…
आंटी और उनकी छवि
एक बार मैं फिर हाजिर हूँ अपनी एक नई कहानी लेकर। द…
साली का भीगा बदन
प्रेषक : लंडवा दोस्तो, आप ही की तरह मैं भी अन्तर्वास…
मैं क्यों शरमाऊँ
प्रेषक – विजय कुमार हाय, मेरा नाम विजय है। मैं द्वि…
बात बनती चली गई-2
विजय पण्डित भैया दोपहर का भोजन करके एक बजे ड्यूटी प…
बात बनती चली गई-1
विजय पण्डित घर में हम तीन लोग ही रहते थे- मैं, मेर…
मेरा क्या दोष है?
Mera Kya Dosh Hai मैं 29 साल हूँ। पिछ्ले साल एक वै…