मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-2
मेरी ये बात सुनकर उन्होंने कहा- नहीं, ये तो गलत बा…
मेरी कामवासना और दीदी का प्यार-3
दीदी ने कहा- तुम्हारा जो मन हो वो करो. मैं नहीं रो…
ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-1
“उफ्फ…अब हट भी जाइये, अब और कितना रगड़ोगे मुझे. आधा…
ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-3
मित्रो, अन्तर्वासना के जिन पाठक पाठिकाओं ने मेरी पूर्…
अंतरवासना भरी निगाहों से देखती थी भाभी मुझे
अंतरवासना के पाठक और पाठिकाओं को मेरा प्रणाम… मुझे…
कुछ अधूरे से ख्वाब-1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम …
अनछुई स्वीटी की कहानी
प्रेषक : राज सिंह मैं राज पटना से हूँ अन्तर्वासना का…
कैसे विश्वास दिलाऊँ अपने प्रेम का
मेरा नाम जय मुखर्जी है, कोलकाता में रहता हूँ, मेरी…
कुछ अधूरे से ख्वाब-2
कुछ अधूरे से ख्वाब-1 अभी तक आपने पढ़ा कि मैंने पड़ोस…
जयपुर में मेरी और भाभी की कामवासना
मैं राहुल अपनी कामवासना से भरी कहानी आपके लिए पेश…