घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-3
रात का खाना खा कर जब मैं सोने के लिए बिस्तर पर लेट…
घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-7
मैंने उन्हें उत्तर देते हुए कहा- आंटी, आप कह रही थी…
घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-6
अगले दिन पापा के ऑफिस जाने के बाद मैंने कॉलेज से …
घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-5
मैं आंटी के पीछे पीछे बाहर जा कर उनसे कहा- मुझे म…
घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-2
अगले दिन जब मैं कॉलेज से वापिस आया तब मुझे ऋतु आं…
घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-1
अन्तर्वासना के पाठकों एवं पाठिकाओं को सिद्धार्थ का प्र…
तन का सुख-2
लेखक : राज कार्तिक तभी कमल ने सुधा को जाने को कहा …
तीसरी कसम-4
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना मैं अभी अपने ख्यालों में …
अब आया मज़ा?
प्रेषक – नन्द कुमार मेरे दोस्त की शादी थी। उसकी शादी…
तीसरी कसम-2
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हे लिंग महादेव ! अगर मुझ…