बॉयफ्रेंड ने छोड़ा तो मेरे नीचे आई

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सब लंबे लवड़ों को और बड़ी चूचियों वाले मॉडलों को मेरा प्रणाम. मैं राहुल.. मैं पहली बार अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साईट पर अपनी चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना साईट की सेक्सी कहानियों का नियमित पाठक हूँ, पर पढ़ाई और जॉब में व्यस्त होने के कारण अपनी कहानी लिख नहीं पा रहा था. यह मेरी फ्रेंड के साथ की मेरी सच्ची कहानी है. ये घटना अभी ही घटी हुई है.

मैं पहले अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 23 साल का 5 फुट 8 इंच का हैंडसम गोरे रंग का लड़का हूँ. मुंबई में रहता हूँ और मैं अपने दोस्तो में, अपने एरिया में सबको अच्छा लगता हूँ. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है. सेक्स के वक्त तो वो एकदम बड़ा, मस्त हथियार हो जाता है.

तो ये कहानी है मेरे और मेरी दोस्त सावनी (नाम बदला हुआ) के बीच की है. वो मेरे ही कॉलेज में थी, तब से मैं उसे जानता था. मुझसे एक वर्ष छोटी थी और मेरे से सारी किताबें वगैरह लेकर जाती थी. हम लोग अच्छे दोस्त थे.

वो बहुत खूबसूरत लड़की थी. दूध जैसा रंग, पूरी 5 फुट 6 इंच लंबी, एकदम मस्त फिगर 32-28-36 की होगी. मैं तो उससे जब से मिला था, तब से रात को उसके नाम की मुठ मारता था. लेकिन कभी उससे अपने दिल की बात नहीं कहा पाया क्योंकि मुझे पता था कि उसका किसी लड़के के साथ चक्कर है.

मैंने इससे पहले अब तक 3-4 औरतों के साथ मजा किया था, पर ये तो उन सबसे गजब की माल थी.

ये उस दिन की बात है, जब मेरा जॉब चालू था और हम दोनों सिर्फ़ ऑनलाइन बातें करते थे. उसका ब्वॉयफ्रेंड था तो वो उस की बातें भी किया करती थी. हमने कभी ऐसी वैसी चैट यानी फोन सेक्स चैट नहीं की थी.

एक दिन वो चैट करते वक्त बहुत दुखी लग रही थी. मैंने पूछा- यार तुम कुछ दुखी सी लग रही हो? वो अनमनी सी बोली- नहीं… ऎसी कोई बात नहीं है. फिर मेरे बहुर ज़ोर देने पर उसने मुझे कहा कि कल कॉलेज के पास वाले कैफे में मिलते हैं.. वहां मैं तुम को सब बताती हूँ. इतना कह कर वो ऑफलाइन हो गई.

मुझे भी आश्चर्य हुआ.. वो कभी इतना दुखी नहीं रहती थी, पर उसको कल मुझ से मिलना है, इस खुशी में मुठ मार कर सो गया.

दूसरे दिन मैं मेरी पसंदीदा शर्ट पहन कर ठीक टाइम पर उसके बताये कैफे में पहुँच गया. वो कुछ ही समय में वहां आ गई. क्या दिख रही थी यार.. वाहह.. या शायद इतने दिनों के बाद मिल रहा था तो शायद मुझे उसका फिगर ज़्यादा ही अच्छा लग रहा था. मैं उसे 2 मिनट तक देखता ही रहा.

वो करीब आई और मुझे चपत मार कर बोली- क्या हुआ? कहां खो गए? क्या देख रहे हो? तभी मैं नॉर्मल हुआ. हमने सिजलिंग ब्राउनी ऑर्डर की, जो मेरी और उसकी भी मनपसंद थी. तब वो सब बताने लगी. उसके ब्वॉयफ्रेंड का किसी और से चक्कर चल रहा था और वो उसे पता चला था किसी दूसरी फ्रेंड से. उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड की दगाबाजी की पूरी कहानी बताई और मैंने देखा कि उसकी आँखों में आँसू थे. शायद वो अपने बॉयफ्रेंड को दिल से चाहती थी, इस लिए ज्यादा दुखी थी.

पहले हम दोनों आमने सामने बैठे थे लेकिन अब मैं टेबल के उस पार उसकी बगल में जा कर बैठा और उसके हाथों पर सहलाने लगा. मैं उसे विश्वास दिलासा दिला रहा था कि सब ठीक हो जाएगा.

तभी वो मेरे ज़्यादा ही पास आई और मेरे कंधे पर सिर रख कर शांति से चुपचाप बैठी रही. उसने मेरा हाथ पकड़ रखा था. उसके शरीर की खुशबू से और उसके छूने से मेरा मन उछल रहा था, मैं उत्तेजित हो रहा था.

मैंने उसकी हथेलियों को टेबल के नीचे से सहलाना चालू किया. उसने भी हाथ नहीं हटाया. फिर मैंने एक हाथ उसकी गले में डाला और उसे पास खींच कर कहा- चलो हम कहीं और चल कर मस्ती से घूमते हैं तुम्हें अच्छा लगेगा. उसने ‘हाँ’ कहा.

हम बाहर निकले, पर उसे धूप बहुत लग रही थी… तो उसने कहा- यार बहुत तेज धूप है, गरमी लग रही है, ठीक नहीं लग रहा.. मैंने उसे कहा- चल यार मेरे घर चलते हैं. अपने घर ला कर दरवाजा खोला और वो अन्दर आकर सोफे पर धम्म से जैसे कूद ही गई.

हाँ… सही सोचा. उसे घर लाने की गांडू तरकीब भी मेरी ही थी. क्योंकि उसको अच्छा नहीं लग रहा था. वो भी मान गई थी. अब मैंने उसे ठंडा लीची जूस दिया और वो थोड़ा शांत से बैठ गई और जूस सिप करने लगी.

मैंने टीवी चला दिया और हम लोग साथ में सोफे पे बैठ कर टीवी पर एक इंग्लिश फिल्म देख रहे थे. मैंने धीरे से उसके हथेली पे हाथ रखा. उसने कुछ नहीं कहा. मैंने अपने उंगली को उसकी बांह पर फेरना चालू किया. वो मस्त टीवी देखती रही.

मैंने उसकी बांह के ऊपर तक आया, तभी उसको कुछ लगा और उसने मेरी तरफ देखा.. और झटसे मेरे बहुत पास आ कर चिपक कर बैठ गई. मुझे तो हरा सिग्नल मिल गया. मैंने उसकी बांह को धीरे से चूमा और ऊपर तक चूमता चला गया. जब मैं उसके कंधे तक पहुँचा, उसने झट से टीवी बंद किया और उठ गई. मुझे लगा कि मेरी हरकतों का उसे बुरा लग गया.

पर.. दूसरे ही सेकेंड वो मेरी गोद में आकर मेरे से चिपक गई.. और मेरे कान में उसने कहा- आज तक इतना अपनापन मुझे आज तक नहीं मिला.. आई एम युवर्ज़ नाव..! ( मैं अब तुम्हारी हूँ.) वो बहुत कुछ बोले जा रही थी, पर उसके उभार मुझे छूने की वजह से मैं गरम हो गया था. मैंने उसे गर्दन पे चूमना चालू किया.. वो सिहर उठी.

मैंने उसके कानों को अपने जीभ से सहलाना चालू किया. वो ‘एयेए.. हह.. आआ..’ ऐसी आवाजें निकालने लगी.

फिर उसने सीधे मेरे होंठों को बहुत ही कशमकश के साथ चूसना चालू किया. मैं भी उसका साथ दे रहा था. मेरे हाथ उसके उभारों को दबा रहे थे. मैंने अपना एक हाथ उसके टॉप में डाला और उसकी चूचियों तक पहुँच गया. उसने झट से मेरा हाथ निकाला.. और मुझे दूर कर दिया. वो खड़ी हो गई और उसने कहा- मेरे राजा, इतनी जल्दी भी क्या है!

वो गांड मटकाते हुए अन्दर गई. मैं सोफे पे बैठा बस सदमे में था. तभी वो आई, मैंने देखा कि उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए थे… और वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. आह.. क्या गजब की माल दिख रही थी वो. ब्लैक ब्रा और पिंक पेंटी.. उसके दूध जैसे बदन पर ये रंग बड़े सेक्सी लग रहे थे.

वो मटकते मटकते मेरे पास आई. उसने मुझे खड़ा किया और वो दीवार से चिपक कर खड़ी हो गई. उसने फिर जो किया.. वो लाजवाब था. उसने बाजू में रखी पानी की बॉटल उठाई और खोली… फिर धीरे से वो अपने स्तनों के ऊपर पानी डालने लगी और मेरा मुँह अपनी चूचियों से लगा दिया. मुझे पता चल गया कि वो क्या चाहती है. मैं उसके भीगे बदन को बेइंतहा चूमने लगा.. उसके बदन से चूता हुआ वो पानी पीने लगा.

मैंने ब्रा का हुक खोल कर उसकी चूचियों को फ्री कर दिया.. और एक चूची का निप्पल चूसने लगा. वो गरम होकर आहें भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कभी मैं उसके निप्पल को काटता, तो कभी चूचों को चाटता, कभी उसकी नाभि में जीभ डाल देता, तो कभी कानों के नीचे चूम लेता.

वो अब पूरी तरह से गरम हो गई थी. मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और निकाल दी. अब मैं उसकी चुत पर अपनी उंगली फेरने लगा.. उसकी चुत का दाना दबाने लगा. दाने पर स्पर्श से वो ‘आअहह आआहह..’ की आवाजें निकालने लगी. मैं उसकी चुत में उंगली डाल कर आगे पीछे करने लगा. उसकी चुत पानी छोड़ रही थी.

मैंने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पे ले गया. उसे चूमने लगा. हम एक दूसरे को करीब दस मिनट तक चूमते रहे. साथ ही एक हाथ से मैं उसकी चुत में उंगली कर रहा था.

फिर मैं उसको चूमते चूमते नीचे तक गया और मैंने उसकी चुत को देखा.. आह क्या चुत थी एकदम तरगुलाबी. चुत देखकर ऐसा लग रहा था कि वो पहले चुद चुकी थी.

मैंने उसकी चुत को चाटना चालू किया, फांकों के बीच में जीभ फेरना चालू किया. वो तड़पने लगी.. ज़ोर ज़ोर से बोलने लगी- आह और कर बस कर.. और कर और कर…फक मी आअहह..

उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी. मेरा लंड हथियार बन चुका था. मैंने उससे लंड को मुँह में लेने को कहा. उसने झट से लंड को मुँह में ले लिया. अब वो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूमने लगी, चाटने लगी. मैं तो जैसे हवा में तैर रहा था. कुछ ही पलों में मैंने अपने लंड का सारा माल उसके गले में डाल दिया.. वो भी रस पी गई.

मैंने फिर से उसे किस करना चालू किया. वो मुझे अब भी हैंडजॉब दे रही थी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

अब मैंने लंड उसकी चुत पर सैट किया. और एक ज़ोर का धक्का दे मारा. मेरा लंड आराम से अन्दर घुस गया. वो शायद अपने ब्वॉयफ्रेंड से पहले ही चुद चुकी थी. फिर भी उसकी दर्द से चीख निकली. मैं ज़रा रुका और ज़ोर से दूसरा धक्का दे दिया. अब मैं आगे पीछे करने लगा. वो गरम होकर ‘फक मी फक मी.. आहह..’ करके बोल रही थी.

मैंने लंड की ठोकर मारते हुए कहा- साली कितने बार चुदी हो? सावनी- कुछ ही बार उसने चोदा था, पर तेरे लंड ने तो मेरे होश उड़ा दिए.. क्या मस्त है तेरा लंड.. चुत को राहत मिल गई.. आहह.. ठोक साले..अन्दर तक पेल.. आह.. मैं धक्के दे रहा था और उसको चूम रहा था.

फिर मैं अपने चरम पर पहुँचने लगा तो मेरा निकलने वाला था, मैंने उससे पूछा- कहाँ डालूँ? उसने मुँह का इशारा किया. मैंने सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया. वो पूरा अंदर गटक गई.

उसने मुझसे कहा- तूने तो मेरा आज सब दुःख दर्द दूर कर दिया.. उसकी कमी भर दी तूने.. उस कमीने से ज्यादा मजा दिया तूने! आई लव यू.

मैंने उसे गले लगाया और बोला- आई लव यू जान! लेकिन मन ही मन मैंने कहा- ये तो तेरे ब्वॉयफ्रेंड की मेहरबानी है कि तू मेरे लंड के नीचे आ गई है. वो तुझे ना छोड़ता तो तू मेरे लंड की शिकार ना बनती. मैंने उस से पूछा- मजा आया ना जान? वो बोली- हां… बहुत.. इतना मजा मुझे उसने कभी नहीं दिया था. मैं उसे किस करने लगा लेकिन उसके मुंह में मेरे वीर्य का स्वाद था. मैंने उसके लबों से अपने लब हटाये और कहा- यार, मैं ज़रा बाथरूम होकर आता हूँ. शायद वो समझ गई, कहने लगी- मैं भी चलती हूँ. हम दोनों बाथरूम गए, मैं पेशाब करने लगा और उसने कुल्ला करके अपना मुंह साफ़ किया. फिर वो मेरे सामने ही बैठ कर मूतने लगी.

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