भाभी जान की प्यासी चूत को चोदा

हैलो फ्रेंड्स, मैं संदीप झा, एम.ए. का फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूँ और मैं बॉयज हॉस्टल में रहता हूँ. मेरा घर वेस्ट बंगाल में है. मैं गोरा और 5 फीट 6 इंच लंबा हूँ. मेरा दोस्त इमरान, जो मेरा रूममेट भी था, वो अपनी गर्लफ्रेंड से रात में जब गर्म गर्म बातें करता था तो वो बातें सुन कर मेरा लंड बार बार खड़ा हो जाता था. मैं सोचता था कि काश मुझे भी कोई लड़की प्यार करती और काश मैं भी उससे ऐसी रंगीन बातें कर पाता.

एक बार मैं अपने एक दोस्त जुनैद के पास दिल्ली में गया था. वो शादी शुदा था और उसकी बीवी सुरैया ख़ातून जो मेरी भाभी थी, वो भी एकदम मस्त माल थी. साली की गांड और चुचियां बहुत बड़ी थीं. किसी का भी दिल उन चुचियों और गांड पे आ जाए.

मेरा दोस्त उसे रोज रात कुतिया की तरह चोदता था, पर फिर भी वो शायद संतुष्ट नहीं हो पाती थी.

ये शक मुझे पहली बार तब हुआ, जब मैं एक दिन हाफ पैंट में बिना चड्डी के बैठा था और भाभी जान मेरे तने हुए लंड को बड़ी गौर से घूर रही थी. उस समय मेरा दोस्त जुनैद घर पर नहीं था. तो मैंने बोला- भाभी जान, क्या देख रही हो? क्या भैया नहीं दिखाते हैं. तो उस टाइम भाभी वहां से शर्मा कर अपने बेडरूम में भाग गई.

फिर मुझे शक लगने लगा कि शायद मेरा दोस्त जुनैद अच्छे से चोद नहीं पाता है. हालांकि देखने में वो थोड़ा दुबला पतला है.

एक दिन जुनैद को कहीं काम से 2 दिनों के लिए पुणे जाना था तो उसने बोला कि संदीप तू भाभी का ख्याल रखना, उन्हें किसी चीज़ की कमी मत महसूस होने देना.

जुनैद ये कह के बिजनेस के सिलसिले में पुणे के लिए निकल गया. उस रात घर में सिर्फ़ मैं और भाभी ही थे. फिर हम दोनों रात में डिनर कर के सो गए. अचानक रात के 11:55 पर भाभी चीखने लगीं. मैं तुरंत जाग गया और उनके बेडरूम में जा पहुँचा. तो मैंने देखा भाभी नंगी सोई हुई थी और ये चीखना सिर्फ़ मुझे धोखे से कमरे के अन्दर बुलाने की एक चाल थी.

पर जब मैंने भाभी को नंगी देखा तो मैं गर्म हो गया पर आँख बंद करने का और शर्माने का नाटक करने लगा.

तभी सुरैया भाभी बोली कि संदीप मेरी प्यास बुझा दो क्योंकि तुम्हारा दोस्त कुछ नहीं कर पाता है. तो मैं बोलने लगा कि भाभी ये ग़लत है. सुरैया भाभी बोली कि तुम्हारे दोस्त जुनैद ने ये तुमसे वादा कराया है कि तुम अपनी सुरैया भाभी का ख्याल रखना, तो तुम्हें ये करना ही होगा.

ये सुन कर मैंने भाभी कस के पकड़ लिया और पीछे से उसके चूतड़ों को कस के जकड़ लिया. अब मैं भाभी के चूतड़ों को धीरे धीरे दबाने लगा. भाभी पूरी गर्म हो गई थी. मेरा लंड तन कर भाभी की जाँघों से टकरा रहा था. भाभी उस समय तक काफ़ी गर्म हो गई थी और बार बार बोल रही थी- संदीप अब मेरी चुत को चोद कर भोसड़ा बना दो.. प्लीज़ संदीप.

तभी मैंने भाभी को गोद में उठा कर बेड पर चित्त कर दिया और नीचे से उसका साया उठा दिया. मैंने देखा कि सुरैया भाभी बिना पैंटी के थी और उसने अपनी चुत की झांटें भी साफ कर रखी थीं. भाभी की चुत से रस निकल रहा था और चुत कांच सी चमक रही थी.

ये सब देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी जीभ को सुरैया भाभी की चुत में डाल दिया और सारा पानी चाट गया. भाभी जोर जोर से आवाज़ें निकाल रही थी. फिर मैंने भाभी का ब्लाउज जोश में आ कर फाड़ दिया. उसकी मस्त चुचियों को देख ऐसा लग रहा था कि जैसे क़ैद में दो पंछियों को पहली बार आज़ाद किया गया हो.

मैं उसकी चुचियों को चूसने लगा और भाभी मेरा लंड पकड़ के बार बार अपनी तरफ़ खींच रही थी. मैं भी तुरंत नंगा हो गया और सुरैया भाभी की जबरदस्त चुदाई के लिए तैयार हो गया.

इधर एक बात बताता हूँ दोस्तो मुझे भी पहले दिन से ही सुरैया भाभी पसन्द थी. मैं इन दिनों हमेशा उसके नाम की मुठ मारा करता था. आज भाभी मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी और उसने अपनी चुत में 3 उंगलियां डाल रखी थीं. तभी मैंने अपना बड़ा सा लंड भाभी के मुँह में डाल दिया और लंड को भाभी के कंठ तक पहुँचा दिया. एकदम से लंड घुसेड़ देने से भाभी की आँखों में आंसू आ गए थे.

फिर वो मेरे लंड को भी प्यार से अपने कंठ में अन्दर तक भर कर रखे हुए थी.. और बड़ी जोर से मेरा लंड चूस रही थी. कुछ मिनट में ही मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया और भाभी मेरा पूरा पानी झट से चट कर गई.

उसके बाद मैं भाभी की हसीन चुत को देख कर पागल होने लगा था. उसकी गुलाबी सी चुत देख एकदम मुझे गुलाब का फूल याद आ रहा था. भाभी की वो गुलाबी चुत.. गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों जैसी लग रही थी.

मैं अपनी जीभ से उस गुलाबी चुत को चाटने लगा और अपनी जीभ को सुरैया भाभी की चुत में गहरे तक डालने लगा. भाभी के चूतड़ भी बड़े कमाल के थे. मैं उसके चूतड़ों के बीच के छेद में उंगली करने लगा. उसकी गांड एक बार भी नहीं चुदी थी क्योंकि गांड एकदम कसी हुई थी. मुझे भाभी की गांड मारने का लालच आने लगा. मैं सोचने लगा कि आज मैं भाभी की चुत और गांड दोनों चोदूँगा.

तभी सुरैया भाभी मेरे लंड को पकड़ कर बोलने लगी- संदीप, जल्दी से अपने इस साबुत लंड को मेरी चुत में डालो.. नहीं तो मैं अब इस बेवफा जिंदगी से हाथ धो बैठूँगी.. मैं मर जाऊंगी इस मोटे लंड के बिना.. अह.. जल्दी चोदो. मुझे साबुत लंड बहुत पसंद है.

भाभी की तड़फ देख कर मैं अपने मोटे लंड को भाभी की चुत पर रगड़ने लगा भाभी गांड उठा उठा कर पूरा एंजाय करने लगी. उसके बाद मैंने भाभी की चुत पर अपना लंड का सुपारा रख कर जोर से धक्का दिया. इस तगड़े झटके से मेरा लंड भाभी के भोसड़े का आधा रास्ता तय कर चुका था. उधर भाभी की आँखों में पूरा पानी आ गया था और वो मेरा मोटा लंड शायद सह नहीं पाई थी, जिसके कारण उसकी आँखों में आंसू आ गए थे. मैंने भाभी के होंठों पे एक किस किया और अपने पूरे लंड को उनके भोसड़े के अन्दर जड़ तक डाल दिया.

भाभी एकदम से जोर से रोने लगी. मैंने फिर तुरन्त लंड को वापस निकाल लिया और दुबारा फिर से पूरा लंड अन्दर डाल दिया. साथ ही भाभी की दोनों चुचियों को पकड़ कर भाभी के नीचे वाले होंठ को अपने दांतों से मसल दिया. भाभी उस वक्त मेरे होंठों को पागलों की तरह चूस रही थी.

फिर मैं धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा और अब भाभी पूरा चुदाई का मजा ले रही थी. फिर मैंने 5 मिनट तक लंड अन्दर बाहर करने के बाद जोर जोर से धक्का देना शुरू कर दिया. उस वक्त भाभी भी अपनी गांड उठा उठा कर लंड ले रही थी. उस टाइम भाभी के अन्दर की रांड जाग गई थी और वो गांड उठा उठा कर चुदाई का आनन्द ले रही थी.

10-15 धक्कों में भाभी झड़ गई और मैंने तुरन्त उसकी चुत का सारा पानी पी गया. फिर मैंने अपने लंड को भाभी के मुँह में दे दिया और भाभी मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी. इससे अब मेरा लंड और भी ज्यादा तन गया था. चूंकि मैं अब तक झड़ा नहीं था, सो मैंने अपने लंड को भाभी के मुँह से निकाला और भाभी के भोसड़े में ठूंस दिया.

अब भाभी दर्द बिल्कुल भी फील नहीं कर रही थी. वो पूरी रंडी की तरह ‘आआह.. उहह..’ कर के और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी. फिर मैं 8-10 धक्कों में झड़ गया. मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया. उस समय हम दोनों काफ़ी आनन्द ले रहे थे.

फिर कुछ मिनट बाद मेरा मोटा लंड फिर से भाभी को चोदने को तैयार हो गया. उसके बाद मैंने भाभी को बोला- सुरैया, अब मैं तुम्हारी इस तंग गांड को चोदना चाहता हूँ. तो वो बोलने लगी कि मैंने आज तक किसी से गांड नहीं मरवाई है.. सुनती हूँ कि बहुत दर्द होता है.

मैं गुस्से से उसको अकेला छोड़ कर जाने लगा. तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोलने लगी- प्लीज़ संदीप मान जाओ ना प्लीज़.. तो मैं बोला- सुरैया भाभी, आपकी चाहत पूरी करने के लिए अपने दोस्त को धोखा देते हुए आपकी बरसों को जो कुतिया जैसी चुदवाने की जो तमन्ना थी, वो मैंने पूरी की… तो क्या आप मेरी एक छोटी सी ख्वाहिश पूरी नहीं कर सकती हो? तो भाभी मुझको चूमते हुए बोली- आ साले.. चोद ले.. मेरी गांड भी फाड़ दे.

मैं अन्दर ही अन्दर खुश हो गया और वापस मेरा लंड एक बार फिर से तन गया. अब मैं सुरैया भाभी की गांड को चोदने के लिए पूरा रेडी हो गया और जीभ से गांड के छेद को चाटने लगा.. साथ उसकी गांड में उंगली करने लगा.

सुरैया भाभी मेरी एक उंगली भी नहीं सह पा रही थी.. तो भाभी को मैंने बोला कि भाभी ये 7 इंच का मोटा लंड कैसे सह पाओगी? तो बोलने लगी- प्लीज़ छोड़ दो संदीप. तो मैंने सोचा कि आज इस मौके को छोडूंगा.. आज इसकी कुँवारी और कमसिन गांड की तो मैं आज बैंड बजा कर ही दम लूँगा.

मैंने बोला कि भाभी मेरे पास एक आइडिया है, जिससे आपको दर्द थोड़ा कम होगा. मैं वैसलीन की शीशी लाया और अपने लंड और उनकी गांड पर पूरा मल कर लगा दी. फिर अपने तने लंड को आहिस्ता आहिस्ता सुरैया भाभी की गांड के अन्दर डालने लगा. भाभी जोर जोर से रोने लगी क्योंकि उसको उस वक्त काफ़ी दर्द हो रही थी. फिर मैं सोचने लगा कि इस तरह ये गांड नहीं मारने देगी.. अब रहम नहीं करूँगा. अब साली की गांड में अपना पूरा लंड एकदम से भर दूँगा.

फिर मैंने फिर से अपने लंड को जैसे ही उनकी गांड के छेद पर रखा, उसने डर के मारे पाद दिया. मैं समझ गया कि ये डर गई है. तो मैंने अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर रख कर जोर का धक्का दे दिया.

अब लंड 25% अन्दर जा चुका था और फिर धीरे-धीरे कर के लंड को अन्दर भरने लगा. ऐसे ही धीरे धीरे करके भाभी की गांड के अन्दर अपने पूरे लंड को डाल दिया. वो दर्द के मारे जोर जोर से रोने लगी और मैं पागलों की तरह सुरैया भाभी की गांड जोर जोर से चोदने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो, उस वक्त की खुशी का एहसास मैं बता नहीं सकता हूँ. मैंने अपनी लाइफ में कभी भी गांड नहीं मारी थी. वो उतनी मस्त कसी और टाईट गांड वाली की गांड मारने का मज़ा चरम सीमा पर था.

फिर 15-20 धक्कों के बाद शायद भाभी भी अब दर्द की वजह से गांड उठा कर गांड चुदवाने में मुझे साथ देने लगी और मैं भाभी की गांड जोर जोर से चोदने लगा. करीब 8 से 10 धक्कों में मैं उन्हीं की गांड में झड़ गया. उसकी गांड चुदाई के बाद भाभी ने मुझे जोर से पकड़ लिया और पागलों की तरह चूमने लगी और प्यार करने लगी.

बाद में रोते हुए बोलने लगी कि मेरे शौहर ने इतने अच्छे से मुझे कभी नहीं चोदा.. काश कि संदीप तुम मेरे शौहर होते. मैंने बोला- भाभी मुझे अपना हज़्बेंड ही समझो और जब तुम बोलोगी, तब मैं तुमको चोदने के लिए दिल्ली आ जाऊंगा. तुमको चोद चोद कर रंडी बना दूँगा. ये बात सुन कर भाभी हँसने लगी और बोलने लगी कि कितनी प्यारी बातें करते हो.

फिर हम दोनों बाथरूम में जा कर साथ में नहाए और रात भर साथ में नंगे सोए थे.

भाइयो, फिर से जब मैं दुबारा दिल्ली जाऊंगा तो फिर से सुरैया भाभी की चुत और गांड फाड़ कर आऊंगा. आप लोगों के साथ एक और ताजी स्टोरी शेयर करूँगा. बाय. [email protected]