आए थे घूमने, चोद दी चूतें-3

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आए थे घूमने, चोद दी चूतें-1 आए थे घूमने, चोद दी चूतें-2

अब तक की चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि नेहा की चुत में मैंने अपना पूरा लंड पेल दिया था. अब आगे..

नेहा सिसकती हुई मुझसे लिपट रही थी. इधर हमारे पास ही मनोज ने सोनिया को घोड़ी बना लिया था और उसके ऊपर से उसकी चूत में अपना लंड डाल रहा था. मनोज का लंड भी सोनिया की चूत में घुसाए जा रहा था. सोनिया के मम्मे मेरे सामने नीचे को लटक रहे थे, तो मैंने अपने एक हाथ से सोनिया के एक मम्मे को पकड़ लिया और मसलने लगा, तो सोनिया मजाक से बोली- आप जीजा साली हमारे एरिया में दखल मत दो.

मैंने कहा- साली, तुम क्यों हम जीजा साली से जल रही हो, तुम दखल दे लो इधर हम तो रोकते नहीं, क्यों नेहा है न.. तो नेहा सोनिया को बोली- साली, तू बड़ी आज हम जीजा साली से जल रही है, आजा तू भी दखल दे ले इधर. तो हमारी बातें सुन कर मनोज ने भी अपना एक हाथ नेहा के मम्मे पर रख दिया और उसे सहलाने लगा और बोला- लो, हम भी आ गए आपके एरिया में.

मनोज ने अब तक सोनिया की चूत में लंड डाल दिया था और सोनिया भी चुदवा रही थी, दोनों लड़कियां की चूतें हम दोनों मर्द चोद रहे थे. हम सभी को ऐसे बातें करते हुए चुदाई में मजा आ रहा था.

कुछ देर ऐसे ही लगातार चोदने के बाद मैंने मनोज को इशारा किया और मनोज और मैंने अपने अपने लंड बाहर निकाले और हमने दोनों लड़कियों को आमने सामने कर लिया. अब दोनों के मुंह आपस में आमने सामने थे. मैं घूम कर सोनिया की चूत के पास चला गया और मनोज घूम कर नेहा के पास आया गया. मनोज बोला- ले नेहा अब टेस्ट चेंज करके देख… ये कह कर मनोज ने अपना लंड नेहा की चूत में रखा और अन्दर कर दिया.

अब हम चारों आपस में अच्छी तरह खुल चुके थे.

नेहा सोनिया को बोली- ले भोसड़ी की.. अब मैंने तेरा माल पटा लिया.. तू चुदवा अपने वाले से, अब तेरे एरिया में मैंने पूरी ही दखलंदाजी कर दी. सोनिया बोली- बस कर बस, मेरी वजह से ही आज तुझे दो दो लौड़े मिले हैं.

मैंने अब जोर जोर से सोनिया को चोदना शुरू कर दिया था, सोनिया की चूत पानी की पिचकारियाँ छोड़ रही थी, उसकी जवानी का गर्म पानी मेरे लौड़े पे गिर रहा था. मेरे लंड ने भी उसकी गर्मी बर्दाश्त न करते हुए उसे कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद अपनी पिचकारी सोनिया की चूत में छोड़ दी.

इधर मनोज और नेहा पूरी स्पीड में चुदाई में मगन थे और अब मनोज नेहा की दोनों टांगें उठा कर चोद रहा था. चुद रही नेहा भी जोर जोर से सिसकती हुई बोली- आह उह.. उई.. अन्दर मत… निकालना.. उई..

नेहा की चूत से उसकी जवानी का रस बह रहा था और उसकी चूत से निकल रहे रस से मनोज के टट्टे तक भीग गए थे. मनोज का लौड़ा भी अब जवाब दे चुका था और फिर कुछ ही देर के बाद उसने अपना लंड नेहा की चूत से बाहर निकाल लिया और उसने सीधी पिचकारी नेहा के मम्मों पर मार दी.

अब एक के बाद एक पिचकारी मनोज के लंड से निकल रही थीं. नेहा के पूरे मम्मे मनोज के लंड के रस से भीग गए. कुछ ही देर में वो दोनों अलग अलग हुए और नेहा बाथरूम में साफ़ करने भाग गई.

मनोज बोला- बहुत मजा आया यार! मैंने सोनिया से पूछा- क्यों डार्लिंग, कैसा लगा? तो सोनिया कहने लगी- वाओ जानू, बहुत मस्त.. यार ऐसा मजा पहली बार आया है.

मैंने उसे एक किस कर दी. कुछ देर तक नेहा ही वाशरूम से वापिस आई और उसने भी बताया कि उसने अपने बीएफ़ से चुदाई तो पहले भी की है, लेकिन इतना मजा कभी नहीं आया.

फिर सोनिया ने किचन में जाकर चाय बनाई और हम सब बातें करते हुए नंगे ही बैठे चाय पीने लगे. हम में से किसी ने भी अभी तक कोई ने कपड़ा नहीं पहना था, क्योंकि पहले मैं कपड़े पहनने ही लगा था कि मनोज ने मना कर दिया था कि अभी रुक जाओ यार.

चाय पीने के बाद कुछ देर तक हम बातें करते रहे और अब हमारे लौड़ों में फिर से जान आने लगी थी और हम दोनों के लौड़े फिर से फड़कने लगे थे. अब मैंने फिर से नेहा को अपने पास खींचा और उसे किस करने लगा. मनोज और सोनिया हमारे दूसरी तरफ आपस में किस करने लगे.

इस बार मैंने नेहा को अपनी गोद में अपनी तरफ मुँह करके बिठाया और उसके मम्मों को चूसने लगा. कुछ ही देर में मेरे लौड़े में जान आने लगी थी, तो मैंने खड़े होकर अपना लंड फिर से नेहा के मुंह में डाल दिया. नेहा ने पहले जैसे ही चूस चूस कर मेरा लंड पूरी तरह से सख्त कर दिया. जैसे ही लंड खड़ा हुआ तो उसने मैंने उसे बिस्तर पे लेटने को कहा और उसकी दोनों टांगों को ऊँचा कर दिया और नीचे तकिया रख कर उसकी गांड को बाहर को निकाल दिया.

मैंने अपने लंड पर अब थोड़ा सा सरसों का तेल लगा लिया था, जो मनोज ने इस बार पास ही रख दिया था. मैंने नेहा की गांड में अपनी एक उंगली डाली तो नेहा बोली- उई जीजू नहीं, यहाँ मत करो प्लीज़… मैंने कहा- देखो बेबी, मैं ध्यान से करूँगा, अगर तुझे मजा न आए या पेन हो, तो मैं नहीं करूँगा. एक बार ट्राई करके देख तो ले. तो नेहा कुनमुना कर बोली- जरा ध्यान से…

मैंने पहले उसकी चूत में उंगली की, जिससे वो थोड़ा और गर्म हो गई और फिर उसकी गांड में उंगली करके उसकी गांड के अन्दर तक आयल लगा दिया और उसकी गांड को पूरी चिकनी कर दिया. उसके बाद मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड के छेद के ऊपर रखा और हल्का सा झटका लगया तो पहले तो लौड़ा फिसल गिया. फिर से लंड सैट करके एक जोर का झटका लगाया तो वो सिहर गई. मेरा लंड उसकी गांड के अन्दर चला गया और अगले झटके के साथ मेरा लंड उसकी गांड में काफी अन्दर तक उतर गया.

अब नेहा के मुंह से जोरदार चीख निकली, परन्तु मैंने झटके लगाने जारी रखे और साथ में उसके मम्मे मसलने शुरू कर दिए. एक उंगली उसकी चूत में भी डाल दी. दो तीन झटकों के बाद नेहा को भी मजा आने लगा था, तो मैंने नेहा को और ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी गांड में गहराई तक आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

मैंने मनोज की तरफ देखा तो वो सोनिया की चूत को दुबारा चोदना शुरू कर चुका था, तो मैंने उनको देख कर कहा- इधर देखो, मेरी साली ने आज अपनी गांड भी खोल दी है अपने जीजू के लिए. ये देख कर मनोज बोला- ओह, तो आपकी साली की चूत को चोदने मैं आ जाता हूँ. मैंने कहा- आ जाओ.. आओ.. आज साली को भी एक साथ दो लंडों का मजा मिल जाएगा. ये सुन कर नेहा बोली- ओह उफ़… नहीं जीजू… आह छोड़ो मुझे प्लीज़.. मैंने उसकी गांड में ठोकर मारते हुए कहा- ले ले रानी मजा, बहुत मजा आएगा…

अब तक मनोज और सोनिया अपनी चुदाई बीच में छोड़ कर हमारे पास आ गए थे. मैंने नेहा के चूचों को जोर से पकड़ा हुआ था और नेहा की चूत मनोज के सामने फूली हुई थी.

तो मैंने मनोज को इशारा कर दिया, मनोज ने उसकी चूत पे अपना लंड रखा और हलके से झटका लगा दिया. अब मनोज का लंड नेहा की चूत में घुस चुका था और इधर मैं नेहा की गांड मार रहा था. नेहा अब हम दोनों मर्दों के बीच सेंडविच बन चुकी थी और हम दोनों मर्दों के लंड नेहा की चूत और गांड चोद रहे थे.

अब नेहा भी जोर जोर से सिसक रही थी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उसकी आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं. उसे ऐसे चिल्लाते देख सोनिया ने एहतियातन पूछा- नेहा, क्या हुआ.. मजा आ रहा है न..!

नेहा ने अपना हाँ में सर हिलाते हुए और चिल्लाती हुई आवाज में कहा- उफ़…आह्ह्ह हाँ.. बहुत मजा… उई.. चोदो.. सालों चोदो.. भैन के लौड़ों.. मेरी बहनचोदो.. आह्ह.. मेरी गांड मार दी.. गांड की बहनचोद दी आह.. आह्ह्ह.. सी सी.. उई.. मैंने भी उसकी गांड मारते हुए कहा- ले चुद साली..आह ऐसे गांड मरा..बहन की लौड़ी.. मादरचोद.. ले कुतिया.. देख तेरी गांड और चूत.. हम दो मर्दों से चुद रही है.. आह्ह आह्ह्ह सी.. चुद चुद चुद.. साली कुतिया चुद..

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद हमने अपने अपने लंड बाहर निकाले और नेहा को घुमा दिया. अब मनोज का लंड उसकी गांड में था और मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया. वो चुदक्कड़ बन कर फिर हम दोनों मर्दों के बीच सेंडविच बन गई. हम दोनों के लंड पूरी स्पीड में फिर से नेहा की चूत और गांड चोद रहे थे, नेहा को अपने ऊपर उठा लिया था और उसके चूतड़ बिस्तर पे नहीं लग रहे थे. नेहा के चूतड़ों पे मैंने एक चपत लगाई और पूछा- कैसा लग रहा है साली! वो बोली- उई जीजू.. जन्नत… मिल रही है.. आह्ह सी सी सी उई उई आह्ह..

मनोज ने उसकी गांड चोदते हुए कहा- ले बहन की लौड़ी साली.. चुद हम दोनों के लौड़ों से.. ले ले आज हमारी जवानी का मजा.. लूट ली तूने आज हमारी जवानी साली.. हम तीनों आपस में गुत्थम गुत्था होकर चुदाई में मगन थे, हमारे पास खड़ी सोनिया की चूत भी हमें देख कर पूरी तरह गीली हो चुकी थी.

कुछ ही देर में नेहा जोर से चिल्लाई- उई आह्ह…सी सी सी …जीजू.. फाड़ दी.. मेरी आज.. आह्ह.. ये कहते ही उसकी चूत से रस का फव्वारा छूट पड़ा, जिससे मेरे टट्टे तक भीग गए. उसकी चुत से कुछ रस मनोज के लंड पर भी निकल गया. नेहा की साँसें भी थोड़ा थम सी गयीं और उसने हमें रुकने को बोला, तो हम दोनों वहीं रुक गए. फिर उसने हमें लंड बाहर निकालने को कहा, तो हम दोनों ने अपने अपने लौड़े बाहर निकाले और नेहा को बिस्तर पे बिठा दिया.

नेहा का पानी निकाल चुका था और वो और चुदने के मूड में नहीं थी. वो बोली- उफ़ जीजू… मजा आ गया यार आज.. बस हो गई मेरी.. हमारे लंड अभी खाली नहीं हुए थे, अगर कुछ देर और नेहा चुद जाती तो शायद हमारे लंड भी खाली हो जाते.

तभी मैंने सोनिया को कहा- चल तू आजा साली, ले ले आज तू भी नेहा जैसे ही अपनी जवानी का मजा लूट ले. सोनिया जैसे पहले से ही काफी उत्तेजित थी और वो झट से तैयार हो गई और हम दोनों के बीच आ गई. मैंने अपने लंड को फिर से तेल लगाया और सोनिया की गांड के ऊपर रखा, सोनिया को आगे से मनोज ने पकड़ रखा था. अब मैंने जैसे ही अपना लौड़ा सोनिया की गांड में डाला तो सोनिया तो गांड उचका उचका कर अपनी गांड मराने लगी जैसे उसे जन्नत का मजा आ रहा हो. उधर मनोज ने सोनिया के चूतड़ों पर एक चपत लगाई और फिर उसने सोनिया की चूत पे अपना लंड रख दिया. मैं उसको सहयोग देने के लिए थोड़ा रुक गया, अब मनोज ने एक ही झटके में अपना लंड सोनिया की चूत के अन्दर उतार दिया.

अब नेहा जैसे सोनिया भी हम दोनों के बीच सैंडविच बन चुकी थी. सोनिया अपनों गांड और चूत हम दोनों से चुदवा रही थी. कुछ देर सोनिया को ऐसे चोदने के बाद हम दोनों ने सोनिया को घुमा दिया और अब मुझे सोनिया की चूत मिली और मनोज का लंड सोनिया की गांड में था.

मैं आगे से सोनिया की चूत में अपना लौड़ा दौड़ाते हुए उसके होंठों को भी अपने होंठों से चूस रहा था. सोनिया भी उछल कूद कर अपनी जवानी को चुदवा रही थी.

अब लगातार दो लड़कियों की चूत और गांड चोदते हुए हमारे लौड़े भी अपने उफान पर थे और अपना रस छोड़ने को तैयार थे तो मैंने सोनिया को कहा- उफ़..ले .. बहनचोद.. सम्भाल अपने यार का लौड़ा.. चुद..चुद.. साली चुद.. गई… ये कहते ही मेरे लौड़े ने अपनी धार सोनिया की चूत के अन्दर छोड़ दी और मेरे लंड की गर्म धार का स्पर्श पाकर सोनिया की चूत ने भी फव्वारा छोड़ दिया. हम दोनों का पानी बहता देख मनोज से भी रहा न गया और वो भी सोनिया की गांड में ही फूट पड़ा. हम तीनों की जवानी एक साथ बरस रही थी, जवानी की इस बरसात में हमें बहुत मजा आ रहा था.

कुछ ही देर में हम तीनों खाली हो गए और अलग हो गए. उसके बाद मैंने सोनिया को अपने आगोश में लिया और प्यार का एक डीप किस किया. मैंने नेहा को भी एक किस किया. फिर वाशरूम में जाकर सभी ने अपने आप को साफ़ किया और कपड़े पहन कर बातें करने लगे.

सोनिया और नेहा ने बताया कि उन्हें सच में आज बहुत मजा आया था और उन्होंने ऐसा सेंडविच सेक्स पहली बार किया था, परन्तु मजा बहुत आया था. मनोज और नेहा ने आगे भी ऐसे ही हमारे साथ दोस्ती निभाने का वचन दिया और एक साथ चुदाइयों को करते रहने का फैसला किया. उसके बाद हमने टाइम देखा तो हमें पता चला हम 3 घंटे से लगातार सेक्स कर रहे हैं.

हम सभी फ्लैट से निकले और एक रेस्टोरेंट में गए जहाँ मनोज ने लंच करवाया क्योंकि उसने कहा कि आज की पार्टी मेरी तरफ से. उसके बाद सोनिया और नेहा अपने अपने घर के लिए रवाना हो गयीं.

दोस्तो, यह कहानी पब्लिश होने के बाद मैं सोनिया को भी भेजने वाला हूँ. इस कहानी को लिखते हुए काफी समय लग गया, इस लिए आप सभी लोग इसे पूरी कहानी को जरूर पढ़ना और मुझे ईमेल करके बताना कि मेरी कहानी आपको कैसी लगी. मेरी कहानी पढ़ कर आपकी चूत या लंड ने पानी छोड़ा या नहीं ये भी जरूर बताना.

दोस्तो, बताने को तो बहुत कुछ है, परन्तु अभी इतना ही, बाकी की कहानी कभी वक्त मिला तो बाद में बताऊंगा.

मैं बेशक कम हाज़िर होता हूँ परन्तु भूलता नहीं हूँ. मेरे फेसबुक प्रोफाइल पे भी कहनियाँ अपडेट होती रहती हैं. अन्तर्वासना साईट का एक बार फिर से बहुत बहुत धन्यवाद, जिसकी वजह से ये कहानियाँ आप तक पहुँच पाती हैं. आपका दोस्त रवि मेरी ईमेल आई डी [email protected]

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