हसरत-ए-लंड बेइन्तहा

नदी किनारे घटना घटी, घटना थी गंभीर.. काली दास ने …

मेरा गुप्त जीवन- 111

सुबह उठे तो मेरी चाय फुलवा ले कर आई और मैं फुलवा …

मेरा गुप्त जीवन- 140

कम्मो कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक रति को भी…

डलहौजी का सुहाना सफ़र

जिम्मी अन्तर्वासना के सभी पाठकों को और खास तौर पर सभ…

दोस्त की सेक्सी बीवी

मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मेरा नाम अर्…

मेरा गुप्त जीवन- 113

थोड़ी देर में मधु मैडम झड़ने के करीब पहुँच गई थी, उ…

मेरा गुप्त जीवन- 181

इंदु मेरे अभी भी खड़े हुए लंड को बड़ी हैरानी से देख…

मेरा गुप्त जीवन- 110

कम्मो मुस्कराते हुए बोली- मैं उस दिन ही समझ गई थी क…

मेरा गुप्त जीवन- 187

अब मैंने आगे बढ़ कर शशि भाभी को अपनी बाहों में ले …

इस पल के इन्तजार में

सभी अन्तर्वासना के पाठकों को सोनू भाई का नमस्कार। यह…