तीन पत्ती गुलाब-6
मधुर आज खुश नज़र आ रही थी। मुझे लगता है आज मधुर ने…
तीन पत्ती गुलाब-5
ये साली नौकरी भी जिन्दगी के लिए फजीता ही है। यह अज…
मौसी हो तो ऐसी-2
राज कार्तिक सब अपने कमरे में जा चुके थे, मैं भी अप…
तीन पत्ती गुलाब-7
इस वाक्य का अर्थ मेरी समझ में नहीं आ रहा था। पता नह…
तीन पत्ती गुलाब-8
रात को देरी से नींद आई तो सुबह उठने में भी देरी ह…
तीन पत्ती गुलाब-9
गौरी को उसके घर के पास ड्राप करने के बाद ऑफिस जाते…
दोस्त की लिव-इन
प्रेषक : अजय मेरा नाम अजय है, दिल्ली में इंजीनियरिं…
भैया का दोस्त -1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सबने …
क्यों हो गया ना ?
मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …
मौसी के घर मस्ती
प्रेषक : अजय बात यह हुई कि एक साल पहले मेरी मौसी न…