हर किसी को चाहिए तन का मिलन-12

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दोस्तो, इस हिंदी एडल्ट स्टोरी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे राहुल को उसकी भाभी ने चूत चोदन की पहली एडल्ट एजुकेशन दी। आप सोच रहें होंगे कि न जाने और कितने पात्र आएँगे जैसे कि रिया जो उस समय राहुल की क्लासमेट थी। पर रिया का ज़िक्र करना ज़रूरी था क्योंकि अधिकतर लोग अकेले इसलिए नहीं होते कि उन्हें कोई प्रेम नहीं करता बल्कि इसलिए होते हैं क्योंकि बजाये उसे प्यार करने के जो हमें प्यार करता है हम किसी दूसरे से प्यार की उम्मीद लगाए होते हैं जो हमें प्यार करता ही नहीं।

राहुल और रिया की कहानी कहाँ तक पहुँच पाई, यह मैं आपको अभी नहीं बताऊँगी बल्कि आप इसे खुद राहुल के मुँह से सुनेंगे कुछ समय बाद।

दोस्तो, राहुल अंजना की बातें सोचते-2 कब सो गया उसे खुद भी नहीं पता चला। राहुल सुबह उठा तो विक्रांत ने उसे बताया कि उसे आज अंजना को घुमाने ले जाना है इसलिए वो स्कूल मत जाए। राहुल की तो चांदी ही चांदी हो गयी, उसका लन्ड यह सोच कर बम्बू बन गया कि जब चुसाई में इतना मज़ा आता है तो चुदाई में कितना आएगा।

लगभग दस बजे दोनों घर से निकले, अंजना को देख कर तो राहुल की आँखें चौंधिया गयी, वो किसी सुपर मॉडल से कम नहीं लग रही थी। उसने एक कोल्ड शोल्डर( नंगे कंधे) ड्रेस पहन रखी थी. काले रंग की ड्रेस में वो और भी सुंदर लग रही थी जैसे काली रात में चाँद। ड्रेस अंजना के घुटनों तक थी और उसके एक एक अंग को उभार रही थी। हल्के मेकअप और खुले बालों में आज कोई भी उसे उसकी उम्र से आधी उम्र का ही समझता। राहुल- भाभी, आप तो बहुत सेक्सी लग रहे हो आज!

अंजना कार की चाबी राहुल को देते हुए- तारीफ ही करते रहोगे या कार भी निकालोगे? राहुल- ओह वाओ पापा ने X6 की चाबी दे दी। पर उन्होंने तो कहा था कि कॉलेज से पहले मैं इसे नहीं चला सकता। अंजना- सिर्फ आज के लिए दी है और वो भी इसलिए कि मैं देख सकूँ कि तुम ड्राइव कैसी करते हो और इसकी रिपोर्ट मुझे उन्हें देनी है।

राहुल ने गेराज से गाड़ी निकाली और अंजना को बैठने के लिए आवाज़ लगाई। अंजना आगे वाली सीट पे बैठ गयी। राहुल ने म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया और गाड़ी को घर के बाहर निकालने के बाद ब्रेक लगा दी. राहुल- देखा, मस्त ड्राइव करता हूँ न? अंजना राहुल का गाल खींचते हुए- देवर जी, अभी आपने दो गलतियां की हैं इसलिए आपके पॉइंट्स हुए ‘-2’… पहली तो यह कि कभी भी और किसी भी लड़की या महिला के लिए कार का दरवाजा खोल कर उसे बैठने के लिए कहना चाहिए और दूसरी यह कि जब कोई लडक़ी या महिला कार में बैठी हो तो उसकी चॉइस (इच्छा) पूछने के बाद ही म्यूजिक सिस्टम ऑन किया जाता है।

राहुल- यह तो मुझे पता ही नहीं था। अच्छा अब बताइए कि चलना कहां है? अंजना- जावेद का सैलून है ना वहाँ। राहुल- पर हम तो होटल जाने वाले थे मैंने सोचा।

अंजना- तीसरी गलती जब कोई लड़की सैलून जाने की बात कहे तो उसे टोकना नहीं चाहिए। वैसे आज हम मेरे लिए नहीं आपके लिए जा रहे हैं बुद्धू महाशय। राहुल- मुझे क्या ज़रूरत है? अंजना- ज़रूरत है. आपके बाल देख कर लगता है जैसे कांटे वाली झाड़ियां हों। और यही है आज का चौथा सबक, लड़कियां सबसे पहले लड़कों की साफ-सफाई और बाल ही नोटिस करती हैं।

सैलून में अंजना राहुल का ‘सीज़र हेयर कट’ करवाती है, छोटे बाल राहुल पर काफी जंचते हैं। सैलून का निपटने के बाद राहुल उससे पूछता है कि अब कहां चलना है? तो अंजना जवाब देती है कि अब हम तुम्हारे लिए अंडर गारमेंट्स की शॉपिंग करेंगे। राहुल के पूछने पर कि क्यों? तो वो उसे बताती है कि उसने उसके लन्ड के अगले भाग (टोपे) पर लाल रंग के रैशेष (दाग,खरोंचें, निशान) देखे थे जो घटिया ढंग के कच्छे पहनने से होती हैं। वो उसे बताती है कि उसे पाउच (थैली) वाला ब्रीफ पहनना चाहिये क्योंकि इससे उसके लन्ड को भी आराम रहेगा और पैंट में शेप भी अच्छा नज़र आएगा।

राहुल के लिए अंडर गारमेंट्स लेने के बाद वो कुछ कपड़ों की शॉपिंग करते हैं अंजना रूपिका और पलविका के लिए भी ड्रेसस खरीदती है। शॉपिंग कर लेने के बाद दोनों एक रेस्टोरेंट में जाते हैं और लंच करते हैं। अंजना उसे समझाती है कि ऑडर हमेशा लड़कियों को करने देना चाहिए, धीरे-2 मुँह बन्द करके खाना चबाना चाहिए और बिल कभी भी लड़कियों को न करने दो चाहे वो कितना भी क्यों न कहें और टिप ज़रूर देनी चाहिए! ऐसी और कई चीज़ें अंजना ने राहुल को बताईं।

दोनों लगभग 3 बजे होटल के कमरे में पहुँचे और कमरे में पहुँचते ही अंजना ने समान बिस्तर पर फेंकते हुए ऐलान किया- मैं तो पहले नहाऊँगी, उसके बाद ही कुछ और… बहुत थक गई हूँ. राहुल- नहाना तो मुझे भी है। अंजना- तो ठीक है, पहले तुम नहा लो। राहुल- दोनों साथ भी नहा सकते हैं। अंजना- एक ही दिन में तुम तो सब सीख गए। राहुल- जब टीचर आप जैसी हो तो गधा भी सीख जाए।

अंजना- मुझे गधे नहीं घोड़े पसंद हैं। राहुल- तो सवारी कर के देख लो भाभी की आपका देवर गधा है या घोड़ा। अंजना- हम्म… आत्मविश्वास अच्छी चीज है पर एक बार याद रखना… मुझे घोड़ों को लंबी दूरी तक भागना पसंद है। राहुल- देवर हूँ आपका… जहां तक सवारी करोगी, वहाँ तक भागूँगा। अंजना- तो किस बात का इंतजार कर रहे हो? अपनी भाभी की हेल्प करो कपड़े उतारने में!

राहुल अंजना के पीछे आ गया और उसकी ड्रेस की डोरें खोलने लगा, ड्रेस पीठ की तरफ से काफी नीची थी। अंजना की गोरी-2 मुलायम पीठ राहुल को आकर्षित कर रही थी, उसने एक चुम्मी अंजना की पीठ पर कर दी। अंजना को इस बात की उम्मीद नहीं थी, अचानक हुई किस के कारण उसका सारा बदन कंपकंपा गया। अंजना- राहुल यह क्या कर रहे हो? राहुल एक और किस करते हुए- भाभी, डोरी खुल नहीं रही तो सोचा दाँतों से खोल दूँ।

राहुल ने दाँतों से डोरी पकड़ ली और गाँठ को खोल दिया। अंजना की पीठ कमर तक नंगी हो गयी, राहुल ने पीठ को नीचे से ऊपर चाट लिया. “उम्म मा…” अंजना सिसक उठी. राहुल की कामुकता सातवें आसमान पे थी, उसका लन्ड जीन्स की पैंट में तम्बूरा बन रहा था और अंजना की मोटी गांड से रगड़ खा रहा था और छेद में घुसने की नाकाम कोशिश कर रहा था। राहुल ने घुटनों के पास से अंजना की ड्रेस को पकड़ लिया और धीरे-2 उसके पूरे बदन पर हाथ फेरते हुए ड्रेस को उतार दिया।

काले रंग की ब्रा और पैंटी में अंजना और भी कामुक लग रही थी, उसकी गोल-2 गांड और दूध से गोरा बदन राहुल के पूरे बदन में आग लगा रहे थे। उसने ब्रा खोलने की कोशिश की तो पता चला हुक पीछे नहीं आगे है। “क्या देवर जी हुक ढूंढ रहे हैं? पर वो तो पीछे नही यहाँ है.” अंजना ने अपने मोटे c आकार के स्तनों की और इशारा करते हुए कहा।

हुक दोनों मम्मों के बीच फंसी हुई थी बिल्कुल बस की उस सीट की तरह जहाँ 2 की जगह 4 लोग बैठे हों। “इसे कैसे खोलूँ? हाथों से या दाँतों से?” राहुल ने अंजना की आँखों में आँखें डालते हुए पूछा। “हाथों से खोलने पर 33 नम्बर और दाँतों से खोल दी तो पूरे 100” अंजना ने उसका लन्ड दबाते हुए कहा।

राहुल इस चुनौती के लिये तैयार था, उसने अपना चेहरा अंजना के मम्मों के बीच गड़ा दिया और दांतों से हुक खोल दी। अंजना के सुडौल और मोटे गोल गोल स्तन उछल कर ब्रा की कैद से आज़ाद हो गए। राहुल का मन हो रहा था कि वो अभी उन्हें चूसना शुरू कर दे पर इससे पहले कि वो कुछ करता, अंजना उसकी पकड़ से आज़ाद हो गयी और उसे हल्का सा पीछे धकेलते हुए बोली- देवर जी, जल्दी से कपड़े उतारो और बाथरूम में आओ, नहाना नहीं है क्या? और भाग कर बाथरूम में चली गयी।

राहुल भी कुछ मिनटों बाद अपने सारे कपड़े खोल कर बाथरूम में चला गया। अंजना शॉवर ले रही थी और अपने स्तनों पर साबुन लगा रही थी। राहुल ने अंजना के हाथ से साबुन ले लिया और हल्के हाथों से अंजना के गोल गोल संतरों जैसे मम्मों पर लगाने लग पड़ा। अंजना ने भी दूसरा साबुन उठा लिया, राहुल के बदन पर लगाने लगी, वो राहुल की गर्दन से होती हुई राहुल के सोटे जैसे लन्ड तक पहुँची और लौड़े को साबुन से भर दिया। फिर उसने राहुल को नीचे ज़मीन पर लेटने के लिए कहा और जब राहुल लेट गया तो अंजना ने चेहरा राहुल की ओर करके उसके लन्ड पर बैठना शुरू कर दिया।

उसने अपनी चूत को राहुल के लन्ड पर सेट किया और फिर अपना वजन डालना शुरू किया। बेशक अंजना चुदी चुदाई थी और लन्ड पर साबुन लगा हुआ था पर फिर लन्ड आसानी से अंदर नहीं जा पा रहा था.. टोपा अंदर घुसते ही अंजना को लन्ड की आसामान्य मोटाई का एहसास हो गया पर उसने दबाव डालना जारी रखा और आखिर एक ज़ोर से झटके से वो राहुल के लन्ड पर बैठ गयी और लन्ड चूत के सारे अवरोध तोड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. “आह… ममम… माँ… कितना मोटा और लम्बा लन्ड है तेरा राहुल… दर्द से बुरा हाल हो रहा है… चल मेरी चुचियाँ दबा ताकि मेरा ध्यान इधर उधर हो सके!”

राहुल ने उसकी सख्त चुचियों को मसलना शुरू कर दिया। अंजना भी धीरे-2 ऊपर नीचे होने लगी… हर एक गुज़रते लम्हे के साथ अंजना की चूत लन्ड की आदी होती जा रही थी और अंजना उठक- बैठक की रफ्तार बढ़ाती जा रही थी और जल्दी ही वो पूरी रफ्तार से अपने कूल्हे मटका मटका कर लन्ड चोदन कर रही थी. फच.. फच… फच… के अलावा और कोई आवाज़ नहीं थी. वो एक लय बद्ध तरीके से लन्ड चुदाई कर थी जैसे कि लस्सी से मक्खन निकाल रही हो.

राहुल और अंजना दोनों ही काम सुख की नदी में डुबकियां लगाते हुए ‘आह… आह… ओह भाभी… उम्म… आह… बड़ा मोटा लन्ड है… आह…’ का खत्म न होने वाला संगीत पैदा कर रहे थे. 60-70 उठक बैठक के बाद दोनों ने पानी छोड़ दिया और निढाल हो गिर पड़े.

अंजना ने चुम्मियों से राहुल का पूरा बदन भर दिया। इसके बाद कुछ देर आराम करने के दोनों नहा कर बाहर आ गए। देवर भाभी की पहली चुदाई इस तरह से बाथरूम में पूरी हुई. दोनों के चेहरे पर सन्तुष्टि की एक आभा थी जिससे लग रहा था कि देवर भाभी दोनों को इस प्रथम सहवास में खूब मजा आया है.

बाथरूम से आकर दोनों ने अपने अपने कपडे पहने और तब फिर राहुल ने अंजना भाभी को पकड़ लिया और उसके होंठों पे होंठ रख कर चूमने लगा. भाभी ने भी अपने देवर का पूरा साथ दिया लेकिन सिर्फ दो तीन मिनट तक…

अब अंजना ने घड़ी देखी तो शाम के 6 बज रहे थे. “राहुल, हमें काफी देर हो गयी है, हमें चलना चाहिए अब!” अंजना ने राहुल से कहा।

राहुल ने कोई उत्तर न दे अंजना को एक बार फिर अपनी बाहों में थाम लिया और अपने गर्म होंठ अंजना के होंठों पे रख दिए। अंजना समझ गयी कि राहुल को इस चुदाई में बहुत बहुत मजा आया है और वो उसी आन्नद से अनुभूत होकर बार बार अपनी भाभी को पकड़ रहा है. इसलिए उसने भी राहुल की हरकतों का कोई विरोध नहीं किया.

राहुल अपनी मर्जी कर रहा था, उसने अपनी भाभी के होंठों को चूस चूस कर उनको सुजा दिया. वो तो भाभी को छोड़ने का नाम भी नहीं ले रहा था. आखिस अंजना ने अब अपने देवर को कहा- यार राहुल, इतने भी उतावले मत हो… अभी बहुत मौके मिलेंगे हमें ये सब करने के… और तुम्हारी सेक्स लाइफ तो अभी शुरू ही हुई है. तुम्हें अपनी जिन्दगी में खूब मौज मस्ती करनी है. चलो, अब हमें चलना होगा. घर पर सब हमारी प्रतीक्षा कर रहे होंगे. भाभी के इतना समझाने पर राहुल ने अंजना को छोड़ा, अंजना ने अपने पर्स से लिपस्टिक निकाल कर अपने होंठों को ठीक ठाक सा किया और होटल से निकाल कर अपनी गाड़ी में बैठ कर घर लौट आये.

देवर भाभी की हिंदी एडल्ट स्टोरी पर अपने इमेल मुझे भेजते रहे ताकि मुझे पता चलता रहे कि आप सब पाठकों को मेरी कहानी अच्छी भी लग रही है या नहीं! धन्यवाद.

आगे क्या हुआ… यह मैं आपको इस हिंदी एडल्ट स्टोरी के अगले भाग में बताऊँगी। [email protected]

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