तीन पत्ती गुलाब-2
आज पूरा दिन गौरी के बारे में सोचते ही बीत गया। उस…
तीन पत्ती गुलाब-3
मैंने अपने और मधुर के दुश्मनों को (अरे भाई कपड़ों क…
तू सेर, मैं सवा सेर-2
शहनाज़- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड! मैं अभी देखना चा…
मौसी हो तो ऐसी-2
राज कार्तिक सब अपने कमरे में जा चुके थे, मैं भी अप…
तीन पत्ती गुलाब-4
इस भयंकर प्रेमयुद्ध के बाद सुबह उठने में देर तो होन…
तीन पत्ती गुलाब-6
मधुर आज खुश नज़र आ रही थी। मुझे लगता है आज मधुर ने…
तीन पत्ती गुलाब-5
ये साली नौकरी भी जिन्दगी के लिए फजीता ही है। यह अज…
तीन पत्ती गुलाब-7
इस वाक्य का अर्थ मेरी समझ में नहीं आ रहा था। पता नह…
तीन पत्ती गुलाब-8
रात को देरी से नींद आई तो सुबह उठने में भी देरी ह…
तीन पत्ती गुलाब-9
गौरी को उसके घर के पास ड्राप करने के बाद ऑफिस जाते…