रैगिंग ने रंडी बना दिया-57

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अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि संजय ने घर के सभी लोगों के सो जाने के बाद अपनी भांजी पूजा की चुत चोदने का मन बना लिया था और अब वे दोनों चुदाई का खेल शुरू करने वाले हैं. अब आगे..

पूजा खुद मस्त चुदाई के मूड में थी- अच्छा ये बात है.. तो मेरे प्यारे मामू, कपड़े मैं निकालूं या आप निकालोगे? संजय- तू इत्ती सी है मगर बहुत पॉवर वाली लड़की है. तेरा इस उम्र में ये हाल है.. तो बड़ी होकर पता नहीं क्या गुल खिलाएगी? पूजा- मुझे अपने ही ऐसा बनाया है मामू अब बोलो ना.. मैं अपनी चुत का ढक्कन निकालूं क्या? संजय- अब निकाल भी दे क्या पूछ रही है.. आज तुझे जमकर चोदना ही पड़ेगा, तब तू शांत होगी. नहीं तो कल फिर तू शुरू हो जाएगी.

पूजा को कपड़े उतारने की कहने की देर थी.. वो झट से नंगी हो गई. तब तक संजय ने भी कपड़े निकाल लिए थे और वो खड़ा ही रहा ताकि पूजा आराम से उसके लंड को चूस सके.

पूजा मज़े से संजय के लंड को चूसने लगी और उसकी आँखों में अब नशा चढ़ गया था. थोड़ी देर बाद वो खड़ी हो गई और संजय को किस करने लगी. संजय- क्यों मेरी जान, तेरी चुत में आज बड़ी आग लगी है. पूजा- जब पता है.. तो क्यों आप तड़पा रहे हो. अब तो मुझे आपके लंड से चुदे बिना रात को नींद भी तो नहीं आती. संजय- अच्छा ये बात है तो मेरी जान आज तेरी गांड का भी मुहूर्त कर ही देता हूँ. पूजा- नहीं मामू.. वहाँ बहुत दर्द होगा और घर में सबको पता चल जाएगा.

संजय- देख कल.. पापा का फ़ोन आया था, वो दो दिन के लिए गए थे, मगर उनको वहाँ काम के चक्कर में ज़्यादा रुकना पड़ गया. मगर अब उनका काम हो गया, तो अब वो कभी भी वापस आ सकते हैं. उनके आने के बाद हम रात को चुदाई नहीं कर पाएँगे. पूजा- ऐसा क्यों मामू, रात को क्या होगा? संजय- अरे पागल लड़की तुम्हारे पापा आ जाएँगे तो तुम यहाँ थोड़ी रहोगी रात को! पूजा- ओह हाँ सॉरी.. भूल गई थी तो फिर? संजय- उनके आने से पहले तेरी गांड का भी मुहूर्त कर ही देता हूँ फिर आराम से हम दोनों दोपहर में मज़ा करेंगे. पूजा- लेकिन अगर मैं चिल्लाई तो क्या होगा? संजय- अरे पगली उस वक़्त तो नादान थी मगर अब तो चुदवा कर तुझे पता चल गया है. बस थोड़ी हिम्मत से काम लेना.. मैं आराम-आराम से तेरी गांड मारूंगा. पूजा- ठीक है मामू मगर पहले मेरी चुत ही मार लो.. चुत में बहुत खुजली हो रही है.

संजय ने पूजा को बेड पे लिटाया और उसकी चुत को हवा में उठाकर चूसने लगा. पूजा- उफ मामू आह.. प्लीज़ आह.. ऐसे नहीं आह.. लंड डालो ना आह..

थोड़ी देर चुत चूसने के बाद संजय ने अपना लंड उसकी चुत में पेल दिया और ज़बरदस्त चुदाई करने लगा. पूजा- आह.. आह चोदो मेरे प्यारे मामू आह.. अपनी प्यारी भांजी को आह.. सस्स एयेए नहीं उफ आह.. जोर से चुदाई करो आह..

संजय ने 15 मिनट तक पूजा की जमकर चुदाई की, फिर उसे घोड़ी बना दिया और लंड पेल दिया. पूजा- आह.. मामू आराम से चुत चुदाई करो उफ आह.. मज़ा आ रहा है चोदो पूरा चुत के अन्दर तक पेलो.. आह..

संजय चुदाई के साथ-साथ पूजा की गांड के छेद पर भी अपने मुँह से गीली करके उंगली घुमा रहा था. जब उंगली अन्दर घुसने लगी तो वो धीरे-धीरे उंगली को अन्दर-बाहर करने लगा. पूजा- आह.. आ उई मामू नहीं आह.. दर्द हो रहा है आह.. चुत में तेज करो आह.. मामू मेरा आह.. पानी आ रहा है फास्ट करो आह..

संजय ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूजा की चुत बहने लगी फिर संजय ने उसको सीधा लेटा कर काफ़ी देर चोदा, तब जाकर उसका पानी निकाला. लंड का पानी निकाल कर संजय भी पूजा के बराबर में लेट गया.

संजय- मेरी जान तुम्हें कितना भी चोद लूँ मगर तुम थकती नहीं हो, ऐसा क्या है तुम्हारे अन्दर.. समझ नहीं आता. पूजा- हा हा हा ऐसा क्या होगा, कुछ भी नहीं.. बस आप बहुत अच्छे से चोदते हो. संजय- अबकी बार तेरी गांड मारूँगा तब बोलना मैं अच्छा हूँ या बुरा. पूजा- मामू एक बात कहूँ.. प्लीज़ आज रहने दो.. आप मेरी चीख तो दबा दोगे मगर वहाँ बहुत दर्द होगा और मेरी चाल भी बदल जाएगी, इससे कहीं मेरी मॉम को पता ना लगा जाए.

संजय ने पूजा की बात पे गौर किया तो उसे लगा वो ठीक कह रही है. कहीं सुबह कुछ गड़बड़ हो गई तो लेने के देने पड़ जाएँगे. संजय- सही कहा तुमने.. मैंने ये बात सोची ही नहीं, तुझे कैसे ये बात सूझी? पूजा- आप भूल गए उस दिन मेरी चुत फाड़ी थी, कितना दर्द हुआ था. वही हाल गांड का भी होगा तो बस मैंने आपको बता दिया और वैसे भी दर्द मुझे हुआ था आपको नहीं.. फिर ये बात आपको क्यों याद रहेगी. संजय- अरे अरे मेरी जान को इतना दर्द हुआ था.. चल आज तेरी चुत को ही ठंडा करता हूँ.. गांड का प्रोग्राम अपने उसी घर में फिर कभी बना लेंगे.

पूजा- हाँ ठीक है यही सही रहेगा.. अबकी बार तो मैं आपके ऊपर बैठ कर चुदूँगी. संजय- जैसी तेरी मर्ज़ी चुद लेना, चल थोड़ा गर्म कर दे लंड को, फिर मैं तेरी दुबारा चुदाई करता हूँ.

पूजा ने फिर लंड चूसना शुरू कर दिया और जल्दी ही उसे खड़ा कर दिया. फिर दोनों 69 के पोज़ में आ गए और मस्ती करने लगे. संजय ने थोड़ी देर बाद पूजा को अपने लंड पे बैठा लिया और उसकी चुदाई शुरू हो गई. दो घंटे में संजय ने पूजा को 3 बार चोदा उसको एकदम थका दिया और फिर दोनों चिपक कर सो गए.

दोस्तो, इनकी तो चुदाई हो गई चलो थोड़ा सा ध्यान टीना पर भी डाल देते हैं. रात को टीना और मॉंटी कमरे में लेटे हुए थे.

मॉंटी- दीदी आज सुमन दीदी ने पहले मेरा इलाज किया, फिर मैंने उनका किया उसमें बहुत मज़ा आया मुझे.. और फिर मेरी लूली खड़ी हुई तो दीदी ने फिर इसको चूस कर रस निकाला. टीना- अच्छा इसका मतलब आज तो तूने बड़े मज़े लिए! मॉंटी- दीदी एक बात बताओ.. आपने तो मेरा ऐसा इलाज कभी नहीं किया और आपको खुजली नहीं होती क्या.. मैं आपका भी इलाज कर दूँगा. टीना- अच्छा बेटे, सुमन से मन नहीं भरा जो अब तू मुझे नंगी करके मज़ा लेना चाहता है? मॉंटी- तो इसमें क्या है दीदी आप तो मेरी सग़ी दीदी हो.. आपका हक़ तो ज़्यादा है ना. टीना- अच्छा अच्छा जब खुजली होगी तो तुझे बता दूँगी.. अभी सो जा, सुबह स्कूल भी जाना है समझे!

चलो दोस्तो, रात तो ख़त्म हुई सबके चुदाई के प्रोग्राम आपने देख लिए.. अब सीधे सुबह ही देखते हैं कि आज का सूरज किस-किस की लाइफ में क्या-क्या रोशनी बिखेरेगा.

रोज की तरह गुलशन जी चाय पी रहे थे, आज सुमन भी जल्दी उठ गई थी, वो अपने पापा के पास आई और उन्हें ‘गुड मॉर्निंग’ कहा. गुलशन- वाह भाई.. आज मेरे बुलाने के पहले ही तुम रेडी हो गई.. मगर सुमन तूने नए वाले ड्रेस क्यों नहीं पहने? सुमन- पहनना तो मुझे ही है, पापा मगर आज नहीं उसका सही वक़्त आएगा तब मैं पहनूंगी. गुलशन- अब आज पहन या कल, तेरी मर्ज़ी है. वैसे आज तू जल्दी कैसे उठ गई?

सुमन- कुछ खास नहीं पापा ऐसे ही उठ गई. और आप बताओ आपका मूड कैसा है? गुलशन- अरे भाई मेरे मूड को क्या होगा.. अच्छा ही है. कुछ चाहिए क्या तुम्हें.. सीधे ही बोल दो हा हा हा हा. सुमन- नहीं पापा, मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मेरे लिए आपका प्यार ही बहुत है. अगर आप बुरा ना मानो तो आपको हग कर लूँ, मैं आज आप बहुत अच्छे वाले पापा लग रहे हो. कल आपने मुझे कितना अच्छा सरप्राइज दिया था ना..! गुलशन- हा हा हा… अरे कल तो तूने इतना थैंक्यू बोल दिया था. चल तेरा मन है तो आ जा लग जा मेरे गले से!

सुमन के मन में क्या था ये तो भगवान ही जाने या फिर सुमन जाने, चलो आगे देखो अब ये क्या गुल खिलाती है.

सुमन अपने पापा से जोर से लिपट गई और उसका पूरा ध्यान सिर्फ़ पापा की पैन्ट में फूले रहे उनके लंड पर ही था. उसने जो सोचा, वही हुआ भी, उसके चिपकते ही गुलशन जी के लंड में तनाव आने लगा. लंड का तनाव महसूस करते ही सुमन और कसके अपने पापा से अपने दूध रगड़ते हुए चिपक गई. सुमन इतनी जोर से चिपकी थी कि उसके चूचे गुलशन के सीने में चुभने लगे थे. सुमन पर उत्तेजना सवार थी, जिससे उसके निप्पल एकदम हार्ड हो रहे थे.

गुलशन जी को लगा कि उनका लंड पैन्ट फाड़ कर बाहर आ जाएगा और सुमन को पता चल जाएगा कि उसका अपना बाप उसके जिस्म की गर्मी से पागल हो रहा है. गुलशन- बस हो गया.. चल अब मुझे जाने दे, देर हो रही है.

गुलशन जी ने सुमन को अलग कर दिया मगर अपनी पैन्ट का उभार सुमन से ना छुपा सके.. सुमन की नज़र वहीं लंड पर टिकी थी.

गुलशन- अच्छा अब मैं चलता हूँ. सुमन- ओके पापा आप जाओ और कोई परेशानी हो, तो मुझे बता देना. मैं आपकी ‘मदद’ कर दूँगी. ठीक है..! सुमन ने यह बात कुछ अलग अंदाज से कही थी, जो गुलशन जी को भी अजीब लगी. वो कुछ नहीं बोले बस मन में कुछ दुविधा लिए वहाँ से चले गए.

हेमा किचन में काम कर रही थी तो सुमन उनके पास चली गई और काम में उनका हाथ बंटाने लगी. हेमा- अरे रहने दे मैं कर लूँगी.. तुझे क्या आज कॉलेज नहीं जाना? सुमन- अभी टाइम है.. मैं चली जाऊंगी ना.. काम के बहाने आपसे बात भी कर लूँगी.

दोनों माँ-बेटी बातें करने लगीं. अचानक सुमन को ना जाने क्या सूझा कि उसने अपनी माँ से ऐसा सवाल कर लिया जिसकी उम्मीद उसकी माँ को बिल्कुल भी नहीं थी कि सुमन कभी ये सवाल भी पूछेगी. सुमन- माँ एक बात है जो अक्सर मेरे दिमाग़ में आती है, कई बार मैंने सोचा आपको पूछूँ… फिर भूल जाती हूँ. हेमा- अरे ऐसी क्या बात है जो मेरी बेटी को परेशान कर रही है, चल आज पूछ ही ले तू! सुमन- माँ आप मेरी बात का बुरा तो नहीं मनोगी ना… पहले प्रॉमिस करो! हेमा- अरे तू ऐसा क्या पूछने वाली है जो मुझे बुरा लगे, चल पूछ मैं तुझे कुछ भी नहीं कहूँगी. सुमन- माँ, मैं आपकी एक ही बेटी हूँ.. कोई और भाई-बहन क्यों नहीं है? हेमा- ये कैसा सवाल है? भगवान की मर्ज़ी नहीं हुई बस! सुमन- प्लीज़ माँ आप नाराज़ मत हो.. क्या बाद में हुए नहीं.. या आपने और पापा ने और बच्चे किए नहीं? बताओ ना माँ प्लीज़..!

मित्रो, आपसे एक इल्तिजा है कि आप मेरी सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.

[email protected] कहानी जारी है.

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