रैगिंग ने रंडी बना दिया-63

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अब तक की इस जवानी की कहानी में आपने पढ़ा कि सुमन और टीना दोनों कल रात संजय के लंड की गई मस्ती की बातें करते हुए मजा ले रही थीं. अब आगे..

अचानक सुमन बोलते-बोलते चुप हो गई. टीना- अरे क्या हुआ बोल ना क्या मगर..? सुमन- दीदी मेरी चुत बहुत छोटी है, इसमें इतना बड़ा लंड कभी नहीं जा ही सकता, इसमें बहुत दर्द होगा ना..! टीना- तू एकदम पागल है, दुनिया में कोई ऐसी चुत नहीं.. जो लंड ना ले सके. अरे मेरी जान ये चुत दिखती छोटी है.. मगर बड़े से बड़ा लंड खा जाती है. तू जब तक ट्राइ नहीं करेगी, तुझे पता कैसे लगेगा? सुमन- आपकी बात सही है मगर अभी नहीं.. जब मुझे लगेगा, मैं आपको बता दूँगी. फिलहाल आप मेरे पापा के लिए कुछ बताने वाली थीं.. वो बताओ.

टीना- आइडिया तो है यार मगर तू कर पाएगी क्या.. वो सोच रही हूँ. सुमन- आप बताओ तो दीदी.. मैं पापा को खुश देखना चाहती हूँ बस. टीना- देख इसके लिए हमको कोई ऐसी लड़की ढूँढनी होगी जो तेरे पापा के साथ सेक्स करने को मान जाए. सुमन- ऐसी लड़की अगर मिल भी गई तो पापा नहीं मानेंगे ना. टीना- मानेंगे.. जरूर मानेंगे, अगर हम उनकी तड़प को इतना बढ़ा दें कि बिना सेक्स किए वो रह ना पाएं, तो वो मान जाएँगे. सुमन- वो कैसे.. मैं कुछ समझी नहीं?

टीना- सुन संजय ने तुझे चुत चूस कर मज़ा दिया और तुझे इतना तड़पाया.. तू उसके सामने कैसे मजबूर हो गई थी. अगर उस वक़्त मैं ना रोकती, तो वो तेरी चुत में लंड घुसा देता और मुझे पता है कि तू भी उसे नहीं रोक पाती. सुमन- हाँ दीदी सही है, मैं उस वक़्त बहुत गर्म हो गई थी. टीना- बस यही तुझे अपने पापा के साथ करना है. उनसे किसी ना किसी बहाने चिपक, तेरे जिस्म की गर्मी उन्हें महसूस करा.. फिर देख वो कैसे तड़पते हैं और जब हमें लगेगा कि अब तेरे पापा की बर्दाश्त से बाहर है, हम किसी लड़की को उनके करीब ले आएँगे और वो उसे चोद देंगे. सुमन- ये आप क्या बोल रही हो दीदी.. मैं कैसे ये सब कर सकती हूँ.. नहीं नहीं मुझसे ये नहीं होगा, ये पाप होगा दीदी. वो मेरे पापा हैं. नहीं नहीं, मैं ऐसा सोच भी नहीं सकती. आप कुछ और सोचो. टीना- पागल मत बन.. मैं तुम्हें उनके साथ चुदाई के लिए नहीं कह रही.. समझी! अरे आज सुबह जो तू चिपकी वो क्या था हाँ? तूने उन्हें चैक किया ना.. बस वैसे ही करना है और तेरे सिवा ये कोई नहीं कर सकता. तुझे उनकी वासना को भड़काना होगा, तभी वो किसी और के साथ चुदाई करने को राज़ी होंगे. नहीं तो फिर देख ले, ऐसे एक ना एक दिन उनका गुस्सा बढ़ता जाएगा और कुछ भी हो सकता है.

टीना की दमदार बातों ने सुमन को हिला कर रख दिया. वो सोचने लगी कि अगर पापा को कुछ हो गया तो क्या होगा.

सुमन- नहीं दीदी प्लीज़ ऐसा मत कहो. मैं कोशिश करूँगी मगर पापा मेरे बारे में क्या सोचेंगे.. और मैं कैसे करूँ कुछ भी समझ में नहीं आ रहा? टीना- मैं किस लिए हूँ.. मैं तुझे आइडिया दूँगी कि कैसे तू अपने पापा को सिड्यूस करेगी समझी.. बस तुझे ये सब ऐसे करना है जैसे तुझे कुछ पता ही नहीं कि क्या हो रहा है. सुमन- थैंक्स दीदी, मगर इससे पापा कहीं मेरे लिए गंदा सोचने लगे तो? टीना- वो तो उसी दिन उन्होंने सोच लिया, जब पहली बार तेरे चिपकने से उनका लंड खड़ा हुआ था. अब तुझे बस उस आग को भड़काना है, हो सके तो अपने चूचे भी उनको दिखा देना.. इससे वो जल्दी काबू में आ जाएँगे. सुमन- इस्स.. क्या चूचे भी.. आप क्या बोल रही हो.. ये कैसे होगा और मैं शर्म से मर ना जाऊं.. ऐसा सुनकर मेरी जान निकल गई. नहीं दीदी ये मुमकिन नहीं है. टीना- सुमन एक पुरानी कहावत है कि जब ओखली में सर दे दिया तो मूसल से क्या डरना. अब तू उन्हें सिड्यूस करने निकली है तो मेरी जान ये सब करना होगा.. मगर तुम ऐसे सामने जाकर नंगी मत हो जाना.. हा हा हा नहीं तो सारा मामला बिगड़ जाएगा. सुमन- क्या दीदी आप भी ना कुछ भी बोल देती हो. अब ठीक से बताओ ना क्या करना है?

टीना- अरे मेरी भोली बहन, हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या.. सुन, तू मौका देखना कि पापा तेरे कमरे में आ रहे हों, बस उसी वक़्त कपड़े बदलने की एक्टिंग करना. उन्हें कुछ तो दिखेगा.. समझी तू ऐसे ही उनकी वासना जागेगी. सुमन- वो तो ठीक है दीदी मगर क्या मैं ये सब कर पाऊंगी? टीना- ये सब नहीं.. तुझे बहुत कुछ करना होगा. इतने से वो काबू नहीं आने वाले.

टीना ने सुमन को अच्छी तरह से समझाया कि कैसे उसे सब करना है. टीना की बातें सुनकर सुमन के पसीने निकल आए क्योंकि जो काम टीना ने बताए थे.. वो आसान नहीं थे.

अब आगे भी बढ़ो यार.. सारी बातें यहीं जान लोगे तो आपको आगे मज़ा कैसे आएगा, समझे कुछ..!

सुमन- दीदी मुझे बहुत डर लग रहा है कहीं कोई गड़बड़ ना हो जाए. टीना- कुछ नहीं होगा.. तू बस मेरी बातों को मानती रहना और हाँ, सबसे पहले तू अपनी मॉम से सुलह कर ले और उनसे प्यार जता. टीना की ये बात सुमन के समझ में नहीं आई वो बस सवालिया नज़रों से उसकी तरफ़ देखने लगी. टीना- ज़्यादा सोच मत.. मैं बताती हूँ, तू अपनी माँ के सुहाग को किसी और लड़की के लिए तैयार कर रही है. अब अगर तू उनसे ऐसे नाराज़ रहेगी तो उनका ज़्यादा ध्यान तुझ पर ही रहेगा और तू कुछ नहीं कर पाएगी. इसी लिए उनसे नॉर्मल हो जा, फिर वो ध्यान नहीं देंगी और तू अपना काम करती रहना.

सुमन को अब टीना की बातें समझ आ गई थीं. सीधी-साधी सुमन अब नए खेल की शुरूआत करने जा रही थी. आज टीना ने सुमन को वो काम करने को कह दिया था जो शायद एक रंडी भी ना करती. अपने ही बाप को सिड्यूस करना एक बड़ा काम था. मगर कहते है ना, बुरी संगत में रहोगे तो बुरा ही असर आएगा. अब सुमन क्या गुल खिलाती है, ये आगे पता लगेगा.

इन दोनों की मीटिंग ख़त्म होने के बाद सुमन वापस घर चली गई और प्लान के हिसाब से अपनी माँ से ठीक से पेश आने लगी.

दोस्तो यहाँ भी अब कुछ बताने को नहीं है, तो चलो फ्लॉरा से मिल लेते हैं वैसे भी बहुत दोस्तो की शिकायत है कि मैंने फ्लॉरा को कहाँ गायब कर दिया, तो आओ उसी को देखते हैं.

कॉलेज के बाद फ्लॉरा अपने घर गई तो उसके पापा वहीं थे. फ्लॉरा- अरे पापा आप घर पे..! क्या बात है?

जॉय- अरे कुछ नहीं.. आज थकान थी तो आ गया और वैसे भी तेरी मॉम घर पे नहीं है.. वो शाम को आएगी. फ्लॉरा- क्यों.. कहाँ गई हैं मॉम? जॉय- अरे वो उसकी कोई सहेली के घर प्रोग्राम है.. वहीं गई है, शाम तक आ जाएगी. चल जल्दी से फ्रेश हो ज़ा, हम साथ में लंच करते हैं फ्लॉरा- बस 5 मिनट रूको आप.. मैं अभी आई.

फ्लॉरा कमरे में गई और उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. साथ में ब्रा-पेंटी भी निकाल दी. अब वो एकदम नंगी थी. फिर वो वॉशरूम गई और हाथ-मुँह धोकर फ्रेश हो गई और कमरे में आकर उसने एक पतली सी नाइटी पहन ली और बाहर आ गई. इन कपड़ों में वो बहुत सेक्सी लग रही थी, बिना ब्रा के उसके चूचे उस नाइटी से साफ दिख रहे थे. वो जब खाने की टेबल पर जॉय के सामने बैठी तो उसके झुकने से उसके खरबूजे आधे से ज़्यादा बाहर निकल आए.

जॉय- तू कब सुधरेगी.. कपड़े तो ठीक से पहना कर! फ्लॉरा- ओह पापा प्लीज़.. आप भी मॉम की तरह शुरू मत हो जाओ. अब मॉम नहीं हैं, यही सोच कर मैंने ढीले कपड़े पहने हैं ताकि रिलेक्स रहूं और ढेर सारा खाना खाऊं. जॉय- अच्छा तुझसे जीतना मेरे बस का नहीं.. चल अब चुपचाप खाना खा.

दोस्तो, आपको मुझपे गुस्सा आ रहा होगा कि ये बाप और बेटी के बीच ऐसा क्या है, जो मैं बता नहीं रही. चलो आज मैं ये किस्सा सुना ही देती हूँ. नहीं तो पता नहीं आप क्या-क्या ख्याली पुलाव पका लोगे.

बात 5 साल पुरानी है. जब फ्लॉरा छोटी थी और अपने मॉम-डैड की लाड़ली बेटी थी. इनके बीच सब कुछ अच्छा चल रहा था. एक दिन जॉय के बड़े भाई का फ़ोन आया कि उसका बेटा जॉन इंडिया आ रहा है, तो बस जॉय और ममता खुश थे कि पहली बार उनके घर जॉन आ रहा है.

शाम को जॉन जब आया तो सब बहुत खुश थे. वैसे आपको बता दूँ कि जॉन 23 साल का नौजवान लड़का था.. उसकी 5 फुट 8 इंच की हाईट थी और मस्त बॉडी थी. उसको इंडिया से बहुत लगाव था इसलिए वो अपने पापा से ज़िद करके इंडिया पढ़ने आ गया था. चलो अब आगे का हाल देखो.

फ्लॉरा उस टाइम खिलती कली थी और वो बहुत चंचल भी थी. जॉन के आने से वो खुश थी.

कुछ दिन सब नॉर्मल चला. जॉय और ममता अब जॉन के आ जाने से बहुत खुश थे और फ्लॉरा भी स्कूल से आकर बस जॉन के साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताती थी, भाई-भाई की रट लगाती रहती और नई-नई फरमाइशें करती.

एक महीने में जॉन घर का सदस्य बन गया. अब जॉय और ममता भी बाहर चले जाते, उन्हें अब फ्लॉरा की टेंशन नहीं थी क्योंकि जॉन उसका अच्छे से ख्याल रखता था.

एक बार फ्लॉरा स्कूल से आई और अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गई. उसने एक ग़लती कर दी.. डोर बंद नहीं किया और ऐसे ही स्कूल ड्रेस को निकाल लिया. उसी वक़्त जॉन वहां से गुजरा और उसकी नज़र जब फ्लॉरा पर गई, वो एकदम नंगी थी. उसके छोटे छोटे चूचे और कसी हुई चुत देख कर उसका लंड झटके खाने लगा.

सुबह तक वो फ्लॉरा को बहन मानता था मगर अब उसी को चोदने का सोचने लगा. उसके दिमाग़ में वासना ने घर कर लिया. जब फ्लॉरा ने कपड़े बदल लिए वो वहां से चला गया और सोचने लगा कि फ्लॉरा इतनी भी छोटी नहीं है. वो तो एकदम मस्त माल है, इसके तो मज़े लेने चाहिए.

जॉन अब सारा दिन यही सोचता रहता कि कैसे इसे पटाऊं और इसकी कमसिन जवानी को मसलूँ.

वैसे तो फ्लॉरा सारा दिन उसके साथ ही रहती थी, खेलती थी.. मगर जॉन को इतना मौका नहीं मिल रहा था कि वो कुछ कर सके.

दोस्तों, आप मुझे मेरी इस जवानी की कहानी पर कमेंट्स मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.

[email protected] जवानी की कहानी जारी है.

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