प्रेमिका से मधुर मिलन की रात

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दोस्तो, मैं एक बार फिर से आप लोगों के सामने अपनी एक और नई चोदन कहानी लेकर हाज़िर हूँ. अब मुझे सेक्स स्टोरी लिखने का काफ़ी टाइम बाद मौका मिला तो सोचा आज कुछ मजेदार लिखता हूँ.

जो पाठक मुझे नहीं जानते हैं, उन्हें बता दूँ कि मेरा नाम रोहित है, मैं 28 साल का हूँ. मैं दिखने में हैंडसम हूँ और देहरादून से हूँ. यदि आपको मेरे बारे में अधिक जानना है, तो मेरी पुरानी कहानी पढ़ सकते हैं चुदने चुदाने की लालसा

ये कहानी लिखते हुए मेरी आँखों में उस शाम का मंज़र घूम जाता है. उस शाम को लगभग 7.30 बजे में अपने दोस्तो के साथ पार्टी कर रहा था. अभी कुछ 4 पैग ही लगाए थे कि मुझे मेरी गर्ल फ्रेंड का फोन आया कि उसके घर वाले शादी में जाने वाले हैं और वो नहीं जा रही है. वो 10 या 11 बजे तक घर पर अकेली रहेगी. इसका मतलब ये था कि वो मुझसे मिलना चाहती थी.

एक बात तो है जब मधुर मिलन की आग लगती है तो उसे खुद लंड के अलावा कोई नहीं बुझा सकता. उस रात में मेरी आँखों में भी चूत की चमक साफ देखी जा सकती थी. ये महीना नवम्बर का था, उस सर्द रात में मेरे पप्पू महाराज ने अंगड़ाई ली तो मैंने मन ही मन अपने पप्पू को कहा महाराज जी थोड़ा रुक जाओ, बस आपके लिए छेद का इंतज़ाम होने वाला है.

मैंने अपनी गर्ल फ्रेंड को फोन किया, तो उसने कहा कि बस 15 मिनट रुक कर आना, घर वाले बस निकल ही रहे हैं.

मैंने एक और तगड़ा पैग लगाया और अपनी बाइक पर निकल पड़ा. उस टाइम कोई 8.30 हो रहा था. दोस्तो मैं बता नहीं सकता कि मधुर मिलन की कल्पना से ही मेरा रोम रोम रोमांचित हो रहा था और सच कहूँ तो मेरी फट भी रही थी क्योंकि किसी लड़की के घर जाकर उसे चोदना, ऐसा मेरे साथ पहली बार होने वाला था, पर मैं पूरे विश्वास से लबरेज था कि जो होगा सही होगा, कुछ दारू भी हिम्मत बढ़ा रही थी.

बहरहाल वो 15 मिनट ऐसे लग रहे थे जैसे 15 घंटे हों, साला टाइम ही नहीं कट रहा था. मैं उसके घर के करीब जाकर रुक गया और उसके फोन का वेट करने लगा. तभी मेरी गर्ल फ्रेंड का फोन आया कि आ जाओ.

मैंने एक गहरी साँस भरी और चल पड़ा. वो जहां रहती थी, वहां कॉलोनी थी पर ठंड होने के कारण सब घरों में दुबके पड़े थे. मैंने बाइक नीचे लगाई और बिना हेल्मेट उतरे ही सीढ़िया चढ़ने लगा. वैसे एक बात तो है दोस्तो जब बात चुदने चुदाने की हो तो साला इंसान सारी शरम हया बेच कर खा जाता है. किसी से कोई मतलब नहीं कि कहीं कोई देख लेगा तो क्या कहेगा और भी बहुत कुछ.

उस समय तो लगता है माँ चुदाए दुनियादारी, बस चुत और लंड दिखाई देता है.

मेरी गर्ल फ्रेंड ने अपने घर की लाइटें बंद की हुई थीं. मैं अन्दर घुसा तो मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. सच में आज भी वो एहसास याद करते हुए गुदगुदी सी होने लगती है. मैं जैसे ही अन्दर घुसा, उसने झट से दरवाज़ा लगा दिया. उसने अपने रूम में ज़ीरो वॉट का बल्ब जला दिया, कमरे में हीटर उसने पहले से ही चला कर छोड़ा हुआ था तो कमरे में ठंड नहीं थी. उस हल्की रोशनी में वो बहुत ही हसीन लग रही थी और कुछ पैग का सुरूर भी था. उस समय सब अच्छा अच्छा सा लग रहा था. उसने पजामा पहना था और ऊपर पतला सा स्वेटर पहना था.

मैंने उसे गले से लगाया, उसने मुझे पानी पीने को दिया. गले लगते ही उसे पता लग गया था कि मैं ड्रिंक किए हुए हूँ. उसने मुँह बनाया तो मैंने उससे कह दिया कि मैंने सिर्फ़ 2 पैग लगाए हैं. वाकयी अब मेरे दिल में कुछ कुछ हो रहा था. मैंने उसे अपनी बांहों में भरा और किस करने लगा, कभी उसके होंठों पे तो कभी उसके गालों पे, कभी कान की लौ पे, तो कभी गर्दन पे. उसका पूरा शरीर कसमसा सा रहा था. उसके शरीर से कुछ अजीब सी महक आ रही थी, जो मुझे बहुत ही उत्तेजित कर रही थी. मैं अपनी जीभ से उसकी गर्दन पे चाटने लगा, तो वो मदहोश सी होने लगी. मैं उसकी उभरी हुई गांड को दबाने लगा, मुझे ऐसा लग रहा था, शायद उसने पेंटी नहीं पहनी या फिर मधुर मिलन में कोई अड़चन ना आए तो उसने पहले ही उतार दी हो.

मैंने जैसे ही उसका पजामा उतारा, उसकी मक्खन सी जांघें मेरे हाथों को टच हुईं.. तो जो एहसास हुआ, उसे मैं सच में शब्दों में बयान नहीं कर सकता. उसे मैंने बेड पे लेटाया और खुद भी उसके साथ लेट गया. मैं उसे पूरी तरह उत्तेजित करना चाहता था ताकि मधुर मिलन का पूरा मजा आए. मैं उसके गले पे किस कर रहा था और एक हाथ से उसकी प्यारी सी चुत को सहला रहा था. उसकी चूत एकदम क्लीन थी, चिकनी चूत थी! फिर मैंने उसका स्वेटर उतारा और उसकी टी-शर्ट भी उतार दी. अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी.

सच में उस हल्की सी रोशनी में उसका शरीर किसी सोने की मूर्ति से कम नहीं लग रहा था और उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए. खैर मैंने उसके दोनों मम्मों को हाथों में लिया और एक एक करके उन्हें चूसने लगा, मसलने लगा.. जिससे वो बहुत उत्तेजित होने लगी और मेरे लंड को मसलने लगी.

मैंने सही मौका देख कर उसको लंड चूसने को कहा, वो मना करना चाहती थी लेकिन इतनी उत्तेजित थी कि मना ही नहीं कर पाई और मेरा लंड को चूसने लगी. पहले तो वो बेमन से लंड चुसाई कर रही थी, पर अचानक ही पता नहीं क्या हुआ वो बड़े मजे से लंड चूसने लगी. सच में यारो, एक तो दारू का सुरूर और ऊपर से उसके वो चूसने का काबिले तारीफ अंदाज़.. मेरी तो ख़ुशी से आँखें ही भर आईं. मैंने मन ही मन सोचा अगर कहीं जन्नत है.. तो यही लंड चुसवाने में है.

फिर मैंने उससे कहा कि मुझे भी उसकी चुत चाटनी है, तो हम 69 की पोज़िशन में आ गए. मैंने उसकी चुत को सूँघा तो उसमें से कुछ खट्टी मीठी सी महक आ रही थी. मैंने जैसे ही चुत चाटना चालू किया, उसके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं और वो अपनी गांड उछाल उछाल कर अपनी चुत मेरे मुँह पे रगड़ने लगी. मैं उसकी कलित को होंठों में लेकर चूसने लगा तो उसकी कामुकता का कोई पारावार नहीं रहा और साथ ही वो मेरा लंड भी तेज़ी से चूसने लगी.

अब मैंने ज़्यादा देर नहीं की क्योंकि मुझे टाइम की अहमियत मालूम थी और मैं कोई रिस्क भी नहीं लेना चाहता था. क्या पता कब उसके घर वाले वापस आ जाएं. मैंने अपनी जेब से कॉंडम निकाला तो मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरे लंड पर कॉंडम चढ़ाया.

दोस्तो, मैं यहाँ एक सलाह देना चाहूँगा कि सुरक्षा के लिए, यौन रोगों से बचने के लिए, अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉंडम का इस्तेमाल ज़रूर करें.

मैं बिस्तर पर लेट गया और उसे अपने ऊपर आने को कहा और उसकी गांड पकड़ कर मैंने उसकी चुत को अपने लंड पट टिकाया और उसे धीरे धीरे बैठने को कहा तो मेरा लंड पूरा उसकी गर्म चुत में सरकता चला गया. अब मैं उसके चूतड़ पकड़ कर उसे उछाल रहा था, वो खुद भी उछल उछल कर अपनी चुत चुदाई करवा रही थी. मैं अपनी प्रेमिका को अपने लंड पर बिठा कर चोदने लगा. सच में उसकी गांड इतनी सॉफ्ट थी कि क्या कहूँ जैसे कोई बेकरी से निकला हुआ ताज़ा बन मसलने को मिल गया हो.

वो भी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी और मुझे पूरी टक्कर दे रही थी. उसके बाद मैंने उसे अपने नीचे आने को कहा और मैं ऊपर से उसे हल्के हल्के प्यार से चोदने लगा, फिर रफ़्तार बढ़ाने लगा. इस बीच में मैं उसके मम्मों को भी मसल रहा था और उन्हें चूस भी रहा था. वो भी मेरी छाती मसल रही थी और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी चुभो रही थी, जिसका आनन्द ही कुछ अलग था.

फिर उसने कहा- यार रोहित, कुछ और ट्राई करते हैं.

मैं कुर्सी पे जाकर बैठ गया और उसे अपने लंड पर बैठने को कहा. वो अपनी टांगें मेरी कमर के गिर्द फंसा कर मेरी गोद में बैठ गई और चुत फंसा कर मस्ती से मेरे लंड पर हिलाने लगी. इसमें उसे भी काफ़ी मजा आ रहा था. मैं उसके मस्त मम्मे मसल रहा था.

फिर कुछ देर मैंने उसे ऐसे ही चोदा, वो अब तक दो बार झड़ गई थी, पर मेरा रस निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था.

अब मैंने उससे कहा कि मैं तेरी गांड मारना चाहता हूँ, उसने साफ मना कर दिया कि बहुत दर्द होगा.

मैंने उसे मनाया कि कुछ नहीं होगा और मैं बहुत प्यार से गांड मारूँगा और शुरू में थोड़ा दर्द तो होता ही है, पर एक बार अगर उसे चस्का लग गया तो फिर वो हर बार पहले गांड ही चुदवाएगी.

इस तरह से मैंने उसे किसी तरह से मनाया. अगर लड़की के दिल में ज़रा सा भी डर हो तो गांड चोदना इतना भी आसान नहीं होता.

मैंने उसे कोई क्रीम लाने को कहा और उसे उसकी गांड पर अच्छी तरीके से क्रीम को मला और उसे अच्छे तरीके से सहलाया. सच में उसकी गांड का वो भूरा छेद बहुत मस्त लग रहा था. मैंने प्यार से उसके छेद पर चूम लिया तो वो डर के मारे चिहुंक उठी. मैंने उसे समझाया कि डरो नहीं और मजा लो.

मैंने साइड पोज़िशन से लंड उसकी गांड में डालना चाहा, पर लंड नहीं जा रहा था उसकी गांड बहुत टाइट थी. मैंने उससे कहा- अपनी गांड ढीली छोड़ दो ताकि लंड आराम से अन्दर जा सके. उसने वही किया और मेरा लंड पकड़ कर अपने गांड के छेद में लगाने लगी. मैं हल्का हल्का धक्का देते हुए उसकी गांड में लंड डालने लगा तो थोड़ी देर में लंड बड़ी कोशिश के बाद गांड में घुस पाया, उसको दर्द होने लगा तो वो लंड बाहर निकालने को कहने लगी.

मैंने कहा- मेरी जान, ज़रा सा और अन्दर लो, फिर देखना तुम ही पूरा लंड अन्दर डालने को कहोगी. मैं उसके मम्मों को भी मसल रहा था और उसकी चुत के दाने को भी रगड़ रहा था, जिससे उसे कुछ मजा आ रहा था. इसी बीच उसे पता भी नहीं लगा कि कब मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया और उसे भी अब मजा आने लगा. वो मजे से गांड आगे पीछे करने लगी और कहने लगी- जान पूरा का पूरा लंड पेल दो.

मैंने कहा- पूरा तो पेल दिया.. अब क्या पड़ोसी से उधार लेकर आऊं? वो हंसती हुई अपनी गांड आगे पीछे करके चुदवाने लगी. दोस्तो गांड अगर दोनों की रज़ामंदी से चुद रही हो, तो चोदने में बड़ा मजा आता है. मैंने उसको पेट के बल लेटाया और बहुत मस्त तरीके से उसकी मोटी मुलायम गांड चोदी. सच में बड़ा मजा आ रहा था और जब मेरा रस निकलने को हुआ तो मैंने उससे मेरा लंड मुँह में लेने को कहा तो उसने मेरा लंड से कंडोम उतार कर अपने मुँह में भर लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी.

सच मैं जब मेरा लंड झड़ा तो उसका पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया. लगभग 1 मिनट तक मेरा वीर्य निकलता रहा और ऐसा लगा जैसे आज बहुत सारा वीर्य निकला हो, शायद पप्पू महराज़ भी उस दिन निहाल हो गए थे.

इसके बाद मेरी गर्ल फ्रेंड ने बाथरूम में जा कर सारा वीर्य उगल दिया. उसने आ कर हैरानी से कहा- आज कितना सारा वीर्य निकला था.

फिर 10 मिनट हम लेटे रहे. मैंने टाइम देखा तो 10 बजने वाले थे तो मैंने निकल जाना ही सही समझा. वैसे चूत छोड़ कर जाने का मन तो नहीं कर रहा था, पर मरता क्या ना करता.

हम दोनों ने अपने कपड़े पहने, मैंने उसके माथे पर किस किया, उसको जोर से गले लगाया, एक चॉकलेट दी और उसको थैंक्स कहकर चुपचाप से निकल गया.

पर सच में उस रात को याद करके आज भी वही एहसास होता है.. प्यारा प्यारा सा…

तो यह थी प्रेमिका की चूत चुदाई उसके घर में… मेरी चोदन कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें [email protected]

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