अतुलित आनन्द-1

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर दोस्तो, मेरा नाम क्या है या है भ…

तीन कलियां ९९९

रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे, होस्टल सुनसान सा हो ग…

इब तो बाड़ दे-2

प्रेम गुरु द्बारा संपादित एवं संशोधित लेखक: जीत शर्म…

मेरी प्यारी मोना

प्रेषक : राहुल दोस्तो, अन्तर्वासना पर कई लोगों ने अपन…

अरमान पूरे किए

प्रेषक : अरमान सबसे पहले सभी को हाथ जोड़ कर नमस्ते। …

मसाज़ बॉय सेक्स: पति के सामने मालिश वाले से चुदी

दोस्तो, मैं आपकी दोस्त कविता एक बार फिर से आप लोगों…

अतुलित आनन्द-2

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हमने एक दूसरे को देखा, अब आँखो…

अब्बु और भाई-1

हेल्लो अन्तर्वासना के पाठकगण! कैसे हैं आप सब! इस बार…

मस्ती की रात-1

दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी स्विमिंग पूल बना मस्ती…

कामना की साधना-3

उसने रसोई की तरफ झांककर देखा और वहाँ से संतुष्ट हो…