क्यों हो गया ना ?

मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …

तेरी कह के लूँगा

और क्या हाल हैं जी? आपकी श्रेया आहूजा एक बार फिर आप…

मौसी हो तो ऐसी-1

प्रेषक : राज कार्तिक मैं राज एक बार फिर अपने जीवन क…

बुआ हो तो ऐसी-1

(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) घर की मौज ह…

मेरी बहन स्वीटी

मेरा नाम सुमीत है, पटना का रहने वाला हूँ। मैं जो …

मेरी पत्नी सुहागरात को अक्षतयौवना थी या नहीं?

मैं जानना चाहता हूँ कि मेरी दुल्हन सुहागरात को मुझ…

भैया का दोस्त -3

खाने के बाद भैया और प्रदीप फिर हॉल में चले गए और ट…

दोस्त की लिव-इन

प्रेषक : अजय मेरा नाम अजय है, दिल्ली में इंजीनियरिं…

एक थी वसुंधरा-3

बैडरूम से अटैच वाशरूम में जाकर मैंने सब से पहले त…

औलाद की अभिलाषा

नितिन कुमार नमस्कार मेरा नाम नितिन है, मैं नोएडा म…