मेरी मॉम और मेरी कामवासना

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दोस्तो, आज जो बात मैं मॉम की चुदाई की सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ, वो कोई स्टोरी नहीं है बल्कि मेरी जिन्दगी की सत्य घटना है. जो मेरे और मेरी मॉम के अब से एक साल पहले बीच हुई थी.

मेरा नाम संदीप है, मैं 24 साल का हूँ. मैं हरियाणा से हूँ. मेरा कद 5 फुट 10 इंच है, मैं दिखने में काफी ताकतवर और स्मार्ट ब्वॉय हूँ. मेरे लंड का साइज़ भी ऐसा है कि एक बार किसी को चोदूँ, तो वो हमेशा याद रखेगी. जी हां.. जो लड़कियां इस कहानी को पढ़ रही हैं, वे सही समझीं क्योंकि मेरा लंड बहुत लंबा और मोटा है.

मैं पहले आप सभी दोस्तों को अपनी मॉम के बारे में बता दूँ. मेरी मॉम का नाम रमीला है, वे स्कूल टीचर हैं. मेरी मॉम हमेशा मॉर्डन ड्रेस जैसे सूट लेगिंग्स, कभी कभी जीन्स भी पहनती हैं. मॉम के पास एक स्कूटी है, जिससे वो अपना स्कूल और बाकी काम करने के लिए लेकर जाती हैं. मॉम स्कूटी चलाते वक्त आँखों पर मॉर्डन चश्मा भी लगाती हैं.

मेरी मॉम का कद 5 फुट दो इंच है, लेकिन वो काफ़ी भरे हुए शरीर की हैं. उनका वजन 55 किलो है. मम्मों का नाप 40 इंच है मॉम के मम्मे काफी उभरे हुए मोटे मोटे हैं. उनकी कमर 38 की है और मोटे मोटे चूतड़ 40 इंच के हैं.

मेरी मॉम थोड़ी सी मोटी हैं लेकिन उनकी मॉर्डन ड्रेस में उनका पेट कम ही दिखता है, क्योंकि देखने वालों का सबसे पहले ध्यान उनके बाकी फूले हुए जिस्म पर ज्यादा जाता है. मॉम थोड़ी सी सांवली हैं लेकिन उनके नैन नक्श ऐसे हैं कि सांवले रंग के उनके मांसल जिस्म पर नजर पड़ते ही किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. जब सबका एक बार देखने में ये हाल हो सकता है तो फिर मेरा लंड कैसे काबू में रहता.

मेरी फैमिली में मेरे डैड मॉम के साथ मेरी छोटी बहन भी है. पापा आर्मी में हैं वो ज़्यादा बाहर ही रहते हैं. घर में मॉम में और बहन रहते हैं.

माँ बेटे की xxx पोर्न वीडियो देख कर और सेक्स स्टोरी पढ़ कर मेरी मॉम से मेरा इस तरह का लगाव तो जवानी की दहलीज पर आते ही हो गया था. लेकिन बस अब तक मुठ ही मारता रहा था, कभी चुत नहीं चोद पाया था.

उस वक़्त हमारे घर में काम करने एक काम वाली आती थी, वो काफ़ी चालू थी. उसकी उम्र 45 साल करीब थी. मैंने उसको सैट कर लिया था. जब घर में कोई नहीं होता और वो काम करने आती तो मैं उसको 200 रूपए देता और उसकी चूत चुदाई कर लेता था.

मॉम को भी इस बात को लेकर मेरे ऊपर थोड़ा शक़ हो गया था. वो जानती थीं कि मेरे लंड में आग लगी रहती है.

एक दिन मॉम स्कूल से जरा जल्दी घर आ गईं. वे आज कुछ धीरे दबे पांव से घर में आईं. उन्होंने देखा कि मैंने काम वाली आंटी को किचन की पट्टी पे बैठाया हुआ है और उसकी चुत में लंड पेल कर उसे मस्ती से चोद रहा हूँ.

मॉम एकदम से गुस्सा करने लगीं, हम दोनों अलग हो गए, वो काम वाली आंटी अपनी साड़ी ठीक करके जाने लगी तो मॉम ने उसको बोल दिया कि दुबारा काम पर मत आना.

अब उसके जाने के बाद मेरा और ज्यादा मन मॉम को चोदने को करने लगा था. रात में हम तीनों एक ही रूम में एक ही बेड पे सोते थे.

एक रात में मॉम और बहन सोए हुए थे. हमेशा की तरह हम तीनों एक ही बेड पर सोए हुए थे. मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं बेड पर करवट लेकर लेटा हुआ माँ बेटे की चुदाई स्टोरी पढ़ रहा था. ये सेक्स स्टोरी कुछ ज़्यादा सेक्सी थी. बस उस चुदाई की कहानी को पढ़ कर मेरा मन मॉम को टच करने का करने लगा.

वो मेरा पहला अवसर था, मैंने धीरे धीरे मॉम की जांघ पर हाथ रख के सहलाया. मैक्सी के ऊपर से हल्के हल्के से उनके मम्मों को भी टच किया. उन्होंने तब मैक्सी पहनी हुई थी. रात में अक्सर मॉम की मैक्सी उनकी जांघों तक ऊपर हो जाती थी. आज भी उनकी मैक्सी ऊपर थी तो मैं उनकी जांघ को छू कर मज़ा ले रहा था.

पहले तो खाली दूर से देख कर मुठ मार लेता था. आज मैंने मॉम के मम्मे सहलाए और जांघें भी टच की और मुठ मार कर सो गया. अब ये मेरा आए दिन का काम हो गया था. मैं अक्सर अपनी मॉम के अंगों को टच करके मुठ मार लेता और खुद को शांत कर लेता था.

मेरी रंडी मॉम रमीला रात में मैक्सी के नीचे ब्रा पेंटी नहीं पहनती थीं, तो रात में आसानी से उनकी मैक्सी के अन्दर उनकी चुत और मोटे मोटे मम्मे दिख जाते थे.

एक रात की बात थी, मॉम गहरी नींद में सोई हुई थीं, मैंने धीरे धीरे उनकी मैक्सी को ऊपर करना चालू किया और धीरे धीरे मैक्सी को मॉम के मम्मों के ऊपर तक कर दिया. मॉम हमेशा की तरह आज भी नीचे कुछ नहीं पहने हुई थीं. अब मॉम की मैक्सी उनके चेहरे पर हो गई थी. वो मेरे सामने पूरी नंगीं लेटी थीं.

मैं उनके एक बूब को मुँह में लेकर चूसने लगा. तभी वो जाग गईं और मुझपे गुस्सा करने लगीं. फिर मॉम ने अपनी मैक्सी ठीक कर ली और थोड़ा साइड में लेट कर सो गईं. उस वक्त मॉम बोलीं- सुबह तेरे डैड को कॉल करूँगी.

मुझे डर लग रहा था लेकिन उन्होंने किसी को नहीं कहा. अब इससे मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई. मैं अब रोज़ रात में मॉम को टच करता था और कभी कभी तो मॉम को पीछे से किचन में पकड़ भी लेता था. उस वक्त मेरा लंड टाइट होता और मैं उनकी गांड में दबा देता था.

वो मुझे गुस्से से धक्का देकर दूर कर देती थीं. अब तो लगभग हर दूसरे दिन यही होने लगा था. रात में भी मैं उनपे पूरा चान्स मारता.. लेकिन जब उनकी आँख खुलती, तो वो मुझे डांट कर सो जाती थीं.

अभी सिलसिला ऐसे ही चल रहा था कि तभी मेरे घर में रेंट पर रहने एक फैमिली आई. वे लोग पति पत्नी ही थे, साथ में उन आंटी का कोई भतीजा भी कुछ दिनों के लिए रहने आया था. मेरे नए किराएदार की बीवी की उम्र 35 साल थी और फिगर 36-34-36 का था. वो लोग घर के ऊपर वाले हिस्से में रहने लगे थे.

मैं भी दिन भर घर में उनके भतीजे के साथ खेलता रहता था और अपनी किराएदार आंटी पर भी चान्स मारता था. मैं सोचता था कि मेरी मॉम तो पट नहीं रही हैं, इसी को पटा कर चोद लूँ.

ऐसे ही धीरे धीरे वक़्त गुज़रता जा रहा था. दो महीने बीत गए थे.

एक दिन मॉम और किराएदार आंटी दोनों बाज़ार गई थीं. मेरी बहन स्कूल गई थी. इस वक्त घर में मैं ओर वो लौंडा ही था. हम दोनों कंप्यूटर पर गेम खेल रहे थे. तभी मेरे मन में शैतानी जागी और मैं उससे सेक्स की बात करने लगा; उसको सेक्स वीडियो दिखाया और उसको सहलाने लगा; उसके मस्त होंठों पर ज़ोर से किस भी किया.

वो भी मजा लेने लगा.

फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसका मुँह पकड़ कर उसके मुँह में लंड घुसा दिया. उसने सुपारा मुँह के अन्दर तो ले लिया, लेकिन साला चूस नहीं रहा था.

चूंकि उस वक्त घर में कोई नहीं था मुझे लगा कि मौका अच्छा है, मैं उसकी गांड मारने की सोचने लगा. मैंने उससे कहा- गांड मार लेने दे, वो नहीं माना, मैंने उसको पैसे का लालच दिया तो वो मान गया.

अब मैं उसको उठा कर बेडरूम में ले गया, जिस पर मॉम सोती थीं. उस बेड पर उसको लिटाया और उसकी निक्कर निकाल कर उसको नंगा कर दिया. अब मैंने उसकी गांड में तेल लगाया, थोड़ा अपने लंड में भी तेल लगाया.. फिर लंड को उसकी गांड के छेद पर रख कर थोड़ा ज़ोर लगाया तो चिकनाई के कारण लंड फिसल कर सुपारा उसकी गांड में घुस गया. वो तेज़ आवाज में शोर मचाने लगा और रोने लगा.

उसने आगे कूद कर लंड को अपनी गांड के छेद से बाहर निकाल दिया. उसको बहुत दर्द हो रहा था.

मैंने बाद में उसको काफ़ी मनाया कि अब दुबारा अन्दर ले ले, अब दर्द नहीं होगा. लेकिन वो नहीं मान रहा था.

उधर उसकी बुआ और मेरी मॉम मार्केट से आने को थीं. मेरा लंड भी खड़ा था, मैंने सोचा पानी तो निकालना ही है. मैंने उसको बेड ले ज़बरदस्ती लिटाया और उसकी गांड में आयिल लगा कर दबाव दे कर उसकी गांड में लंड का सुपारा फंसा दिया, वो फिर दर्द से शोर करने लगा. लेकिन मैं धीरे धीरे धक्के लगाता हुआ अपने लंड को अन्दर किए जा रहा था.

तभी डोर खुलने की आवाज़ आई और मेरी मॉम और उसकी मॉम वापिस आ गईं. उधर वो बेड पे लेटा शोर कर रहा था. मैंने सोचा मॉम अन्दर ना आ जाएं उस वजह से मैंने उसकी गांड में लंड घुसाए हुए उसको गोद में उठाया और अन्दर स्टोर रूम में ले गया.

वहां उसे दीवार के सहारे खड़ा करके उसकी गांड में धीरे धीरे धक्के मारने लगा.

अभी भी वो थोड़ी सिसकी भर रहा था. मैंने उसका मुँह हाथ से बंद कर लिया तभी मॉम उस रूम में आ गईं. उनको शायद कुछ आवाज़ आ गई थी. वो स्टोर रूम में आईं और जैसे ही उन्होंने अन्दर की लाइट ऑन की, सामने देखा वो दीवार के सहारे झुका हुआ है और मैं पीछे से उसकी गांड में लंड घुसाए हुए हूँ.

मॉम को देखते ही मैंने अपना लंबा सा लंड उसकी गांड से धीरे से निकाला और थोड़ा सा अपना लंड मॉम को दिखाते हुए छुपाने का नाटक करने लगा.

उधर वो भोसड़ी का भी रोता हुआ, अपनी पैंट ऊपर करके वहां से चला गया.

उसके जाने के बाद मेरी रमीला रंडी मॉम बोलीं- कुत्ते… मारेगा क्या इस लड़के को? इतना बड़ा लंड उसकी गांड में दे रखा था.. मर जाता तो क्या होता? सबको जेल कराएगा क्या?

मैंने तभी अपना हाथ धीरे से मॉम की मोटी चुचियों पर रख कर कहा- जो लंड को ले सकती है, वो मौका नहीं देती. मेरी मॉम ने गुस्से में मुझे एक झापड़ मारा और वहां से चली गईं.

मैं भी किराएदार आंटी के पास चला गया. मैंने सोचा उसको ही सैट कर लूँ. मेरी मॉम तो कभी चुत चोदने देगी नहीं.

धीरे धीरे वक़्त बीतता गया. दिन में मैं उस आंटी को सहलाता, उस पर हाथ रखता और रात में अपनी मॉम पर हाथ फेरता. आंटी मुझसे पहले सैट हो गई और एक दिन जब उसका पति ऑफिस गया था और मेरी मॉम व बहन स्कूल गई थीं. मैं उसके किराएदार आंटी के रूम में गया और उसको पकड़ कर बेड पे गिरा लिया. मैंने उसे किस किया, उसको भी मेरे साथ सेक्स करने का खूब मन था. मैं उसकी सलवार खोलने लगा, पहले उसने मना किया, लेकिन मैंने उसकी सलवार खोल कर उसकी चुत में जो लंड घुसाया, उसकी सिसकारी निकलने लगी.

वो कराहते हुए बोली- धीरे धीरे डालो.. प्लीज़ बहुत बड़ा लंड है.. मेरी चूत में दर्द हो रहा है. मैंने उसको खूब चोदा, उसने भी मेरे लंड से चुद कर खूब मजा लिया.

उस दिन मैंने उसे चार बार चोदा. इसके बाद उसके और मेरे बीच खूब चुदाई होने लगी. जब भी मौका मिलता और हम अकेले होते, मैं उसको चोद देता था. लेकिन अभी भी मेरी मॉम मेरे काबू में नहीं आ रही थी.

माँ बेटे की चुदाई की कहानी जारी रहेगी. आपको मेरी मॉम की चुदाई की तमन्ना की यह सेक्स स्टोरी कैसी लग रही है? मुझे अवश्य लिखें. [email protected]

आगे की कहानी : मेरी कामवासना और मेरी मॉम की चुदाई

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