गर्लफ्रेंड की सहेली के साथ उसकी भाभी को चोदा

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हैलो दोस्तो, मैं राहुल कुरुक्षेत्र से एक बार फिर आपकी सेवा में हाजिर हूँ. आपने मेरी पहली रियल सेक्स स्टोरी सोशल मीडिया पर पंजाबी चुत मिली के दोनों पार्ट को बहुत पसंद किया, उसके लिए धन्यवाद.

मैं अपनी एक और सच्ची घटना आपके लिए लेकर आया हूँ. जिसमें मैं आपको बता रहा हूँ कि कैसे मैंने पूजा को चोदा.

जैसा कि आप जानते हैं मैं 6 फीट लंबा एक गबरू जवान हूँ. मेरा लंड 8 इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है.

पूजा मेरी एक फ्रेंड की सहेली है. एक बार मैं अपनी फ्रेंड से मिलने गया था. वहाँ पूजा भी आई थी, उसे पहली बार देखते ही दिल में कुछ हुआ. जब उसके साथ आँखें मिलीं तो लगा कि उस की आँखें जैसे कुछ माँग रही हों. पर मैं कुछ नहीं बोल सकता था क्योंकि उधर मेरी फ्रेंड भी उसके साथ थी.

फिर हम तीनों अम्बाला में कॉफ़ी कैफे डे में चले गए. वहाँ हम तीनों ने कैपचिनो कॉफ़ी ली और बातें करने लगे. बातों में मुझे पता चला क़ि वो मेरी दोस्त की क्लासमेट है. हम इधर उधर की बातें करते रहे. मेरी फ्रेंड वॉशरूम चली गई. मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर पूछा, तो जैसे वो वेट कर रही थी, उसने झट से मुझे अपना नंबर दिया और बोली- तुम मुझे मिस्ड कॉल कर दो.

वहाँ से आने के बाद मैंने उसे व्हाट्सैप पर चैक किया, तो वो थी. मैंने “हैलो..” भेजा, तुरंत एक स्माइली के साथ रिप्लाई आया- बड़ी जल्दी याद कर लिया.

फिर उससे नॉर्मली बातें होने लगीं. मन मिल गए और हम हर रोज़ काफ़ी देर बातें करने लगे. मगर उसने बोल दिया था कि इसके बारे में हमारी कॉमन फ्रेंड को ना पता चले.

ऐसे ही एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ किया तो कहती है कि हम दोस्त तो हैं. पर मैंने कहा- मैं आपको गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूँ. उसका रिप्लाई बहुत मस्त था, कहती- जनाब के इरादे मुझे ठीक नहीं लगते.

फिर हमारी चैट का टॉपिक दिन पर दिन बदलता गया.. और मैं खुल कर उस लड़की से सेक्स चैट करने लगे. मैंने उसका साइज़ पूछा तो उसने बड़े खुल कर बताया. यार क्या मस्त 32-28-32 का साइज़ था. मेरा दिल किया कि अभी जाकर जन्नत के नज़ारे ले लूँ. आग दोनों तरफ बराबर लगी थी. मैंने उसको मम्मों की फोटो माँगी तो उसने कहा- जब मिलोगे खुद खोल के देख लेना.

पर हमें कोई भी सेफ जगह नहीं मिल रही थी. मैं आपको बताना भूल गया कि वो खेत में बने घर यानि फ़ार्म हाउस में अपने परिवार के साथ रहती थी. उसके घर में वो, उसके भाई, उसकी भाभी और माता पिता रहते थे.

एक दिन पूजा का फोन आया, कहती- आज आपसे कुछ माँगना है, मना मत करना. मैंने कहा- बोलो क्या चाहिए? कहती- आज आप रात को मेरे घर आ सकते हो, मेरे मम्मी पापा शादी में गए हैं. मेरे भाई भाभी का मैं इंतज़ाम कर लूँगी. मैंने हाँ कर दी. अंधे को क्या चाहिए दो आँखें.

मैं रात को 11 बजे उसके घर पहुँच गया. बाहर से उसको कॉल किया तो वो गेट पर आई ओर मुझे अपने रूम में ले गई.

उसने बताया कि उसने भाई भाभी को नींद को गोली दे दी थी.. और वो ऊपर के कमरे में हैं, सो नो टेंशन.

वो मुझे रूम में बिठा कर दूध ले कर आई, तो मैंने कहा- आज मैं दूसरा दूध पीने आया हूँ. कहती- सब्र रख यार, सब कुछ मिलेगा.

मैंने देर ना करते हुए उसके होंठों से होंठ मिला दिए. हम एक दूसरे को ऐसे चूस रहे थे, जैसे जन्म जन्म से प्यासे हों.

मेरे हाथ अपना काम करने लगे, उसके शरीर पर चलने लगे. वो गर्म हो रही थी. उसकी सांसों में जैसे आग सी लग गई हो. हम एक दूसरे में खोए हुए थे और धीरे धीरे सारे कपड़े उतार दिए.

मौसम में थोड़ी थोड़ी सर्दी शुरू हो चुकी थी. पर हम तो अपनी आग में जल रहे थे, दो बदन एक दूसरे में समा जाना चाहते थे. पूजा ने रूम को बंद नहीं किया था. तभी मैंने एक परछाई सी देखी, कोई हमें देख रहा है.

मैं एकदम से उठा और कंबल से अपने आप को ढकने लगा. पूजा तो जैसे साँस लेना भूल गई थी. “कौन था जो हमें देख रहा था??” पूजा कपड़ों की तरफ़ भागी तो उसने एकदम से निकल कर पूजा के कपड़े उठा लिए.

पूजा मिन्नतें करने लगी- प्लीज़ भाभी मुझे माफ़ कर दो. उसकी भाभी ने मेरी तरफ देखा- इसे पहली बार देखा, ये कहाँ से है? पूजा ने डरते डरते बताया- ये राहुल कुरुक्षेत्र से है. भाभी के फेस पर एक सेक्सी स्माइल आई, तो मेरी जान में जान आई. भाभी कहने लगी- आज मजा आएगा.

हम दोनों कुछ भी नहीं समझ पाए थे. वो बोली- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी, पर एक शर्त है. पूजा एकदम से बोली- हमें आपकी हर शर्त मंजूर है. “तो ठीक है.. हम ये खेल तीनों मिलकर खेलेंगे.”

मुझे क्या ऐतराज़ था, पूजा खुश हो गई और बोली- हाँ भाभी क्यों नहीं. उसकी भाभी रीतिका बोली- राहुल, आपका लंड बहुत प्यारा है, मैं काफ़ी देर से देख रही थी. मेरी चूत उससे मिलने के लिए पानी छोड़ रही है. मैंने कहा- वो तो आपसे डर के बैठ गया है, उसे कुछ दिखाओ तो उठेगा.

भाभी ने सिर्फ़ नाइटी डाल रखी थी, जैसे वो चुदने की पूरी तैयारी से आई हो.

जैसे ही उसने नाइटी उतारी, मैं देखता रह गया. क्या गजब शरीर था यार.. एकदम सांचे में ढला 34-28-32 का फिगर.. पूरे शरीर पे कहीं कोई बाल नहीं एकदम चिकनी चूत.

भाभी बोली- मुझे एक बार प्यार तो करने दे उसे, अभी जाग जाएगा. मेरा लंड एकदम से मुरझा गया था. भाभी कहती- मैं अभी इसे खड़ा कर देती हूँ.

वो मेरे पास आई और लंड को हाथ से पकड़ कर मेरे होंठों में होंठ डाल दिए. पूजा हमें देख रही थी और चूत को रगड़ रही थी.

मैंने भाभी से कहा- भाभी, पूजा को भी साथ ले लो. वो एकदम गुस्से से बोली- मेरा नाम रीतिका है.. तुम रीतिका ही बोलो और हाँ पूजा, तेरी आग भी ठंडी होगी, आज ही होगी.. ये मेरा वादा रहा.

फिर वो मस्ती से मेरा लंड चूसने लगी. मैंने पूजा को अपने पास बुलाया और उसकी कुंवारी चूत पर मुँह रख दिया.

एक बार तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने किसी आग पर मुँह रख दिया. पूजा ने एक लंबी सिसकारी ली. रीतिका ये सब देख कर ऐसे घूमी कि रीतिका की चूत पूजा के मुँह के सामने थी. हमने एक गोल चक्कर सा बना लिया था.

तभी पूजा कहती- भाभी मुझे भी इसका स्वाद चखना है, मुझे भी चूसने दो प्लीज़..

भाभी ने उसे ऐसे घुमाया कि मेरा लंड पूजा के मुँह में और पूजा की चूत रीतिका के मुँह पर ओर रीतिका की चूत मेरे मुँह पर थी.

मैं रीतिका भाभी की चिकनी चूत चूसते चूसते भाभी की गांड में उंगली डालने लगा, तो एकदम से बोली- इंतज़ार कर.. तेरा रस आज हर छेद में डलवाना है.

मेरा निकलने को था, मैंने पूजा को रोक दिया. रीतिका कहती- नहीं राहुल, पहले इसे इसका टेस्ट करवा दो.

वो दोनों एक एक बार झड़ चुकी थीं. मैंने पूजा के मुँह में से लंड निकाला और दोनों को सामने बिठा कर हाथ से हिलाने लगा. थोड़ी देर में ही दोनों के मुँह पे पिचकारी चला दी. रीतिका सारा रस पी गई और कहती- ऐसा स्वादिष्ट माल पहली बार मिला है.

फिर हम एक दूसरे को चाट कर साफ कर रहे थे. रीतिका ने मेरा लंड मुँह में भर लिया और लंड चूसने लगी, साथ में मेरी गांड में उंगली करने लगी. इसे मैं एकदम से तैयार हो गया.

अब पूजा मेरे मुँह पर बैठ गई. मैं उसकी चूत चूसने लगा. पूजा कहती- मुझे कुछ हो रहा है राहुल कुछ करो.

रीतिका ने लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और पूजा को लिटा दिया. रीतिका भाभी ने पूछा- पूजा, आज से पहले किया है किसी के साथ या आज पहली बार में ही पकड़ी गई? पूजा कहती- नहीं भाभी, आज पहली बार है. रीतिका भाभी- राहुल इसकी सील तोड़ दो.. कोई रहम ना करना, ये कितना भी चिल्लाए.. और पूजा तू सहन कर लेना पहली बार थोड़ा दर्द होगा.

मैंने पूजा की चूत पर लंड रखा और पुश करने लगा.. लेकिन लंड फिसल रहा था. रीतिका पूजा के ऊपर 69 में थी, रीतिका भाभी पूजा की चूत चाट कर कहती- अब ट्राइ करो.

मैंने एक बार लंड रीतिका भाभी की तरफ किया तो रीतिका ने मेरे लंड पे किस किया और कहती- चल तोड़ दे आज इसकी भी सील. रीतिका ने मेरा लंड पूजा की चूत पे रखा और कहती- पेल दे. मैं धीरे धीरे लंड अन्दर कर रहा था.. तो रीतिका कहती- एक शॉट में करो.

उधर पूजा अपनी भाभी रीतिका की चूत चाट रही थी. मैंने एकदम से जोर से धक्का मारा, पूजा ने चीख मारना चाहा, पर रीतिका उस के मुँह पर बैठ गई. पूजा ने दर्द के मारे रीतिका के चूतड़ पर दाँत गाड़ दिए, उस वजह से रीतिका ने मेरे सीने पर दाँत गाड़ दिए और मुझे रोक दिया.

फिर रीतिका उठी तो देखा पूजा रो रही थी और उसकी चूत से खून निकल रहा था. रीतिका कहने लगी- अब इस साली की चूत फट गई, अब आराम से कर.

थोड़ी देर बाद पूजा भी मेरा साथ देने लगी और कहती- अब जोर लगाओ, जितना लगा सकते हो. बस फिर हो गई एक्सप्रेस सेवा शुरू. मैं दे दनादन दे दनादन शुरू हो गया पूजा की चूत चुदाई करने उसकी नंगी भाभी सामने बैठी अपनी नंगी ननद की चूत की पहली बार चुदाई होते देख रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

बीच बीच में रीतिका भाभी हमारे साथ चुहलबाजी कर रही थी.

पूजा को भी मजा आ रहा था, वो ज़्यादा देर ना रुक सकी और झड़ कर कहने लगी- अह… प्लीज निकाल लो. जैसे ही मैंने लंड निकाला रीतिका ने मुँह में ले लिया और पूजा को बोली- आ जा मजा ले अपने पहले पानी का.. वे दोनों मेरा लंड और टट्टे चाटने लगीं. मैंने उन्हें दूर किया, रीतिका को घोड़ी बनाया.. उसकी चूत बाहर को आ गई. पूजा से कहा- देख अब आएगा मज़ा.

पहले मैंने उसकी चूत पे किस किया और धीरे धीरे लंड डाल दिया. अब मैं रीतिका के चुचे पकड़ कर चुत में धक्के मारने लगा. रीतिका पूजा की चूत चाट रही था. पूजा जाने लगी तो मैंने रोका. कहती- मुझे पेशाब करना है. मैंने कहा- यहीं कर दो रीतिका भाभी के ऊपर..

मैंने रीतिका की पोज़िशन बदल दी, उसको अपने नीचे लिटाया और पूरा लंड एकदम से डाल दिया. फिर पूजा को बोला- रीतिका की चूत पर मूत दो. पूजा सोचने लगी.. तभी रीतिका बोली- जल्दी कर.. आज कुछ नया करने और देखने को मिल रहा है. पूजा करीब आई और हमारे बीच में ऐसे बैठी कि उसकी पीठ रीतिका की तरफ़ और चूत मेरी तरफ थी. एक जोरदार सीटी के साथ उसने जैसे ही पेशाब करना शुरू किया, मैंने रीतिका की चूत से लंड निकाला और पूजा की चूत में डाल दिया.

वो इस अचानक हमले के लिए तैयार नहीं थी. उसने एकदम से पीछे हटना चाहा, तो रीतिका ने उसे आगे को धक्का दे दिया. मेरा पूरा लंड एक ही बार में अन्दर चला गया. पूजा मज़े ले कर चुदने लगी.

पूजा ज़्यादा देर नहीं टिक सकी और झड़ गई. फिर मैंने लंड दोबारा रीतिका की चूत में डाल दिया और धक्के देने लगा.

दस मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने रीतिका को कहा- कहाँ निकालूँ? रीतिका बोली- मेरी चूत में भर दे.

फिर मैं भाभी की चूत में झड़ गया.

मेरा इतना माल कभी पहले नहीं निकला था. रीतिका कहती- आज चुदाई का असली मज़ा आया. उसने पूजा को गले लगा लिया, कहती- क्या यार पटाया तूने.. मज़ा आ गया. फिर पूजा कहती- मैंने आपको नींद की गोली दी थी. रीतिका हंसने लगी, कहती- मेरी भोली ननद रानी जी, जब कल तुम फोन पर आज का प्रोग्राम बना रही थी तो मैंने सब सुन लिया था.. इसलिए दोनों दूध के गिलास तेरे भाई को पिला दिए.

काफ़ी देर हम तीनों ऐसे ही नंगे पड़े रहे. फिर मैं सुबह 4 बजे वापिस अपने घर आ गया लेकिन सुबह को पूजा और उसकी भाभी रीतिका की एक एक चुदाई ट्रिप लगाने के बाद.

मेरी इस रियल सेक्स स्टोरी पर आपके विचारों भरी आपकी ईमेल का इन्तजार रहेगा. [email protected]

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