जीजू ने दिलवाया मोटे लंड का मजा

मेरी पिछली कहानी जीजू ने आधी रात में छत पर चोदा में अपने पढ़ा कि मेरे पड़ोस में मेरी मुंह बोली बहन है, उसके पति मेरे जीजू हुए, मुझे जीजू से चुदाई करवाने में मजा आता है, एक रात बारिश हो रही थी और जीजू ने मुझे छत पर बुला कर चोदा. अब गाए: उस रात की चुदाई के बाद मैं नीलेश जीजू से करीब एक महीना नहीं मिली क्योंकि वो अपने ऑफिस के काम में बिजी हो गए थे.

एक महीने बाद नीलेश जीजू का मुझे फ़ोन आया और उन्होंने कहा- रोमा, यार तुम्हारी चूत चोदे हुए एक महीना हो गया, यार आज बहुत मन कर रहा है और आज रात पायल की नाईट शिफ्ट है, वो भी हॉस्पिटल चली जाएगी… तो तुम आ जाओ आज कुछ अलग सी चुदाई करेंगे. मैंने कहा- क्या अलग करोगे? तो उन्होंने कहा- वो तुम्हारे लिए सरप्राइज है. मैंने बिना ज्यादा पूछताछ किये इस सरप्राइज के लिए हाँ कर दी क्योंकि मैंने तो हमेशा चुत चुदाई की भूखी ही रहती हूँ.

रात में करीब एक बजे नीलेश जीजू का फ़ोन आया उन्होंने मुझसे पूछा- क्या सब सो गए हैं? तो मैंने कहा- हाँ जीजू मम्मी पापा सो गए हैं. वो बोले- तो फिर देर किस बात की? आ जाओ छत पर…

मैं अपने कमरे से निकल कर छत पर गई तो मैंने देखा कि जीजू फिर से सिर्फ अंडरवियर में ही थे. मैंने उन्हें देख कर कहा- ये क्या? आप आप अंडरवियर में ही… कपड़े कहाँ है आपके? तो वो बोले- आज मैं कपड़े घर पर ही उतार कर आया हूँ.

ये कहते हुए वो मेरी तरफ आए और मुझे किस करने लगे… मेरे चूचे मसलने लगे. मैं भी मजे से किस करते हुए उनका साथ देने लगी.

अब मेरे एक हाथ उनकी अंडरवियर में चला गया था और मैं उनका लंड सहलाने लगी थी. वो मुझे नंगी करने लगे, उन्होंने मेरी टी शर्ट और ब्रा उतार दी थी. मैं नीचे बैठी और जीजू की अंडरवियर को खींच कर उतार दिया और उनके खड़े लंड को मुंह में ले कर चूसने लगी. आज एक महीने बाद जीजाजी का लौड़ा मेरे मुँह में आया था तो चूसने में बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर तक मैं जीजू का लंड चूसती रही. फिर उन्होंने मुझे ऊपर उठाया और मेरे मम्मों को चूसने लगे. फिर धीरे धीरे नीचे आकर मेरे लोवर ओर पेंटी को नीचे खिसका दिया और मेरी चूत में अपना मुंह लगा दिया. जीजू ने एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और उंगली को चुत में आगे पीछे करते हुए वो मेरी चूत को चूसने लगे. इधर मेरी सिसकारियां निकलनी शुरू हो गई थीं.

ऐसे ही सिसकारियां लेते हुए मैंने नीलेश जीजू से पूछा- जीजू आप एक सरप्राइज की बात कर रहे थे. क्या सरप्राइज है? अब तो दे दो. तो जीजू ने कहा- वो सरप्राइज तो मेरे घर में है, उसके लिए तुम्हें मेरे घर चलना होगा. मैं बोली- ऐसा क्या सरप्राइज है, जो आप घर पर ही रख कर आए हो, यही ले कर आ जाते. जीजू बोले- चलो मेरे साथ मेरे घर, पर इससे पहले तुम्हें अपनी आँखों पर एक पट्टी बांधनी पड़ेगी और एक वादा करो तुम कोई सवाल नहीं करोगी. मैंने कहा- ठीक है लो बांध दो मेरी आँखों में पट्टी.

फिर जीजू ने मेरी आँखों में पट्टी बांधी और फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा कर चल दिए. उन्होंने मेरे और उनके घर के बीच में जो लकड़ी का फट्टा रख कर पुल बनाया था, उस पर से चल कर वो मुझे अपने घर की छत पर ले गए. फिर उनके घर में हम दोनों पूरे नंगे ही आ गए थे.

जीजू मुझे अपने रूम में ले कर गए और मुझे बेड पर बैठा दिया और बोले- तुम यहीं बैठो, मैं अभी आता हूं. कुछ देर बाद मैं बोली- जीजू, क्या अब मैं अपनी आँखों की पट्टी खोल दूँ? जीजू की आवाज आई- नहीं मेरी जान, इतनी जल्दी क्या है.

मैं आँखों पर पट्टी बंधी बैठी रही. कुछ ही देर बाद जीजू बोले- लो पकड़ो मेरे लंड को. मैं बोली- कहाँ है लंड, पट्टी तो खोल दो तभी तो मुझे दिखाई देगा.

उन्होंने अपना लंड मेरे हाथों में दिया और बोले- ये लो.

जीजू की आवाज कुछ दूर से आ रही थी.

मैं बोली- जीजू आपकी आवाज दूर से क्यों आ रही है… और आपका ये लंड भी पकड़ने में कुछ अजीब लग रहा है, पहले से बड़ा और मोटा लग रहा है. जीजू बोले- तुम चूसो इसे. तो मैंने लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी. ये लंड मुझे पहले से ज्यादा लम्बा और मोटा लग रहा था, पर मैं मजे से लंड चूसे जा रही थी.

फिर जीजू ने कहा- अब तुम अपनी आँखों से पट्टी हटा सकती हो. मैंने पट्टी हटाई तो कमरे में पूरा अंधेरा था. मैंने कहा- जीजू, कमरे में इतना अंधेरा क्यों है?

वो बोले कि अभी लाइट जल जाएगी तुम अभी मजे लो और ये बोल कर उन्होंने मुझे बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत को चूसने लगे कि इतने में कमरे की लाइट जली और जीजू मेरे सामने खड़े थे. तो ये कौन था जो मेरी चूत को चूस रहा था. मैं तो डर गई और पीछे पलट कर देखी तो एक अच्छा हट्टा कट्टा आदमी था, जो मेरी चूत को चूस रहा था. मैं चिल्लाई और बेड से उतर कर भागने की कोशिश की, पर उस आदमी ने मुझे पकड़ लिया.

उसने मेरी गांड पर एक जोरदार थप्पड़ मार कर बोला- कहाँ चली मेरी जानेमन.

फिर उसने मुझे बेड पर गिरा दिया और मुझे इस तरह दबा लिया, जिससे मैं हिल भी न पाऊं.

अब वो मेरी चूत को जोर जोर से चूसने लगा. मैं लगातार विरोध कर रही थी, किसी तरह छूटने की कोशिश कर रही थी, पर कुछ न कर पाई. तभी जीजू बोले- छोड़ दो राज उसे.

तो उस आदमी ने मुझे छोड़ दिया. मैं उठी और भाग कर जीजू के पास पहुंची और गुस्से में पूछने लगी- ये क्या है जीजू… कौन है ये आदमी और ये यहाँ क्या कर रहा है? जीजू मुस्कुराते हुए बोले- यही तो है सरप्राइज!

तभी वो आदमी उठ कर मेरी तरफ आया. जीजू बोले- रोमा देखो राज के लंड को, ये कितना बड़ा और मोटा है. मैंने देखा सच में राज का लंड काफी लम्बा और मोटा था. राज ने फिर से मेरे हाथों में अपना लंड दे दिया. मैं थोड़ा विरोध कर रही थी, पर राज का इतना लम्बा और मोटा लंड देख कर मेरे मुँह में तो पानी आ रहा था.

जीजू बोले- रोमा ये राज है, मेरा दोस्त… मेरे साथ मेरे ही ऑफिस में काम करता है. जब से मैंने इसे तुम्हारी और मेरी चुदाई की बात बताई है, तब से ये भी तुम्हें चोदना चाहता था. तो मैं इसे आज तुम्हारी चूत दिलवाने के लिए ले आया.

राज का लंड देख कर तो मेरा मन कर रहा था कि अभी इस लंड को अपनी चूत में ले लूँ, पर में जीजू से गुस्सा होने का नाटक करने लगी. इतने में राज ने मेरे चूचे पकड़ लिए और मम्मों को दबाते हुए वो मेरे होंठों को किस करने लगा. मैंने राज का भी थोड़ा विरोध किया, पर मुझे भी मजा रहा था तो कुछ ही देर बाद मैं भी उसका साथ देने लगी.

काफी देर तक राज मेरे चूचे दबाता हुआ मेरे होंठों को चूसता रहा और जीजू नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटते रहे. फिर राज बोला- अब मेरी बारी चूत चाटने की है. तो जीजू मेरी चूत के पास से हट गए.

राज ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैला कर मेरी चूत को चाटने लगा. इधर जीजू भी बिस्तर पर आ गए और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. मैं जीजू का लंड चूसने लगी और राज मेरी चूत को चूस रहा था. थोड़ी देर की इस चुसाई के बाद जीजू बोले- इस साली की चुत में लंड घुसा कर साली की चुदाई कर!

तो राज ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और लंड से मेरी चूत को रगड़ने लगा. फिर धीरे धीरे वो अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगा. उसका लंड थोड़ा मोटा था तो मुझे थोड़ा दर्द हुआ, पर इस दर्द में भी बहुत मजा आ रहा था.

अब मैंने जीजू के लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और उन्हें बोली- जीजू, अब मुझे थोड़ा राज से भी चुदने के मजे लेने दो. तो जीजू भी हट गए, अब राज अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर बाहर करने लगा. मेरे मुंह से आनन्द से भरपूर सिसकारियां ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकलने लगीं.

अभी वो धीरे धीरे चुदाई कर रहा था कि अचानक ही उसकी स्पीड बढ़ गई और अब वो जोर जोर के धक्कों के साथ मेरी चुदाई करने लगा. मुझे बहुत मजा आने लगा था. अब मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदाई के मजे लेने लगी.

करीब 10 मिनट तक राज मुझे ऐसे ही चोदता रहा. फिर वो बोला- रोमा, मैं झड़ने वाला हूँ. मैंने उससे कहा- मेरी चूत के अन्दर मत झड़ना. तो उसने अपना लंड चूत से निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया और पूरा पानी मेरे मुंह में ही गिराया.

अब राज के लंड ने तो पानी छोड़ दिया था, पर जीजू के लंड का पानी छोड़ना अभी बाकी था. जीजू ने मुझे घोड़ी बनने को कहा और फिर उन्होंने पीछे से अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मुझे चोदने लगे. इधर राज बिस्तर पर लेट हुआ था वो उठा और उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाला तो मैं लंड चूसने लगी.

पीछे से जीजू मुझे चोद रहे थे और आगे से राज ने मेरे मुँह की चुदाई करना शुरू कर दिया था. मुझे बहुत मजा रहा था, पर अब मैं थोड़ा थक चुकी थी. अब मेरी चूत ने भी जवाब दे दिया था और मेरा पानी निकल चुका था, पर जीजू अभी भी मुझे चोदे जा रहे थे. मेरा पानी निकलने से फच फच की आवाज आना बढ़ गई थी. कमरे में ये मधुर आवाज गूंजने लगी थी. कुछ ही देर में जीजू का भी पानी निकल गया और हम दोनों थक कर बिस्तर पर ही लेट गए.

पर राज का लंड तो फिर से खड़ा हो गया था और वो फिर से मुझे चोदने के लिए बेकरार था. मैं तो बुरी तरह थक चुकी थी… तो लेटी रही. मैंने राज से कहा- राज, तुम्हें जो करना है, कर लो. मैं तो थक चुकी हूं. राज बोला- ठीक है.

और उस ने फिर से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. एक बार फिर से मेरी चुदाई शुरू हो गई. कुछ ही देर में मेरे अन्दर एक नया जोश आ गया और मैं भी अपनी गांड उछाल उछाल कर राज से चुदवाने लगी. उस पूरी रात जीजू और राज ने मिल कर मुझे जम कर चोदा. फिर सुबह सुबह मैं छत के रास्ते ही अपने घर वापस आ गई.

तो ये थी दोस्तो मेरी लम्बे लंड से चुत चुदाई के मजे की कहानी, उम्मीद करती हूँ कि आपको पसंद आएगी. आप लोगों को कैसी लगी बताइएगा जरूर.

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