दिल्ली में मिला मेरी चुत की कामुकता का इलाज-2

मैंने व्हिस्की के दो पेग भरे और उसे लेकर बाथरूम में चली गई. शॉवर के नीचे नहाते नहाते हम पी रहे थे. एक दूसरे को चूम रहे थे. सहला रहे थे.

अगले एक घंटे में हम दोनों 3 पेग पी गए. शराब का सुरूर छा रहा था और पीटर की उंगलियाँ मेरी चुत और गांड में भूकंप मचा रही थी.

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. पीटर ने अब बड़े ही सलीक़े से मेरी चुत और गांड को चाटना चालू किया और मैंने उसका पूरा लंड चूसना चालू किया। इस बीच मैं दो बार झड़ गई.

हम दोनों कुछ ही देर में फिर से गर्म हो गए. पीटर ने मुझे कुतिया की तरह खड़ा किया और बीना किसी वार्निंग सीधा अपना लंड मेरी गांड के छेद में डाला। मैं जोर से चीख उठी ‘आआआह्ह ह्ह्ह्ह आआईईई… मार डाला मादरचोद ने… उफ्फ्फ निकाल उसे कुत्ते! मेरा बदन पसीना पसीना हो गया, दर्द के मारे मेरी पेशानी पे बल पड़ गए. रोते रोते मैं अपना हाथ पीछे ले गई तो पाया कि अभी तो उसके लंड का केवल सुपारा ही मेरी गांड में घुसा है.

पीटर ने कुछ देर मेरी पीठ सहलाई और मेरी कमर पकड़ कर जोर से झटका मारा। उसका लंड मेरी गांड फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मैं बहुत जोर से चिल्लाई- आआआईईईई फाड़ दी माँ… बचा लो कोई… ये मादरचोद मुझे मार डालेगा।

मगर पीटर पे कोई फर्क नहीं पड़ा, उसने पोजीशन ली और धकाधक मेरी गांड मारनी चालू की. दर्द के मारे मेरी तो आवाज ही बंद हो ग़ई थी, आँखों से पानी बह रहा था. अब मैंने अपने आप को पीटर के हवाले कर दिया और आँखें बंद करके गांड मरवाने का मजा लेने लगी.

करीब दस मिनट बाद पीटर ने मेरी गांड से लंड निकला और फिर मेरे मुँह में दिया। मैं उसका लंड हिला हिला कर चूस रही थी.

तभी पीटर ने मेरे बाल पकड़े और उखड़ी सांस में कहा- निकी, मेरा होने वाला है. पी ले मेरा पानी मेरी रांड, आज से तू मेरी कुतिया बन के रहेगी, पूरा पानी पी जा कुतिया, ले मेरा छूटा! और इसके साथ ही उसने मेरा मुँह उसके वीर्य से भर दिया, इतना कि मैं उसे पूरा भी निगल नहीं पाई. कुछ कुछ तो मेरे होटों के कोने से होते हुए मेरे मम्मों पे गिर गया. मगर अब मेरे में थोड़ी भी ताकत नहीं थी कि मैं उसे साफ़ करती।

एक दूसरे की बाहों में हम कब सोये, ये हमें मालूम ही नहीं पड़ा.

देर रात मेरी नींद चुत में कुछ गुदगुदी महसूस करके खुली। देखा तो वो एक हाथ से चुची दबा रहा था, एक हाथ नीचे मेरी चुत पर रख कर उसको मसल रहा था और एक चुची मुँह से चूस रहा था. मैं उसके नीचे पड़ी थी, उसकी इन सभी हरकतों से मेरी कामुकता जाग गई थी. मैं एकदम मस्त हो गई थी और आवाज़ निकल रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मेरी चूत भी गीली होने लगी थी.

अब वो नीचे आ गया और मेरे पैरों के बीच अपना मुँह रखा और मेरी चूत पर अपनी जुबान रख कर मेरी चूत पर फिराने लगा. यह होते ही मैं पागल सी हो गई और मेरा पानी निकल गया. वो मुझे देखकर मुस्कुराया और कहने लगा- सो यू लाइक इट… वॉंट इट मोर? मैंने हाँ में अपनी गर्दन हिलाई और वो मेरी चूत को चाटने लगा. एकदम अंदर तक उसकी जीभ जा रही थी.

कुछ देर बाद मैंने फिर से पानी छोड़ दिया, मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं दूसरी बार इतने छोटे टाइम में झड़ चुकी थी! यह मेरे साथ कभी कभार ही होता था और वो भी सेक्स के बाद जब लड़का मेरे साथ और कुछ करता… तब! लेकिन इसने तो करने से पहले ही मुझे पूरा गीला कर दिया.

वो उठ गया, मैं बेड पे लेटी हुई थी. उसका लंड अब पूरा टाइट था- नाउ बेबी… थिस बुल विल राइड ओन यू… आर यू रेडी नाऊ? और वो मेरे करीब आया, मेरे दोनों पैरों को उसने उठाया और दोनों को एक दूसरे से दूर कर दिया, इसकी वजह से मेरी चूत काफ़ी खुल गई थी. उसने अपना लंड मेरे चूत पे रखा और एकदम अंदर ही डाल दिया. आधा एक ही झटके में अंदर… उफ्फ… एकदम से मुझे शॉक लगा और मैं कसमसा गई. मैं अंगड़ाई लेने लगी दर्द के कारण, लेकिन उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी.

अब उसने मेरे दोनों पैर उसके कंधे पर रख दिए और हाथ मेरे हाथों पर… पूरा लॉक कर दिया था हरामी ने मुझे। वो धकापेल लंड अंदर बाहर करने लगा था, मुझे दर्द हो रहा था लेकिन हल्का ही… इतना चुदने के कारण मेरी चूत उसके हलब्बी लंड को संभाल रही थी.

उसने एक हाथ से मेरे दोनों हाथ ऊपर कर दिए, बेड के सहारे पकड़ कर दबा दिए, पैर नीचे कर दिए फैला के… एक हाथ से वो मेरी चुची को दबा रहा था, कभी कभी नाभि को सहला रहा था, बीच बीच में मेरी आर्म पिट को चूम रहा था.

अब उसने चोदने का स्पीड और बढ़ाई, जैसे जैसे उसने स्पीड बढ़ाई, वैसे वैसे मेरा दर्द बढ़ता गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो बहुत तेज़ी से बाहर जाता और एकदम रॉकेट की तरह अंदर तक आता. जब वो अंदर आता था, मैं पूरी हिल जाती थी, मेरा पूरा शरीर हिलता था, बेड भी आवाज़ करता था. मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थी.

उसकी स्पीड बढ़ने से मेरी आवाज़ भी बढ़ गई थी, मैं जोरों से दर्द से चिल्ला रही थी और वो और ज़ोर से चोद रहा था.

फिर उसने मुझे उल्टा लिटाया, अब मेरे चूतड़ उसकी तरफ थे. उसने मेरे पैर फैला दिए और मेरे ऊपर लेट गया, मेरे हाथों को कस के पकड़ा और उसका लंड सीधा अंदर चूत के… ऐसा पोज़ मैंने कभी नहीं किया था. वो अंदर बाहर कर रहा था… काफ़ी तेज उसकी हरकत थी. वो जब भी मेरी गांड पे टकराता, जोर की आवाज़ आती थी. सारा कमरा उसकी आवाज़ से गूंजने लगा. मैंने फिर एक बार पानी छोड़ दिया.

उसने मेरी कमर को पकड़ा और बहुत तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मेरी चूत बहुत गीली हो गई थी, वो आसानी से अंदर बाहर कर रहा था. फिर वो बिस्तर पर लेट गया और मुझे अपने लंड के ऊपर बिठा लिया. लंड मेरी चूत को खोलता हुआ अंदर तक घुस गया. मैं उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगी. वो मेरे मम्मे को दबा रहा था. मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुकी थी, बहुत तेज़ी से ऊपर नीचे कर रही थी.

इतने मेरा पानी निकल गया लेकिन वो अभी तक पूरा टाइट था. वो वैसे ही मुझे पकड़ कर उठ गया और मुझे हवा में उठा लिया दोनों हाथों से… मेरे पैर उसकी कमर पर लिपटे हुए थे और हाथ गर्दन पे लिपटे थे. उसने उसी पोज़ में अंदर डाला और हवा में ही चोदने लगा. मेरी चूत का पानी उसके लंड से नीचे उसकी जांघों तक बह रहा था. चूत तो काफ़ी गीली थी वो सटासट अंदर डाले जा रहा था.

उसके बाद उसने मुझे नीचे उतारा और दीवार के सामने खड़ा करके मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया और पीछे से मेरे चूत के अंदर अपना पहाड़ सा लंड डाल दिया और मेरी चुची पे हाथ रख कर उसको सहलाने लगा. इतने में मैंने फिर से पानी छोड़ दिया. 25 से 30 मिनट से वो मुझे अलग अलग पोज में चोद रहा था. ऐसे में उसने मुझे एकदम कस के पकड़ा और बोला- निकी, आई एम कमिंग! और मुझे एकदम कस के पकड़ के उसका पानी छोड़ दिया.

थोड़ी देर बाद वो अलग हो गया.

मैंने बाथरूम जाकर खुद को साफ किया मैंने वापिस आकर दारु की बोतल सीधे मुँह को लगाई और जब तक पेट में जलन नहीं हुई तब तक पीती गई. उसके बाद मैंने अपना गाऊन पहनना चाहा क्योंकि मुझे लगा कि इस राउंड से उसका पेट भर गया अब और नहीं माँगेगा.

लेकिन उसने मुझे रोका, इतनी देर में वो फिर से टाइट हो चुका था. उसने मुझे फिर बिस्तर पे लेकर दो बार और चोद दिया और हम दोनों वहीं बिस्तर पर एक दूसरे की बाहों में सो गए.

सुबह दस बजे जब आँख खुली तो पाया कि पीटर अभी भी सो रहा था. मैं उठकर फ्रेश हुई. कॉफ़ी पीते पीते मैं यही सोच रही थी कि आज तक मैं कितने लड़कों से चुदी थी मगर एक रात में 5 बार मुझे बजाने वाला कोई ना मिला था और मैंने भी अपनी जिंदगी में चुत से इतना पानी कभी नहीं छोड़ा था. मुझे लगा कि पीटर के साथ ये दोस्ती पता नहीं क्या क्या और गुल खिलने वाली होगी।

यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा. आपकी अपनी सेक्सी कामुक रंडी निकी [email protected]