होने वाली बीवी का गांडू भाई-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मेरी गन्दी गांड की चुदाई स्टोरी के पहले भाग होने वाली बीवी का गांडू भाई-1 में आपने अभी तक पढ़ा कि संदीप के घर लड़की वालों के साथ आए लड़की के भाई प्रियांशु ने अपनी बहन की फोटो दिखा कर संदीप को उत्तेजित किया और संदीप का लंड चूस लिया। जाते हुए उसने अपना फोन नंबर संदीप को दिया और मटकते हुए बाकी लोगों के साथ पीछे-पीछे चल दिया। अब आगे की कहानी, संदीप की ही ज़ुबानी…

प्रियांशु को लंड चुसवाने के बाद मैंने उसके साथ चैट करना शुरु कर दिया। वो अपनी बहन की फोटो मुझे इंटरनेट के ज़रिये भेजता रहता और बदले में मुझसे मेरे लंड की फोटो को मांग लेता; दोनों एक दूसरे का काम चलाने लगे।

एक दिन मैंने उससे कहा कि वो अपनी बहन की नंगी फोटो मुझे भेज दे। प्रियांशु ने बताया कि उसके पास बहन की नंगी फोटो नहीं हैं। तो मैंने कहा कि किसी भी तरह वो अपनी बहन की नंगी फोटो भेजे नहीं तो मैं उसको लंड की फोटो नहीं भेजूंगा और ना ही कभी उसको अपने लंड को हाथ लगाने दूंगा। उसने कहा- ठीक है मैं कोशिश करूंगा कि किसी तरह अपनी बहन की नंगी फोटो भेज सकूं।

दो दिन बाद प्रियांशु का मैसेज आया जिसमें उसकी बहन बाथरूम में नहाती हुई नंगी दिख रही थी। उसकी बहन के नंगे चूचे देख कर उस रात मैंने तीन बार मुट्ठ मारी। उसकी बहन के चूचे बहुत मस्त थे लेकिन अभी किसी फोटो में चूत दिखाई नहीं दे रही थी। मैंने प्रियांशु को कहा कि चूत तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रही।

उसने बताया कि ये फोटो भी बड़ी मुश्किल से ली हैं मैंने कैमरा बाथरूम में छिपा कर। मैंने उससे कहा कि अगर उसे मेरा लंड चाहिए तो उसे अपनी पूरी नंगी बहन की नंगी फोटो भेजनी होगी जिसमें चूत भी साफ साफ दिखाई दे।

यह बात सुन कर वो थोड़ा परेशान हो गया और बोला- अब आप मुझे कुछ ज्यादा ही ब्लैकमेल कर रहे हो। मैंने कहा- सोच ले बेटा, मेरा लंड चाहिए तो फोटो भेज दे नहीं तो फिर देख लेना। वो बोला- ठीक है मैं कोशिश करूंगा।

दो दिन बाद लड़की वालों का फोन आया और मेरी माँ ने मुझे बताया कि उन्हें ये रिश्ता पसंद है। मां ने मुझसे पूछा- संदीप, तू भी बता दे तू क्या चाहता है? मैंने कहा- मैंने तो लड़की को देखा भी नहीं है, बात भी नहीं की है, ऐसे कैसे बता दूं? माँ बोली- ठीक है, मैं लड़की की फोटो मंगवा दूंगी।

हालांकि मैं तो लड़की की नंगी फोटो भी देख चुका था लेकिन फिर भी घर वालों के सामने नाटक कर रहा था।

अगले दिन जब मैं दोपहर बाद घर आया तो प्रियांशु घर पर नीचे हॉल में माँ के साथ बैठा हुआ था। मुझे देख कर मुस्कुराते हुए उसने मुझसे हाथ मिलाया और हाल पूछा। मैं भी वहीं बैठ गया और इधर उधर की बातें होने लगी।

माँ ने कहा- तुम दोनों बातें करो, तब तक मैं खाना बना देती हूं। मैंने कहा- मां, हम ऊपर वाले कमरे में बैठ जाते हैं। मां ने कहा- ठीक है, मैं टिंकू के हाथ खाना भिजवा दूंगी; तब तक तुम दोनों बातें करो।

हम उठकर ऊपर वाले कमरे में चले गए। मैंने कहा- तुमने अभी तक अपनी बहन की नंगी फोटो नहीं भेजी है, कब भेजेगा? “होने वाले जीजा जी, इतनी भी क्या जल्दी है?” कह कर उसने लोअर पर से मेरे लंड पर हाथ फेरना शुरु कर दिया।

मैंने उसका हाथ हटाते हुए कहा- मैंने कहा था ना, पहले फोटो… उसके बाद लंड मिलेगा तुझे! “मुझे पता था होने वाले जीजा जी, आप बहुत ठरकी हो!” कह कर उसने अपना फोन निकाला और अपनी बहन की नंगी फोटो खोल कर मेरी आंखों के सामने रख दी।

फोटो देखते ही मेरा लंड एक मिनट के अंदर ही तन गया और प्रियांशु ने मेरे तने हुए लंड को देख कर उसे सहलाना शुरु कर दिया। मैंने लोअर नीचे सरकाते हुए अंडरवियर से निकाल कर लंड प्रियांशु के हाथ में दे दिया।

उसने लंड को चूमना चाटना शुरु कर दिया और मैं उसकी बहन की नंगी फोटो देखने में मशगूल हो गया। लंड की टोपी खोल कर उसने मेरी मुट्ठ मारनी शुरु कर दी। मैंने उसके फोन से उसकी बहन की नंगी फोटो को अपने फोन में ट्रांसफर कर लिया। मैंने फोटो देखते हुए उसके सिर को अपने लंड की तरफ बढ़ाया, उसको लंड मुंह में लेने का इशारा किया। लेकिन उसने नाक सिकोड़ते हुए कहा- आज तो लंड से अजीब सी स्मैल आ रही है, एक बार धो कर आ जाओ! “क्यूं नखरे कर रहा है, चूस ले ना साले!” लेकिन वो नहीं माना।

मैं उठकर बाहर निकल गया और वॉशरूम में लंड को धोने लग गया।

इतने में टिंकू आवाज़ लगाते हुए ऊपर आया और कहने लगा कि- खाना तैयार है संदीप, यहीं खाओगे या नीचे ही लगवा दूं? मैंने वॉशरूम से ही आवाज़ लगाई- हम दोनों नीचे ही आ रहे हैं, वहीं पर खा लेंगे। टिंकू बाहर से ही चला गया।

5-7 मिनट बाद मैंने चेक करने के बहाने बाहर झांका तो टिंकू जा चुका था, मैं अपने कमरे में गया और लोअर निकाल कर प्रियांशु के सामने खड़ा हो गया। उसने भी बिना देर किए हुए मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। लंड तनकर कड़क हो गया और मैंने प्रियांशु को उठने का इशारा करते हुए उसे बेड पर पेट के बल गिरा दिया। उसकी पैंट को खोल कर नीचे खींच दिया और उसकी गोल मटोल गांड को हाथों से चौड़ी करते हुए उसके छेद पर लंड की टोपी लगाकर धीरे से लंड को अंदर धकेलना शुरु कर दिया।

उसकी गांड पहले से ही खुली हुई थी लेकिन बिना चिकनाहट के लंड को अंदर जाने में परेशानी हो रही थी, मैंने लंड को वापस बाहर निकाला और उसके छेद पर थूका और हाथ से छेद को चिकना किया। मैंने दोबारा से अपनी हथेली पर थूका और लंड को चिकना करते हुए फिर से उसकी गांड के छेद पर लगा कर अंदर धकेल दिया। अबकी बार लंड आसानी से अंदर घुसने लगा। पूरा लंड गांड में उतारने के बाद मैंने अपने फोन में उसकी बहन का नंगा फोटो खोला और फोटो को देखते हुए उसकी गांड को चोदने लगा; उसकी बहन की चूत को जूम करके देखा तो मेरी वासना और बढ़ गई जिसके चलते मैंने ज़ोर ज़ोर से उसकी गांड में लंड के धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।

पहली बार साले की बहन की चूत को देख कर मैंने 3-4 मिनट में ही उसकी गांड में अपना वीर्य झाड़ दिया। पंखे के नीचे भी मैं पसीना-पसीना हो रहा था। गांड की चुदाई करवा के प्रियांशु ने उठ कर अपनी पैंट पहन ली और मैंने भी लोअर ऊपर कर ली।

नीचे से फिर टिंकू की आवाज़ आई- खाना ठंडा हो रहा है संदीप!” “हां, हम नीचे आ रहे हैं…” मैंने आवाज़ दे दी।

नीचे जाकर हमने खाना खाया और कुछ देर प्रियांशु ने माँ से बात की और नमस्ते कह कर चल दिया।

उसके जाने के बाद माँ ने मुझे उसकी बहन का फोटो दिखाया। मैंने भी अनजान बनते हुए फोटो को देखा, जबकि मैं तो उसकी बहन की चूत भी देख चुका था। मैंने कहा- लड़की तो अच्छी है मां… मां ने कहा- ठीक है, तो फिर मैं तेरी बहन के हाथों लड़की वालों को खबर करवा देती हूं कि हमें भी रिश्ता मंज़ूर है। कह कर माँ खुश होते हुए उठकर चली गई।

मैं भी खुश हो गया कि बीवी की चूत के साथ-साथ उसके भाई की गांड भी मारने को मिला करेगी। प्रियांशु की गांड मारने के बावजूद भी उस रात मैंने उसकी बहन की चूत की फोटो देखते हुए उसको चोदने की कल्पना करते हुए 2 बार मुट्ठ मार डाली और थक कर सो गया।

एक हफ्ते बाद माँ और पापा लड़की वालों के घर जाकर रिश्ता पक्का करके आ गए।

उन दिनों मैं राजस्थान के जयपुर में प्राइवेट जॉब पर था। मुझे ऑफिस से छुट्टी भी लेनी थी इसीलिए फौरन जयपुर चला गया। दो दिन बाद लौटा तो माँ ने बताया कि प्रियांशु शादी की तारीख और मुहुर्त के बारे में बताने आया था। शादी की तीन तारीखों में से एक के लिए बात फाइनल हो गई। मैंने अपने सभी दोस्तों को भी इस बारे में बता दिया और एक दिन पार्टी भी रख ली।

पार्टी लोकेश के घर पर थी। उस रात मैं लोकेश के घर पर ही रुका हुआ था। लोकेश मेरा पुराना दोस्त था जिसकी मैंने पहले कई बार गांड मारी हुई थी। लेकिन मेरे बाकी दोस्तों को लोकेश के बारे में नहीं पता था कि हमारे बीच में ऐसा कुछ भी होता है। हमारी दोस्ती काफी पुरानी थी और कई बार लड़ाई भी हो चुकी थी। लेकिन वो काफी पज़ेसिव टाइप का था इसलिए मैं उसके पास जाना अवॉयड कर देता था।

मेरे घर वाले भी उसे अच्छी तरह जानते थे और मेरे छोटे भाई टिंकू के साथ भी उसकी अच्छी बनती थी, लेकिन उसने कभी टिंकू के साथ कुछ ऐसा वैसा करने की कोशिश नहीं की।

उसकी एक ही आदत मुझे खलती थी कि वो हमेशा लड़कियों की तरह मुझ पर अपना हक़ जताने की कोशिश करता था। यह सब मुझे पसंद नहीं था। मैं बस सेक्स में ही इंटरेस्टेड था; गांड मारी और बात खत्म। लेकिन टाइम के साथ साथ उसके साथ काफी अच्छी दोस्ती बन गई थी। अब हमारे बीच में सेक्स तो नहीं होता था लेकिन हम आम दोस्तों की तरह ही रहते थे।

वो थोड़ा गर्लिश टाइप का था और मैंने कई बार उससे बताया था कि वो थोड़ा लड़कों की तरह रहना सीख ले लेकिन उसकी आदतें फिर भी वैसी ही रहीं इसलिए मैंने उसके साथ रहना लगभग बंद ही कर दिया था लेकिन इंटरनेट पर चैट वगैरह होती रहती थी।

पार्टी वाले दिन जब सारे दोस्त चले गए तो रात में मैं वहीं पर रुक गया। लोकेश आकर मेरी छाती पर लेट गया और अपने हाथ में मेरा हाथ ले लिया; हमारी पुरानी यादें ताज़ा हो गई थीं। हालांकि मेरा उसके साथ सेक्स करने का कोई इरादा नहीं था फिर भी उसने मेरे लंड को सहलाना शुरु कर दिया और मेरा मन भी उसकी गांड की चुदाई के लिए तैयार हो गया।

वो मुझे होठों पर किस करना चाहता था लेकिन मैंने मना कर दिया। उसने मेरी पैंट को निकाला और लंड को चूसने लगा। मैं उसके साथ कई बार सेक्स कर चुका था इसलिए अब इतना मज़ा भी नहीं आ रहा था लेकिन जो भी हो रहा था उसमें लंड को तो मज़ा आ ही रहा था; मैंने उसकी गांड में उंगली डालकर अंदर बाहर करनी शुरु कर दी।

वो भी जानता था कि अब मैं मूड में हूं इसलिए उसने जल्दी से वैसलीन उठाई अपनी गांड पर लगा ली और मेरे सामने लेट गया। उसकी नंगी गांड को देखकर मेरा मन भी उसकी गांड मारने को कर गया, मैंने अपने लंड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और उसकी गांड में लंड को उतार दिया। लंड जल्दी से गांड में उतर गया और मैंने लोकेश को चोदना शुरु कर दिया।

उसने मेरे हाथों को अपने निप्पलों पर लाकर अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया और मैं उसके छोटे छोटे निप्पलों को चुटकी में काटते हुए उसकी गांड को चोदने लगा।

लगभग 10 मिनट तक मैंने उसको अलग अलग एंगल से चोदा और उसकी गांड में झड़ गया। हम दोनों ऐसे ही नंगे होकर रात भर एक दूसरे के पास पड़े रहे, सुबह उठ कर मैं अपने घर चला आया।

एक महीने बाद शादी थी, सारा घर शादी की तैयारियों में जुट गया, शादी के कार्ड भी छपवा लिए गए और उनको बांटने समय भी आ गया।

शादी को केवल एक हफ्ता रह गया था। मैंने लोकेश के साथ मिल कर सारे रिश्तेदारों और दोस्तों में अपनी शादी के कार्ड बांट दिए। मेरी शादी के लिए मेरे कुछ गांडू दोस्त ज्यादा एक्साइटेड थे। नाचने का बहुत शौक होता है उनको… और साथ ही इस बात का भी इंतज़ार था कि शादी में कोई न कोई नया लंड तो फंस ही जाएगा। वैसे भी शादी में आए लौंडों को पटाने का मज़ा ही अलग होता है।

देखते ही देखते शादी में दो दिन रह गए और घर में रिश्तेदारों का जमघट लग गया। घर में हर तरफ चहल पहल शोर शराबा रहने लगा। कभी कोई रस्म तो कभी कोई रस्म… रात में औरतों का नाच गाना और हंसी ठहाके।

अगले दिन खाना था, मेरे सारे दोस्त और रिश्तेदार सज धज कर तैयार थे, आधे से ज्यादा गांव को खाने का न्यौता था।

देखते ही देखते शाम हो गई और रात को डीजे वाले बाबू ने गाना बजाना शुरु कर दिया। मेरे सारे दोस्त डांस फ्लोर पर नाचने लगे, साथ में मुझे भी खींच ले जाते थे। लोकेश भी आया हुआ था। उसने दिन भर भी काम करवाया और मेरे दोस्तों के साथ काफी इंजॉय कर रहा था डीजे पर।

2 घंटे में धीरे धीरे सबका जोश ठंडा होने लगा और मेरे दो चार दोस्तों के अलावा डांस फ्लोर पर कोई नज़र नहीं आ रहा था। लोकेश भी अभी वहीं था; मुझे पता था कि लोकेश मेरी शादी से खुश नहीं है क्योंकि वो शायद मुझे अभी भी अपनी ही जागीर समझ रहा था लेकिन मेरे दिल में उसके लिए ऐसा कुछ भी नहीं था। मुझे बस नए-नए लौंडों की गांड मारने का शौक था, इसके अलावा फालतू की बातों में मैं ध्यान नहीं देता था।

रात के 11 बज गए और सब नाच कूद कर थक गए। डीजे भी बंद हो गया और टैंट वाले ने अपना सामान समेटना शुरु कर दिया। मेरे 2-3 दोस्त अभी भी डटे हुए थे और लोकेश भी। हमने साथ मिलकर सारा सामान समेटा और वापस टैंट वाले के यहां भिजवा दिया।

सब लोग चले गए और आखिर में लोकेश ही बचा। मैंने कहा- तू भी आराम कर, सारा दिन से लगा हुआ है।

वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया लेकिन उसकी आंखों में मेरी शादी की खुशी नहीं थी। उसका कारण भी मैं जानता था लेकिन मैं उसे इमोशनल फूल ही समझता था। लेकिन फिर भी कहीं न कहीं वो मेरे बाकी सभी दोस्तों से ज्यादा मेरा ख़याल रखता था; उसने कभी मेरे किसी काम के लिए ना नहीं की।

खैर, मैंने लोकेश को उसके घर छोड़ा और वापस अपने घर पर आकर सो गया।

अगले दिन बारात लेकर जाना था। मेरी होने वाली बीवी की चूत मारने के लिए मैं भी उतावला था। सुबह उठ कर देखा तो घर में फिर से चहल पहल शुरु हो गई, सब लोग बारात की तैयारी में लग गए। रिश्तेदार से लेकर दोस्तों तक सब अपनी-अपनी धुन में थे, कोई मेकअप करवाने गया है तो कोई फेशियल… कोई बाल कटवाने गया है तो कोई लास्ट मोमेंट पर दूसरे जूते लेने गया हुआ है।

शादी मेरी थी लेकिन बाकी लोग ऐसे सज रहे थे जैसे शादी मेरी नहीं, उनकी हो रही हो और सारी दुनिया उनको ही देखने वाली है।

मेरे कुछ करीबी दोस्त मेरे कोट-पैंट और जूतों के सिलेक्शन में बहस बाजी कर रहे थे। जैसे तैसे करके शादी के लिए ड्रेस फाइनल हुई और मैंने ग्रे कलर का सूट पहन लिया। मेरा शरीर भी काफी सुडौल था इसलिए कोट भी जंच रहा था। मैंने जब खुद को आइने में देखा तो काफी हैंडसम लग रहा था। सोच रहा था कि मुझे देखकर आज कई गांडुओं की गांड और कई लड़कियों की चूतों के अंदर खुजली तो उठ ही जाएगी।

मेरी पैंट भी काफी टाइट थी जिसमें मेरा लंड भी देखने लायक उभार बना रहा था।

मुझे घोड़ी पर बैठा कर गांव की गलियों में जब घुमाया गया तो लग रहा था कि जैसे मैं यहां का राजा हूं और आगे पीछे प्रजा नाचती गाती हुई खुशी मना रही है। एक अलग ही अहसास था वो भी। नाचने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों पर नोट उछाले जा रहे थे जिनको कुछ गरीब बच्चे और कभी-कभी बैंड बाजे वाले भी मौका पाकर उठा लेते थे। लोकेश भी मेरे दोस्तों के साथ नाचने में मग्न था।

घुडचढ़ी हुई और फूलों से सजी कार में मुझे बैठा दिया गया। मेरे साथ मेरी बड़ी बहन के बच्चे और मेरा एक करीबी दोस्त भी था। सब लोग अपनी अपनी कारों में बैठे और हम शादी के लिए रवाना हो गए।

मेरी गंदी गांड की चुदाई कहानी अगले भाग में जारी रहेगी। [email protected]

कहानी का अगला भाग : होने वाली बीवी का गांडू भाई-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000