Aakhiri Dagar, Purane Humsafar – Episode 8

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैंने अपना चैलेंज पूरा कर लिया था और इसकी ख़ुशी में मैं अपनी चूत का ताजा पानी रूबी के पडोसी को पिलाने को मान गयी थी।

शाम को मै रूबी के घर गयी और हमेशा की तरह मैंने पूरा नंगी हुयी और उसने मेरी चूत में ऊँगली डाल कर मुझे चोद दिया और मै जड़ गयी।

रूबी ने अपने पड़ौसी से पहले ही बात कर ली थी और उसको फ़ोन कर बुलाया. मै और रूबी अब दरवाजे के पास आये. मै दरवाजे के पीछे छुप कर खड़ी हो गयी।

मैं: “तुम भी अपने नीचे के कपड़े खोलो, वरना उसको शक हो जायेगा कि बिना कपड़े खोले तुम पानी कहा से निकाल रही हो”

रूबी: “मै भी तो दरवाजे के पिछे छुपी रहुंगी, वो कैसे देखेगा. पर ठीक हैं फिर भी महसूस करने के लिए मै खोल देती हूँ”

रूबी ने जल्दी से अपनी पैंट निकाल दी और नीचे से नंगी हो गयी।

पहली बार उसकी चूत देखी. उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे। वैसे भी उसको सफाई की क्या जरुरत, उसे थोड़े ही किसी से चुदवाना हैं। तभी बैल बजी और रूबी ने दरवाजा चैन लगा कर खोला.

मैने अपना एक पांव उठा कर अपनी चूत में जगह बनायी और रूबी ने मेरी चूत में ऊँगली डाल कर अपना हाथ दरवाजे से बाहर निकाल अपने पडौसी को चखाया.

बाहर से वाह आह की आवाजे आ रही थी और मै अपनी तारीफें सुन खुश हो रही थी। रूबी ने 15-20 बार मेरी चूत में ऊँगली डाल कर अपने पडौसी को टेस्ट करवाया था।

इस बीच वो दो तीन बार दरवाजे की खुली दरार के पास चली गयी थी जिसे शायद पडौसी का उसके नीचे का नंगापन दिख गया होगा।

दोनो बार मैंने उसके हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ थोड़ा खिंच उसका ध्यान दिलाया कि उसने नीचे कपड़े नहीं पहने थे.

मेरी चूत अब अंदर से अच्छे से साफ़ हो चुकी थी, तब रूबी ने अपने पडौसी को जाने का बोला दिया।

पडौसी: “अपने मुंह से भी तो एक बार चाटने दो”

रूबी ने अंदर मेरी तरफ देखा, और मैंने डर के ना में सिर हिला दिया। रूबी ने अब पडौसी का ना बोल दिया और वो उदास सा चला गया।

रूबी ने दरवाजा बंद किया और हम दोनो ने अपनी शरारत पर खुश होते हुए एक दूसरे को गले लगा दिया। इस चक्कर में मेरे मम्मे रूबी के बंधे हुए मम्मो से टकरा कर दब जरूर गए और हमारी चूत का नंगापन भी टकरा गया था। मै फिर जल्दी से कपड़े पहन वहां से रवाना हुयी.

बाद में रूबी ने बताया कि उसका जो जरुरी काम था वो उसके पडौसी से निकलवा लिया हैं। अब हमें दरवाजे के पिछे छुपकर किया काम नहीं करना पड़ेगा.

जब सब कुछ ठीक चल रहा था तो मेरी ज़िन्दगी में फिर एक तूफान आया। मेरे पति काफी समय से शांत थे, मैंने उनको अब महीने में एक बार ही चोदने देती थी.

अशोक: “तुम्हे नहीं लगता पिछले कुछ समय से हमारी सेक्स लाईफ कमजोर पड़ गयी हैं। अब हमें फिर से मसाला लाना चाहिये। हम किसी कपल के साथ अदला बदली करते हैं”

मैं: “अब तो नाम भी मत लेना. पिछली बार याद हैं ना पूजा के साथ क्या हुआ था!”

अशोक: “अभी वो टेंशननहीं हैं। लड़की को मैंने मना लिया हैं। तुम्हे सिर्फ लड़के को मनाना हैं। वो तो तुम्हारे लिए आसान हैं। तुम लड़के को अच्छे से जानती भी हो”

मैं: “मैने सोच लिया हैं कि मै अब यह सब नहीं करुंगी. मै अब और कोई पार्टनर अदला बदली नहीं करुंगी”

अशोक: “तुमने मुझसे वादा किया था कि हम करेंगे और तुम साथ दोगी. सिर्फ एक अनुभव पूजा वाला खराब हुआ तो तुम मना कर रही हो. उसके पहले के ग्रुप सेक्स तो तुमने एन्जॉय किए थे ना!”

मैं: “मुझे अब और नहीं करना हैं”

अशोक: “‘यह तो कोई बात नहीं हुयी. यह मेरी अल्टीमेट फंतासी हैं”

कुछ समय पहले एक ग्रुप सेक्स के इवेंट में सबको उनकी फंतासी पुछी गयी थी। तब अशोक ने कहा था कि वो अपनी शादीशुदा गर्लफ्रेंड के साथ पार्टनर अदला बदली कर चोदना चाहता हैं।

मुझे डर लगा कही उसकी उसी फंतासी के बारे में तो बात नहीं कर रहा। जैसा कि आपको मेरी पिछली कहानियो से पता हैं कि मेरे पति की गर्लफ्रेंड मेरी भाभी ही हैं। उनके साथ पार्टनर अदला बदली करने का मतलब मुझे मेरे भाई के साथ चुदवाना होगा।

मैं: “तुम किस अल्टीमेट फंतासी की बात कर रहे हो?”

अशोक: “तुम्हे पता हैं उसके बारे में. मै तुम्हारी भाभी को मना चुका हूँ. अब तुम्हे अपने भाई को मनाना पड़ेगा”

मैं: “तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया! अब मै अपने भाई के साथ यह काम करुंगी, तुमने सोच भी कैसे लिया? मैंने तुम्हारी बात रखने के लिए ग्रुप सेक्स में जाने को तैयार हो गयी। फिर मैंने तुम्हारे कारण पूजा का चांटा भी खा लिया। तुम्हारी हिम्मत इतनी बढ़ गयी कि मुझे मेरे ही भाई के साथ सुलाओगे!”

अशोक: “इतना भड़क क्युँ रही हो. ग्रुप सेक्स के इवेंट्स में मै अकेले मजे नहीं ले रहा था। भूलो मत तुमने मुझसे भी ज्यादा मजे लिए हैं। तुम्हे तो मेरा शुक्रगुजार होना चाहिये कि तुम्हे मेरे जैसा खुली सोच वाला पति मिला हैं”

मैं: “अब मेरा मुंह मत खुलवाओ। मुझे सब पता हैं, तुमने सुमन के साथ मिलकर प्लान बनाया और मुझे उस दिन सौरभ के साथ पकड़ा था। ताकि तुम मुझे ग्रुप सेक्स के लिए ले जा पाओ” इस घटना के बारे में और जानने के लिए आप मेरी कहानी “Jab Main Bani Love Guru” पढ़े.

अशोक: “प्लान किया था तो क्या हुआ! तुम अपनी इच्छा से सौरभ के साथ चुदवा रही थी। पकड़े जाने के बाद भी तुम्हे उसके साथ चुदवाया”

मैं: “हां मै ऐसी ही हूँ. मुझे तलाक दे दो फिर. मगर मै अपने भाई के साथ यह घिनौना काम नहीं करुंगी. या तो अपनी यह ज़िद छोड़ दो या मुझे तलाक दे दो”

अशोक: “तुम तलाक तक क्युँ पहुंच रही हो. तुम शान्ति से इस बारे में सोच लो. इसमें कुछ बुरा नहीं हैं। भाई भी तो एक मर्द ही होता हैं ना, दूसरे मर्दो की तरह उसके भी एक लंड हैं। तुम इतने लंड अपनी चूत में ले चुकी हो तो यह एक और सही. लंड पर तुम्हारे भाई का नाम थोड़े ही लिखा हैं।”

मैं: “छी, कितनी गंदी सोच हैं तुम्हारी. तुम्हे मेरी भाभी के साथ करना हैं तो करो, पर मै यह सब नहीं कर सकती”

अशोक: “हमने एक दूसरे से वादा किया हैं कि किसी और के साथ करेंगे तो अदला बदली करके एक दूसरे की अनुमति से ही करेंगे”

मैं: “एक बात तुम अच्छे से समझ लो कि मै अपने भाई के साथ कुछ नहीं करुंगी”

अशोक: “तुम्हे बात नहीं करनी हैं तो ठीक हैं। मै तुम्हारी भाभी को बोलता हूँ, वो तुम्हारे भाई को मना लेगी”

मैं: “तुम पागल हो चुके हो. अगर तुमने फिर ये बात की तो मै तुम्हे छोड़ कर चली जाउंगी”

मेरा दिमाग पूरा घूम चुका था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करु. रूबी के साथ मिलकर मैंने अच्छी खासी प्रैक्टिस कर ली थी और तलाक के लिए तैयार भी थी। पर सोचा नहीं था कि वो समय इतना जल्दी आ जायेगा.

रूबी मुझे उदास देखकर मुझसे मेरी परेशानी जानना चाहती थी पर उसको कैसे बताती की मेरा पति मुझे मेरे भाई के साथ सुलाना चाहता हैं।

रूबी ने एक बार फिर वहीं रिपिट किया कि मुझे अपने पति से तलाक ले लेना चाहिये। अगले 2- दिन अशोक ने फिर अदला बदली का नाम नहीं लिया। फिर अगले दिन वो रात को मेरे सामने आ गया।

अशोक: “मै एक गेट टुगेदर प्लान कर रहा हूँ, तुम्हारे भाई भाभी को साथ ले लेंगे. वहीं पर हम अदला बदली कर लेंगे. तुम्हारी भाभी तब तक तुम्हारे भाई को तुम्हे चोदने के लिए मना लेगी”

मैं: “खबरदार जो मेरे भाई के साथ ऐसी कोई बात की तो”

अशोक: “क्युँ! तुम्हे डर लग रहा हैं कि कही तुम्हारा भाई तुम्हे चोदने के लिए मान जाऐगा!”

मैं: “मेरा भाई तुम्हारी तरह नहीं हैं। उसको भाई बहन के रिश्ते की क़द्र हैं”

अशोक: “और अगर वो मान गया तो ! क्या फिर तुम चुदवाने को तैयार हो?”

मैं “मेरा भाई ऐसा कभी नहीं करेगा”

अशोक: “तुम्हे अपने भाई पर इतना यकीन हैं तो तुम हां बोल दो. वो ना बोल देगा तो वैसे ही कुछ नहीं होगा।..क्या हुआ, बोलती बंद हो गयी?”

मै कुछ नहीं बोली. मुझे मेरे भाई पर यकीन हैं पर फिर भी मन में एक डर था। मर्द तो मर्द ही होते हैं, उनके मन में क्या चल रहा हो क्या पता.

मेरे बदन को देख कर तो लड़कियां भी अपने आप पर काबू नहीं रखती फिर मेरा भाई मेरे बारे में कुछ सोच ही सकता हैं। अशोक ने मेरे मन में एक संदेह डाल दिया था। मैंने अशोक को इस बारे में बात करने से ही मना बोल दिया।

इस बातचीत के 3 दिन बाद ही मुझे भाभी का मैसेज मिला कि अशोक ने हम चारो के घुमने का प्लान बनाया हैं और वो लोग लंबे समय बाद वेकेशन की तैयारी कर रहे हैं। अशोक के आते ही मै उस पर टूट पड़ी.

मैं: “मैने तुम्हे मना किया था फिर भी तुमने मेरे भाई भाभी को इसमें घसीट लिया!”

अशोक: “इतना गुस्सा क्युँ हो रही हो. तुम्हारा भाई मान गया हैं और तुम्हे चोदने के लिए बेकरार हो रहा हैं, इसलिए प्लान बनाया हैं। अब क्या बोलती हो? इतना मत सोचो. भाई हो या पति सबके पास लंड ही होता हैं जो मजे दिलाता हैं। एक बार उस से बात कर लो, उसको बोल दो कि तुम उसके साथ चुदवाने को बेताब हो. सब सेट हो जायेगा”

मैं: “ठीक हैं, मैंने भी फैसला कर लिया हैं”

अशोक: “यह हुयी ना बात। यह बताओ एक ही रूम बुक कराऊ या अलग अलग. अगर तुम्हे मेरे सामने अपने भाई को चोदने में शर्म आये तो दो कमरे बुक कर देता हूँ”

अगले एपिसोड में पढ़िए क्या मैं अपने ही सगे भाई से चुदवा लुंगी या कोई बचने का उपाय बाकी हैं।

[email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000