रैगिंग ने रंडी बना दिया-93

इस पोर्न स्टोरी में आपने पढ़ा कि बेटी अपने बाप से चुदने के लिए राजी है लेकिन उसने एक दिन का समय माँगा. आज बाप-बेटी में वासना का खुला और नंगा खेल हुआ जिसमें लंड चुत की खुल कर चुसाई हुई. अब आगे..

सुमन और गुलशन जी कल होने वाली चुदाई की आशा लिए सो गए.. मगर दोपहर को एक और घटना हुई थी तो चलो पहले वो देख लेते हैं.

कॉलेज के बाद जब फ्लॉरा घर गई तो आज फिर उसकी मॉम बाहर गई हुई थी और जॉय घर पर ही था. दोनों बाप-बेटी ने साथ में खाना खाया. फिर फ्लॉरा अपने कमरे में चली गई और जॉय अपने कमरे में चला गया.

फ्लॉरा की आदत तो आपको पता ही है, उसकी मॉम घर पे नहीं होती तो वो अधनंगी रहती है. फ्लॉरा ने ब्रा और पेंटी निकाल दी और एक शॉर्ट नाइटी पहन कर बिस्तर पे लेट गई. उसको थोड़ी ही देर हुई थी कि वहां कहीं से कोई कीड़ा या ततैया आया और उसकी जाँघ पर काट लिया, जिससे उसको बहुत तेज जलन हुई और वो ज़ोर से चिल्लाई.. जिसे सुनकर जॉय भागता हुआ उसके कमरे में आ गया. जॉय- क्या हुआ फ्लॉरा.. ठीक तो हो.. तुम इतनी ज़ोर से क्यों चिल्लाई थीं? फ्लॉरा- आह.. सस्स पापा पता नहीं.. मैं लेटी हुई थी तो अचानक जाँघ पे किसी कीड़े ने काटा.. आह बहुत जलन हो रही है पापा. जॉय- रूको, मुझे देखने दो क्या हुआ है.

जब जॉय ने देखा तो सच में जाँघ पे लाल निशान था, शायद कोई ज़हरीला कीड़ा होगा लेकिन साथ ही साथ जॉय की नज़र फ्लॉरा बेटी की फूली हुई चुत पर भी गई जो एकदम चिकनी चमक रही थी. जॉय- किसी कीड़े ने काटा है, रुक, मैं दर्द का स्प्रे मार देता हूँ अभी ठीक हो जाएगा और तू पेंटी क्यों नहीं पहनती? ऐसे क्या बार बार बोलना अच्छा लगता है? फ्लॉरा- पापा प्लीज़ ये भाषण बाद में दे देना, पहले इस दर्द का कुछ करो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी आह.. बहुत जलन हो रही है.

जॉय ने जल्दी से दर्द का स्प्रे मार दिया और वहां कुछ क्रीम भी लगा दी ताकि फ्लॉरा को आराम मिल जाए.

कुछ पल बाद.. जॉय- क्यों बेटा अब ठीक है ना. फ्लॉरा- हाँ पापा ये दर्द तो ठीक हो गया मगर आपके छूने से दूसरा दर्द शुरू हो गया. उसका भी इलाज कर दो ना आप. जॉय- फ्लॉरा बस करो, क्यों बार-बार इसी बात पे आ जाती हो. मैंने तुमसे कितनी बार कहा कि कॉलेज में दोस्त होंगे, उनसे ये बातें करो.. चाहे तो एंजाय करो मगर मुझे तुम इस पाप का हिस्सा मत बनाओ. फ्लॉरा- आप लाख मना करो मगर सच यही है कि आपने मुझे ऐसा बनाया है और जब तक आप मेरी इच्छा पूरी नहीं करते.. मैं ऐसे ही करती रहूंगी. देखती हूँ आप कब तक साफ नियत का ढोंग करते हो. जॉय- झूठ है ये.. मैंने सिर्फ़ बीमारी के कारण वो सब किया था और तुम तो पहले ही जॉन के साथ सब कुछ कर चुकी थी. तुम्हें ज़रा भी शर्म नहीं आई वो तेरा भाई था और अब भी तू कहाँ सुधरी है. कितनी बार तू बाहर करके आई है.. मैं क्या इस सबसे अनजान हूँ? फ्लॉरा- ऐसे घुमा के क्यों बोल रहे हो.. साफ-साफ बोलो ना चुदाई करवा के आई हूँ. हाँ करती हूँ बाहर चुदाई.. मगर मेरी इच्छा है आपके साथ एक बार सोऊं क्योंकि आपके जैसा मर्द शायद ही कहीं होगा.

जॉय ने फ्लॉरा को एक कस के थप्पड़ मार दिया और गुस्से में बोला- दुनिया का कोई बाप अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं कर सकता और जो करता है वो बाप नहीं हवस का पुतला होता है. तू समझती क्यों नहीं, तू मेरे अंश से बनी है. अब तू चाहती है मैं वही अंश तेरे अन्दर डालूँ? नहीं कभी नहीं.. तू चाहे जो कर ले, मैं ये घिनौना काम कभी भी नहीं करूंगा. फ्लॉरा- अच्छा इतने ही आदर्शवादी हो तो पहले क्यों मेरी चुत को सहलाते थे.. क्यों मेरा पानी निकालते थे.. बोलो? जॉय- उस वक़्त हालात खराब थे और तेरी तड़प मुझसे देखी नहीं गई इसलिए वो पाप मैंने किया मगर अब नहीं करूंगा.

फ्लॉरा ने बहुत बहस की, मगर जॉय नहीं माना और वहां से अपने कमरे में जाकर कमरा बंद कर लिया. दोस्तो फिर वही सवाल खड़ा हो गया कि आख़िर पहले क्या हुआ था. ना ना.. गुस्सा मत होना, अब आपने बहुत बर्दाश्त कर लिया तो मैं आज ये राज भी ख़त्म कर देती हूँ. फ्लॉरा की आधी कहानी तो आपको पता ही है.. तो चलो जॉन के जाने के बाद क्या हुआ वो भी आप देख लो.

जैसा कि मैंने पहले बताया है कि जब जॉन गया तो फ्लॉरा बहुत रोई थी और कुछ दिन उदास भी रही. उसके बाद उसने कॉलेज के एक लड़के से दोस्ती की और धीरे-धीरे वो दोनों घुलमिल गए. अब चुदाई भी होने लगी मगर वो लड़का ढीला था, फ्लॉरा जैसी सेक्सी लड़की को संतुष्ट नहीं कर सकता था, इसलिए उनका ब्रेकअप हो गया. फ्लॉरा फिर से अकेली हो गई और रातों को तड़पती रहती थी.

जॉय ने जब गौर किया कि फ्लॉरा उदास रहने लगी है तो उसने सोचा कि शायद कॉलेज में कोई प्राब्लम होगी. उसने फ्लॉरा से पूछा भी, मगर फ्लॉरा कुछ ना कुछ बहाना बनाकर जॉय को टाल देती. फिर जॉय ने एक दिन घूमने का प्रोग्राम बनाया और ये सब बाहर घूमने के लिए निकल गए.

जब शाम को घूम कर ये लोग वापिस आ रहे थे, तब रोड क्रॉस करते टाइम ममता को एक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी. एक पल में सब ख़ुशी गायब हो गई. वैसे तो ममता को ज़्यादा चोटें नहीं आई थीं मगर उसके सर में कोई अंदरूनी चोट लग गई, जिससे वो कोमा में चली गई. फ्लॉरा तो पहले ही उदास थी, अब तो वो एकदम गुमसुम हो गई और एक हंसता-खेलता परिवार बिखरने लगा. मगर जॉय बहुत ही सुलझा हुआ आदमी था, उसने फ्लॉरा को अच्छे से संभाल लिया और घर की सारी ज़िमेदारी जॉय अच्छी तरह निभा रहा था. मगर कहते हैं ना कि मुसीबत जब आती है तो हर तरफ़ से आती है.

उसी दौरान फ्लॉरा को एक अजीब बीमारी हो गई. उसके जिस्म पे अचानक लाल निशान पड़ गए जैसे कोई दाद हो. जब डॉक्टर को दिखाया तो पता लगा ये कुछ गम्भीर किस्म के चकत्ते से हो गए हैं जो कि एक किस्म की एलर्जी होती है, इसमें जिस्म पे कुछ भी नहीं पहना जाता क्योंकि इन चकत्तों पर कुछ भी टच होता है तो ये और फैलते हैं. इन पर तो बस क्रीम लगाओ और हवा लगने दो, तभी जल्दी ठीक होते है.

अब जॉय के सामने ये बहुत बड़ी समस्या आ गई थी. ममता कोमा में थी और ऐसा कोई रिश्तेदार भी नहीं था, जिसे वो घर बुला सके. जो करना था उसे ही करना था.. तो चलो डेढ़ साल साल पीछे जाकर खुद देख लो फ्लॉरा के साथ जॉय ने क्या किया था, जो आज ये नौबत आ गई कि फ्लॉरा बिंदास हो गई.

जॉय जब फ्लॉरा को लेकर घर आया, तो फ्लॉरा को खुजली होने लगी मगर जॉय ने उसे मना कर दिया कि रूको ऐसे मत करो. फ्लॉरा- पापा बहुत जलन हो रही है उफ्फ पूरा जिस्म जल रहा है.. मैं क्या करूँ. जॉय- रूको में अभी ठीक कर दूँगा. चलो मेरे साथ कमरे में आओ.

फ्लॉरा अपने पापा के साथ कमरे में चली गई तो जॉय ने दवाई टेबल पे रखी और फ्लॉरा को अपने पास बेड पे बैठा लिया. जॉय- मेरी बच्ची अब जो मैं कहूँ, उसे गौर से सुनना. तेरी माँ होती तो शायद ये प्राब्लम नहीं होती मगर अब जो करना है… मुझे ही करना है. तेरी इस बीमारी को जल्दी ठीक करना होगा.

जॉय की बात फ्लॉरा के बिल्कुल समझ नहीं आ रही थी- पापा प्लीज़ आप बातों में लगे हो. मेरी जान निकल रही है, जल्दी कुछ करो ना.. डॉक्टर ने जो दवा दी थी वो दे दो. जॉय- फ्लॉरा तू अपने कपड़े निकाल.. डॉक्टर ने क्रीम दी है, जिसे हर निशान पर अच्छे से लगाना होगा. फ्लॉरा- ये आप क्या बोल रहे हो पापा? आप बाहर जाओ.. मैं खुद से लगा लूँगी. जॉय- नहीं फ्लॉरा, तेरे जिस्म पर बहुत निशान हो गए हैं.. सभी तुझे नहीं दिखेंगे, ये मुझे ही करना होगा और वैसे भी आज से तू कपड़े नहीं पहनेगी. जब तक तू ठीक ना हो जाए समझी. फ्लॉरा- सीसी क्या.. नहीं पापा ये नहीं हो सकता, मुझे शर्म आ रही है आप कैसी बात कर रहे हो.. नहीं नहीं. जॉय- मेरी बेटी ये बीमारी को ठीक करने का यही एक तरीका है, वरना कुछ भी हो सकता है.. तू ज़िद मत कर. फ्लॉरा- पापा आपके सामने में कैसे..? नहीं आप मेरे पापा हो.. नहीं प्लीज़ ये ग़लत होगा. जॉय- फ्लॉरा डॉक्टर ने यही तरीका बताया है. तू जब तक ठीक नहीं होती तुझे बिना कपड़ों के ही रहना होगा मेरी बच्ची. फ्लॉरा- ऐसा कैसे हो सकता है.. नहीं नहीं.. मैं नहीं मानती अगर ऐसी कोई बात है, तो मैं अपनी किसी फ्रेंड को बुला लूँगी मगर मैं आप से नहीं लगवाऊंगी.

जॉय को पता था उसके सामने ये प्राब्लम आएगी. उसने फौरन डॉक्टर को फ़ोन लगाया और बात करने के लिए फ्लॉरा को दे दिया.

फ्लॉरा ने जब डॉक्टर से बात की तब उसको पता लगा की ये ऐसी बीमारी है इसमें कोई दूसरा पास नहीं आ सकता, नहीं तो ये उसको भी लग सकती है सिर्फ़ सेम डीएनए का.. या खून का रिश्ता जैसे बाप भाई या माँ बहन ही उसके पास जा सकते हैं. उन्हें कोई खतरा नहीं होता.

जैसे मॅगनेट्स यानि चुंबक में प्लस और मायनस दो साइड होती हैं. अगर प्लस को प्लस के पास लेकर जाएं तो वो दूर भागता है और प्लस को मायनस के पास लेकर जाएं वो चिपक जाता है. उसी तरह इस बीमारी का वाइरस सेम डीएनए से दूर रहता है और अलग डीएनए के चिपक जाता है.

फ्लॉरा को अब बात समझ आ गई थी मगर उसके लिए पापा के सामने नंगी होना इतना आसान नहीं था, वो रोने लगी और जॉय उसको चुप कराने लगा. उसको समझाने लगा कि होनी को यही मंजूर है, तू छोटी थी तब भी तो मेरे सामने नंगी घूमती थी तो आज नंगी होने में क्या दिक्कत है.

इस वक्त 18 साल से ज़्यादा उम्र थी फ्लॉरा की और इस उम्र में नंगी होना, वो भी अपने पापा के सामने.. इतना आसान नहीं था. मगर जॉय ने उसको बहुत समझाया तब कहीं जाकर वो मानी और धीरे-धीरे उसने सारे कपड़े निकाल दिए. अब वो जन्मजात नंगी अपने पापा के सामने खड़ी थी. उसका यौवन देख कर एक बार तो जॉय भी हिल गया. उसके लिए भी ये चुनौती इतनी आसान नहीं थी.

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