कयामत थी यारो-1
प्रेषक : विशाल अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार।…
क्यों हो गया ना ?
मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …
श्रेया के साथ-2
प्रेषक : संजय कुमार कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ …
कयामत थी यारो-2
प्रेषक : विशाल मैं फिर से हाज़िर हूँ आप सबके बीच मे…
चरित्र बदलाव-10
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार और ढेर सारा प्य…
आप कुछ ऐसा करो-1
प्रेषक : संजय शर्मा, दिल्ली प्रिय दोस्तो, मैं संजय एक …
होली के नशे में
विजय अग्रवाल, दिल्ली हम पांच दोस्त हैं, सभी शादीशुदा…
आप कुछ ऐसा करो-2
प्रेषक : संजय शर्मा, दिल्ली अगली रात को मेरे कहने पर…
सेक्स करो प्यार से
प्रिय पाठको, मैं अपने इस लेख में कुछ गुप्त ज्ञान की …
उत्तरायण का मजा
मैं हूँ आप सब का दोस्त राहुल आपके सामने मैं अपनी प…