मेरा गुप्त जीवन -49

जब मैं वहाँ पहुंचा तो तकरीबन सभी नाश्ता करके जा चु…

मुझे दीदी ना कहो-2

लेखिका : कामिनी सक्सेना उसने अपनी बाहें मेरी कमर म…

तेरी याद साथ है-24

“उम्म… हम्म्म्म…” फिर से वही मादक सिसकारी लेकिन इस बा…

तोड़ा तृप्ति की सील को

प्रेषक : डी के डॉन तृप्ति रविवार को मेरे ऑफिस में आ…

तेरी याद साथ है-25

मैंने जल्दी से रिंकी को खुद से अलग किया और फिर उसे…

और वो चली गई- भाग 1

मेरी कहानी कॉलेज गर्ल की चुदाई की कहानी हिंदी में …

मेरा गुप्त जीवन -48

इससे पहले मैं समझ पाता कि क्या हो रहा है मुझको अंद…

और वो चली गई- भाग 3

और वो चली गई- भाग 1 और वो चली गई- भाग 2 मध्य प्रदेश…

तेरी याद साथ है-26

तभी मुझे याद आया कि अभी अभी आंटी ने कहा था कि माम…

तेरी याद साथ है-23

“प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊ…