अनजाने में हुई गलती

दोस्तो, मेरा नाम शेखर है और यह अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साईट पर मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. दोस्तो मैं आपको आज मेरी लाइफ की एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसने मेरी ज़िंदगी को बिल्कुल बदल कर रख दिया. लेकिन उससे पहले मैं आपको मेरे बारे में बता दूँ. मेरी लंबाई 5 फुट 8 इंच है, मेरे लंड का साइज़ 6.5 इंच है और इसकी मोटाई ढाई इंच है. मैं राजस्थान के पिंक सिटी जयपुर में रहता हूँ.

ये बात आज से 3 साल पहले की है, जब मैं बी.टेक के सेकंड ईयर में था.

मेरे साथ संगीता नाम की एक लड़की पढ़ती थी, जो बहुत ही सिंपल लेकिन सेक्सी थी. वो बहुत ही गोरी, आँखें एकदम काली, गोल और बड़ी आँखें, गालों पर टमाटर जैसी लाली दिखाई देती थी. वो भी बिना मेकअप के. उसका फिगर 38-30-36 का था और कॉलेज के सभी लड़के उसे पटाने के लिए दिन रात मेहनत करते थे लेकी वह किसी को भाव नहीं देती थी.

उस टाइम मैं बिल्कुल सिंपल दिखने वाला और बिल्कुल शरीफ लड़का था और लड़कियों के बारे में कोई गंदी सोच नहीं रखता था. वो लड़की भी बिल्कुल सिंपल रहती थी और हमेशा सूट के साथ चूड़ीदार पजामी या फिर पटियाला सलवार ही पहन कर आती थी.

एक दिन वो स्कूटी से कॉलेज आ रही थी. अचानक रास्ते में उसकी स्कूटी स्लिप हो गई और वो गिर गई. जहाँ वो गिरी थी, वहीं पर मैं एक शॉप पर कुछ नोट्स की फोटो कॉपी करा रहा था.

मैंने दौड़ कर बाहर आकर संगीता को संभाला, उसे उठाया तो मैंने देखा कि उसके सारे कपड़े मिट्टी और कीचड़ में खराब हो गए थे. उसको हाथ में कोहनी पे थोड़ी सी चोट लग गई थी, जिससे उसको अपना हाथ हिलाने में भी प्राब्लम हो रही थी.

मैंने उससे पूछा- तुम ठीक तो हो ना? उसने कहा- ओह.. मेरे हाथ में बहुत दर्द हो रहा है और मेरे कपड़े भी खराब हो गए हैं. मैंने बोला- संगीता तुम ऐसा करो, मेरा रूम पास में ही है, तुम वहाँ चलो. मैं तुम्हारे हाथ पर दवाई लगा दूँगा और तुम अपने कपड़े भी ठीक कर लेना. पहले तो संगीता कुछ सोचने लगी, फिर उसने कहा- ओ के, चलो!

मैं उसे उसकी ही स्कूटी पर बैठा कर अपने रूम पर ले आया, रूम पर आते ही मैंने संगीता के हाथ पर दवाई लगा दी और उससे बोला कि तुम बाथरूम में जाकर अपने कपड़े साफ कर लो.

संगीता ने उस टाइम ब्लैक शर्ट और रेड कलर की चूड़ीदार पजामी पहनी हुई थी और दुपट्टा था. उसके कपड़े सारे कीचड़ में सने हुए थे.

मैंने संगीता को एक तौलिया दिया और वो बाथरूम में चली गई. थोड़ी देर बाद संगीता ने मुझे बाथरूम में से आवाज़ दी और बोली- शेखर प्लीज़ यहाँ आओ. मैंने दरवाजे के बाहर से बोला- हाँ संगीता बोलो.. क्या हुआ? संगीता बोली- शेखर, मेरे हाथ में बहुत दर्द हो रहा है, मुझ से मेरे कपड़े साफ नहीं हो पा रहे हैं.. तो क्या तुम मेरी हेल्प करोगे? मैंने कहा कि तुम अपने कपड़े उतार कर बाथरूम में रख दो. मैं उनको वॉश कर दूँगा और तुम थोड़ी देर मेरा कुर्ता पजामा पहन लो, मैं लाकर देता हूँ. संगीता बोली कि मैं अपने कपड़े नहीं उतार सकती क्योंकि मेरे हाथ में बहुत दर्द है, तुम प्लीज़ अन्दर आकर मेरे कपड़े पहने पहने ही साफ कर दो.

मैं उसकी रिक्वेस्ट पर बाथरूम में अन्दर चला गया. मैंने संगीता के हाथ को तौलिया से पोंछना शुरू किया और जब हाथ के बाजू को साफ करने लगा तो सूट की बाजू पर लगा कीचड़ तौलिया से साफ नहीं हो रहा था.

तो मैंने कहा कि ये कपड़े पानी में भिगोने पड़ेंगे, तभी इसका कीचड़ साफ हो सकेगा.

मैंने शावर ऑन किया लेकिन शावर में पानी नहीं आया, शायद टंकी खाली हो गई थी. मेरे नहाने का बाथटब पानी से फुल भरा हुआ था तो मैंने कहा कि लो संगीता तुम ऐसा करो, इस टब में बैठ जाओ ताकि तुम पानी में भीग जाओ और तुम्हारे साथ ये कपड़े भी भीग जाएँगे. फिर बाद मैं तुम मेरा कुरता पजामा पहन लेना.

तो संगीता ने वैसा ही किया और वो टब में बैठ गई. मैंने पानी में ही अपना हाथ संगीता के कपड़ों पर फेरना शुरू किया. उसके कपड़ों की मिट्टी और कीचड़ को साफ करने के लिए मैं धीरे धीरे अपने हाथ उसकी पीठ पर रगड़ने लगा.

शायद संगीता को मजा आने लगा था क्योंकि उसकी आँखें बंद होने लगी थीं. धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी चूचियों पर गया और चूचियों पर जैसे ही मेरा हाथ टच हुआ, उसको ना जाने क्या हुआ वो अचानक तेज़ी से पलट गई और उसके पलटने की वजह से मैं अपना बैलेंस नहीं बना सका.. और मैं भी पानी से भरे टब में गिर गया.

संगीता ने देखा तो वो बोली- ओह आई एक सॉरी शेखर.. वो क्या हुआ कि जैसे तुमने मेरे यहाँ हाथ लगाया तो मुझे गुदगुदी हुई और मैं घूम गई. मैंने कहा- कोई बात नहीं.

मैं फिर से उस की बॉडी पर हाथ फेरने लगा. हाथ फेरते फेरते मेरे हाथ उस के पेट पर घूमने लगे, संगीता को अब और मजा आने लगा था और अब मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था और ना जाने कब कब में मेरे हाथ संगीता के कूल्हों को सहलाने लगे, पता ही नहीं चला.

उस के बाद मेरे हाथ उस के शर्ट के नीचे उसकी जाँघ पर घूमने लगे, संगीता की आँखें बंद थीं और उसके मुँह से हल्की ‘इसस्स.. आहम्म..’ की सिसकारियां निकल रही थीं. इतनी देर में मैं अपने होश खो बैठा और अब मेरे हाथ संगीता के मम्मों को अच्छे से सहलाने लगे थे. उस के बाद मैं संगीता के नज़दीक आया और उस के ऊपर आकर उसकी गर्दन को चूमने लगा. उसके बाद मैंने अपने होंठ संगीता के होंठों पर रख दिए.

संगीता भी मेरा साथ देने लगी. मैंने अपना एक हाथ उसकी चूड़ीदार पाजामी के ऊपर से ही उसकी चुत पर रखा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चुत में से कुछ निकला है और वो बहुत ही चिकना पदार्थ है. मैंने संगीता का शर्ट उतारा, उसने अन्दर ब्लैक ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें उसके मोटे मोटे 36 साइज़ के चूचे बड़े सेक्सी लग रहे थे. मैं उन मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा.

अब संगीता की सिसकारियां बहुत तेज़ हो चुकी थीं. मैंने पानी के अन्दर अपना मुँह डाल दिया और संगीता की चुत को उसकी पजामी के ऊपर से ही चूसने लगा. संगीता अचानक तेज़ी से तड़प उठी और मेरे सिर को अपनी चुत पर दबाने लगी. मैंने संगीता की पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसकी पजामी को उतार दिया. इसके बाद मैंने संगीता को पानी में उल्टा किया और उसके ऊपर चढ़ कर उसकी गर्दन से उसको चूमना शुरू कर दिया.

संगीता अब बहुत तेज़ ‘आआह.. उउम्म्म्म..’ की सिसकारियां भर रही थी. गर्दन को चूमते हुए मैं उसकी पीठ को चूमने लगा और उस की ब्रा का हुक खोल कर पीठ को चूमते हुए उसके मम्मों को हाथों से दबाने लगा. उस के बाद मैं संगीता की कमर को चूमते हुए उस की कमर को चूमने लगा और उस की ब्लैक पेंटी को उतार कर उस के कूल्हों को चूमने लगा.

इतना कुछ करने के बाद मैंने संगीता को सीधा किया और उस की टांगों को खोल कर मैं अपना 6.5 इंच लंबा लंड उसकी चुत पे सैट करके बैठ गया. अब मैं उसके मम्मों को चूसने लगा, संगीता की अभी भी आँखें बंद थीं और वो ज़ोरों से सिसकारियां भर रही थी.

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट करके धीरे से धक्का मारा. लेकिन पानी के अन्दर मेरा लंड उसकी चुत से फिसल गया. फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उस की चुत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया. इस झटके से मेरा आधा लंड उसकी चुत में जा चुका था, जिससे संगीता दर्द के मारे कराह उठी. मैंने तुरंत उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया और थोड़ी देर रुकने के बाद दुबारा मैंने एक और ज़ोरदार धक्का दिया.

संगीता और तेज़ चिल्लाई- उईई माँआआ.. आअहह.. मर गई.. मेरा पूरा लंड उसकी चुत में उतर चुका था. उसकी चुत बहुत ही टाइट थी, जिस वजह से मेरे भी लंड में दर्द होने लगा था.

संगीता का दर्द नॉर्मल होने के बाद मैंने अपने लंड को उस की चुत के अन्दर बाहर करना शुरू किया. अब संगीता को भी मज़ा आ रहा था. मैंने अब स्पीड बढ़ा ली थी. लंड को उस की चुत में अन्दर बाहर करने के दौरान संगीता 2 बार मुझसे तेज़ी से चिपक कर अकड़ गई थी. शायद वो झड़ गई थी, मैं पानी में उस की चुदाई किए जा रहा था.

करीब दस मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला ही था.. तो मैंने अपना लंड उस की चुत से बाहर निकाल लिया. मैं भी उसकी चुत से बाहर पानी में ही झड़ गया और मैं संगीता के ऊपर ही गिर गया.

हम दोनों पानी में ऐसे ही लेट गए, इसके बाद करीब 15-20 मिनट बाद संगीता को होश आया और मुझे अचानक धक्का देकर पानी के टब से बिल्कुल नंगी बाहर निकली और अपनी नंगे शरीर को तौलिया से ढक लिया.

संगीता ने देखा कि पूरा टब का पानी उस की चुत के खून से लाल सा हो गया था. ये देख कर संगीता बहुत तेज़ रोने लगी और बोली- शेखर, ये क्या कर दिया तुमने? मैंने बोला- संगीता पता नहीं ये सब कब और कैसे हो गया, मुझे भी कुछ होश नहीं. संगीता रोती हुई बोली- शेखर अब क्या होगा जब किसी को पता चलेगा तो? मैंने बोला- संगीता घबराओ नहीं.. किसी को हम कुछ नहीं बताएंगे और ये बात तुम्हारे और मेरे बीच में ही रखेंगे.

संगीता रोती हुई बाथरूम से बाहर निकली, उससे चला नहीं जा रहा था. वो जैसे तैसे चल कर वो सोफे पर जाकर उल्टी लेट गई.. और नीचे मुँह करके रोने लगी. मैंने बाथरूम से संगीता के सूट चूड़ीदार पजामी पेंटी ब्रा उठाई और वॉशिंग मशीन में सूखने को रख दिए. फिर सुखा कर संगीता को पहनने को दिए. संगीता ने मेरे सामने ही कपड़े पहनने शुरू किए, उसकी ब्रा का हुक मैंने लगाया उसको उसके कपड़े पहनने में हेल्प की.

जब संगीता वहाँ से जाने लगी तो मैंने कहा कि संगीता एक बार डॉक्टर को दिखा दें क्या? तो उसने बोला- शेखर तुमको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है, मैं खुद संभाल लूँगी.. और हाँ आज के बाद तुम मुझ से मिलने की या बात करने की प्लीज़ कोशिश मत करना.

ये कह कर संगीता वहाँ से अपनी स्कूटी लेकर चली गई.

दोस्तो इस कहानी के कमेंट आने के बाद आपको मैं अपनी अगली कहानी बताऊंगा. इसमें मैं आपके साथ अपनी वो कहानी शेयर करूँगा, जिसमें आप सभी जानेंगे कि मैंने अपनी वाइफ को शादी से पहले कैसे चोदा.

दोस्तो मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी आपको ये मुझे आप फ़ेसबुक पर मैसेज करके बताना और स्पेशल लड़कियों को बोल रहा हूँ कि मुझे ये स्टोरी पढ़ कर ज़रूर बताएं कि ये सेक्स स्टोरी कैसी लगी. मेरी मेल आईडी है. [email protected]