नौकरी में मस्ती-2
प्रेषक : विक्रम शर्मा हमने खाना खाया मगर मैं उसे ही …
एक विचित्र चुदाई
मैंने शायद अपनी किसी कहानी में जिक्र किया भी है कि…
नौकरी में मस्ती-3
प्रेषक : विक्रम शर्मा फिर घोड़ी बना कर उसके मम्मे दबात…
नौकरी में मस्ती-4
प्रेषक : विक्रम शर्मा अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं, स…
नौकरी में मस्ती-1
प्रेषक : विक्रम शर्मा मेरा नाम विक्रम है मेरे परिवार …
सन्ता बन्ता और पप्पू
सन्ता प्रीतो के घर बन्ता और जीतो आये तो प्रीतो ने उन्ह…
जेम्स की कल्पना -2
मेरा मन उल्टे कल्पना करता है – वहाँ बंद कमरे में यौ…
सिर्फ़ अमन की ॠचा
प्रेषिका : ॠचा ठाकुर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मे…
सन्ता प्रीतो पप्पू
एक लड़का पप्पू चुपचुप सा रात में छत पर बैठा था, तभी…
अरमान पूरे हुए… -2
जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शह…