राधा, मैं तुझ बिन आधा
लेखक : जोगी यारा मैंने पहली बार अन्तर्वासना डॉट कॉम…
हसरत-ए-लंड बेइन्तहा
नदी किनारे घटना घटी, घटना थी गंभीर.. काली दास ने …
मेरा गुप्त जीवन- 109
मैंने कहा- कम्मो, तुमको भी यहाँ सोना पड़ेगा आज की र…
मेरा गुप्त जीवन- 116
अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली…
मेरा गुप्त जीवन- 140
कम्मो कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक रति को भी…
मेरा गुप्त जीवन- 118
लेकिन मैं वाकयी में उन तीनों से बहुत ही ज़्यादा प्रभ…
मेरा गुप्त जीवन- 111
सुबह उठे तो मेरी चाय फुलवा ले कर आई और मैं फुलवा …
दोस्त की सेक्सी बीवी
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मेरा नाम अर्…
मेरा गुप्त जीवन- 182
मौसी और मेरे एक साथ सोने की बात सुन कर मौसी ने मे…
मेरा गुप्त जीवन- 113
थोड़ी देर में मधु मैडम झड़ने के करीब पहुँच गई थी, उ…