बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-1

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दोस्तो, एक और आप सच्ची चुदाई की गर्म कहानी आप सबके सामने लेकर आया हूँ. मेरी पिछली कहानी अब आई बड़ी बहन की चोदा चोदी की बारी को पसंद करने के लिये आप सभी का बहुत धन्यवाद.

एक बार मैं बस से दिल्ली से अपने घर जा रहा था, तो मेरे पास एक बहुत ही खूबसूरत विवाहित लड़की मेरे पास आकर बैठ गई. मैंने जब उसको देखा तो बड़ी मस्त गर्म और काँटा माल लगी. उसकी बॉडी का साइज़ एकदम मस्त क़ातिलाना 34-30-34 का था. उसने साड़ी पहनी हुई थी. पहले तो हम दोनों में कोई बात नहीं हुई, बस एक-दूसरे को देखा और चुप बैठे रहे.

थोड़ी देर बाद वो बोली- क्या आप मुझे खिड़की की तरफ बैठने दे सकते हैं? तो मैं तुरंत बोला- ठीक है, आप आ जाओ.

वो तुरंत उठी और मैं पीछे सरका तो उसकी गांड मेरे मुँह को छुलती हुई दूसरी साइड को गई. उसने खिड़की के पास बैठते हुए मुझे मुस्कुराते हुए ‘सॉरी’ कहा मैं समझा नहीं कि इसने सॉरी क्यों कहा. मैं बोला- आपने सॉरी क्यों कहा? तो वो कुछ देर कुछ नहीं बोली और फिर मुस्कुरा कर बोली- आपको कहाँ जाना है? मैंने बता दिया कि घर जा रहा हूँ.

वो फिर स्माइल देने लगी तो मैंने भी पूछा कि आप कहाँ जा रही हैं? तो उसने बताया कि मेरी ख़ास सहेली की शादी है और मैं उसकी शादी अटेण्ड करने अपने मायके जा रही हूँ.

पहले हमारी नार्मल बातें ही हुईं. उसके बाद मैंने अपने मोज़े उतारे और मैं भी रिलेक्स होकर बात करने लगा.

इसी दौरान उसके पैर से मेरा पैर टकराया, तो मुझे बड़ा मस्त लगा. मैं बार-बार उसके पैरों से अपने पैरों को लगाने लगा. वो भी कोई विरोध नहीं कर रही थी. मैं इस तरह धीरे-धीरे उसके पैरों को सहलाने लगा.. और धीरे-धीरे से उसके मम्मों को अपनी कोहनी से सहलाने लगा. वो मस्त होती गई, उसने आँखों को बंद कर लिया तो मैंने और जोर से उसकी चूचियों को तेजी से दबा दिया.

इस बार उसने ‘आह…’ के साथ आँखें खोल दीं, मैंने तुरंत हाथ और पैर हटा दिए. उसने मेरी तरफ देख कर आँख बंद कर लीं और मुस्कुराते हुए अपना पैर मेरे पैर से सहलाने लगी. अब मैं समझ चुका था कि ये तैयार है, मैंने अपने हाथों को बगल में लिया और उसकी साड़ी के नीचे हाथ डाल कर उसके मम्मों को दबाने लगा, वो मस्त हो गई.

कुछ देर बाद उसने आँखें खोलीं और मुझसे बोली- तुम खिड़की वाली साइड आ जाओ.

मैं समझा नहीं कि ये ऐसा क्यों कर रही है. पर मैं चुपचाप उसकी बात मान गया. वो फिर से अपनी गांड को मेरे मुँह से और जोर से सटाते हुए निकली और इस बार उसने बैठते समय मेरे लंड को दबा दिया, मेरी तो जान निकल गई. मैं समझ गया कि ये पूरी तरह गरम हो गई है.

मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम पूजा बताया. अब वो कुछ इस तरह बैठी थी कि कोई भी हमारी हरकतों को न देख सके. मैं खुश था, उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी.

वो भी बहुत खुश थी, अब हम एक-दूसरे को देख भी रहे थे और सहला भी रहे थे. वो बोली- अमित, आप मेरे साथ घर चलो. मैं बोला- यार कोई कुछ बोलेगा तो नहीं? वो बोली- कोई कुछ नहीं बोलेगा.

मैं बोला- होटल चलते हैं. उसने मना कर दिया. मैंने घर फोन करके बोल दिया कि मैं कल आऊंगा.

अब हम दोनों उसके यहाँ करीब 9 बजे पहुँचे, उसने मुझे अपनी सहेली का भाई बताया. उसका घर बहुत बड़ा था. उन लोगों ने मेरा रहने का इंतज़ाम गेस्टरूम में कर दिया. पूजा और मैंने एक साथ खाना खाया और वो मुझे इशारा करके चली गई.

उसके घर में दो भाई-भाभी, माँ-बाप के अलावा और कोई नहीं था, सब अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए.

लगभग 12 बजे पूजा नाइटी पहन कर आई और मेरे कमरे में आते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया. वो मुझसे चिपक गई, मैं भी उस के कपड़े निकालने लगा.

यार उसकी नाइटी निकलते ही मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा. वो भी मस्ती से चूचे चुसवाने लगी. मैंने एक हाथ पेंटी में डाला और उसकी चुत के ढक्कन को उतार दिया और चूत को सहलाने लगा. अब उसने मेरा लोअर निकाल दिया, अंडरवियर निकाल कर मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैंने तुरंत उसको 69 की पोजीशन में लिटाया और उसकी चिकनी चूत को चाटने लगा. पूजा मस्त हो गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ ही पलों की चुत चुसाई में वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी मेरे मुँह पर दे मारा. अब मैं मस्त हो कर चेहरा साफ करके उसके ऊपर आ गया. मैंने उसकी चूत पर लंड लगाया और एक झटके में उसकी चूत में अपना 7 इंच का खड़ा लंड डाल दिया.

वो लंड खाते ही बोली- आह माँ मर गई.. बहुत मोटा लंड है. मैं तेज़ी से धक्के मारने लगा, वो चिल्लाती रही और मैं उसे चोदता रहा. वो खुद बोल रही थी कि अमित मार डालोगे क्या.. थोड़ा रुको ना.

पर दोस्तो, पूरे दिन की मस्ती चढ़ी थी, जोश बहुत ज्यादा था, तो मैं लगातार उसको ठोकता रहा और अपना पानी निकाल दिया. अब पूजा भी मेरी बांहों में सिमट गई. काफी देर तक हम दोनों एक-दूसरे से चिपटे रहे. अब तक दो घंटे से ज्यादा बीत चुके थे.

फिर पूजा खुद बोली कि अमित आज तक मैंने इतनी सेक्सी सेक्स नहीं किया और तुम्हारी सबसे अच्छी बात ये है कि जो तुम सेक्स करने के बाद मुझसे चिपके रहे. मेरा पति तो आते ही कपड़े निकालता है और चुत के अन्दर लंड डाला, धक्के मारे और बस पानी निकाल कर वो दूसरी तरफ मुँह करके सो जाता है.

मैं उससे बोला- डार्लिंग मैं तो बस प्यार करना जानता हूँ और कुछ नहीं.. अभी तुम बोलो और चुदाई करवाना है? पूजा बोली- आप जब तक चाहो.. मुझे चोद सकते हो, पर घर में सब जल्दी उठ जाते हैं. बाकी का मजा कल कर लेना. मैं बोला- यार, कल तो मुझे जाना है और दिन में कुछ नहीं हो सकता. वो बोली- तुम कल नहीं जाओगे.. और कल मैं कुछ अलग इंतजाम करती हूँ

अब तक सुबह के 4 बज चुके थे तो वो जाने लगी. जाने से पहले उसने एक बार फिर से मेरी बांहों में आकर चुम्मी ली और चली गई.

पूजा के जाने के बाद मैं सो गया और सुबह पूजा की बड़ी भाभी ने मुझे उठाया. मैं अंडरवियर में ही सो रहा था, मेरा लंड खड़ा था लेकिन जैसे ही भाभी ने मुझे आवाज़ दी, तो मैं तुरंत उठ गया और उनको देख तुरंत अपने ऊपर चादर ओढ़ ली. यह देख कर भाभी हँसते हुए बोलीं- इतनी शर्म आती है तो या तो दरवाजा बंद रखा करो या कपड़े पहन कर सोया करो. मैं बस उनको मुश्किल से सॉरी बोल पाया.

भाभी ने चाय मुझे दी और हंसते हुए निकल कर चली गईं. मैंने महसूस किया कि भाभी जाते हुए बड़ी इठला कर गांड मटकाते हुए गई थीं. मैं सोचने लगा कि भाभी भी एकदम गर्म मस्त माल थीं. उनकी उम्र 35 साल के आस-पास होगी, उनका भरा हुआ शरीर था. ऊपर 36 इंच के मम्मे और 34 की कमर.. नीचे गांड भरी हुई मस्त माल सी लगी. मुझे नहीं पता था कि उनके बच्चे भी थे या नहीं.

मैं उठा और नहाने को बाथरूम में चला गया.

तभी पूजा भी आ गई और कमरे से ही मुझसे बात करने लगी. मैंने पूछा- तुम्हारे साथ और कौन है? पूजा बोली- मेरी जान अकेली हूँ. मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया, मैं बाथरूम में नंगा था.

वो तुरंत अन्दर आ गई और मेरे लंड को चूसने लगी. मैं मस्त हो गया. लंड चुसवाते हुए मैंने भाभी वाली बात भी बता दी. वो बोली- कोई बात नहीं, वो बस मजाक ज्यादा करती हैं.

वो फिर से लंड चूसने लगी. मैंने उसको उलटी करके उसकी नाइटी ऊपर की तो उसने पेंटी नहीं पहनी थी.

मैंने सीधा लंड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्का मारने लगा. मैंने पूछा- पूजा डार्लिंग क्या तेरी गांड में डाल दूँ? मुझे लड़कियों की गांड मारने में बहुत मजा आता है.

तो पूजा ने गांड मरवाने से मना कर दिया, वो बोली- आज तक गांड में नहीं किया और अभी जल्दी से कर लो, अभी मैं ये करवाने नहीं आई थी. मैं तो बस तुमसे मिलने आई थी लेकिन तुम्हारा खड़ा लंड देख कर मन बदल गया.

उसने ये कहा तो मैं भी जल्दी-जल्दी चोदने लगा और तभी बाथरूम का दरवाजा बजा.

भाभी की आवाज थी और वे पूजा को बोल रही थीं, मैं तुरंत हट गया.

पूजा को छिपा कर मैंने भाभी को बोला- मैं नहा रहा हूँ भाभी, पूजा यहाँ नहीं है. तो भाभी कह गईं- मैंने तो उसे तुम्हारे कमरे में ही आते देखा था. “वो कहीं और होगी, मैं नहा कर 5 मिनट में आता हूँ.”

मैं जल्दी से नहा कर जैसे ही दरवाजा खोल कर देखा कि कोई नहीं है तो मैं पूजा को बाहर करने लगा.

तभी पता नहीं भाभी कहाँ से सामने आ गईं. मैं और पूजा दोनों डर गए.

भाभी खुद कमरे में आ गईं और बोलीं- मुझे लगा था, जब तुमको चाय देने आई थी. बिस्तर की हालात अकेले सोने वाले के जैसी नहीं लग रही थी. कल रात भी पूजा तुम यहाँ थीं ना..? अब हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला.

भाभी हँसते हुए बोलीं- कोई बात नहीं है.. पर आप दोनों पूरी बात बताओ और हमसे कुछ न छुपाओ. पूजा बोली- भाभी प्लीज़ आप किसी को कुछ न बताना. “डरो नहीं.. मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी और पूजा तुम बाहर जाओ, मुझे अमित से कुछ बात करनी है.”

पूजा के जाते ही भाभी बोलीं- कब से चल रहा है ये सब? मैंने सच सच कहा- भाभी ये पहली बार है. पर वो मानी ही नहीं, भाभी बोलीं- अमित तुमसे एक मदद चाहिए, मुझे बच्चे नहीं हैं. कमी मुझमें नहीं है, पूजा के भाई में है. जब मैं चाय देने आई थी तो तुम्हारा लंड देखा और पसंद आ गया. पर बिस्तर के नीचे पेंटी देख कर मुझे यकीन हो गया था कि रात तुमने और पूजा ने यहाँ सेक्स किया है. पूजा भी सुबह उठते ही जब तुम्हारे कमरे में आई और कुछ देर तक न निकली तो मैंने आवाज़ दी. अब बताओ तुम क्या कहते हो.. करोगे मेरी मदद? मैं बोला- भाभी मैं तो तैयार हूँ.. क्या पूजा मानेगी?

भाभी बोलीं- उस रंडी को तो मानना ही पड़ेगा. भाभी ने तुरंत पूजा को बुलाया और पूजा से कहा कि अगर तुम चाहती हो कि में किसी से कुछ न कहूँ तो मैं भी अमित से सेक्स करूँगी. पूजा क्या कहती, वो बस सर को हां में हिला कर रह गई.

भाभी ने पूजा से कहा कि बुरा न मान, मैं ये सब तेरे घर के भले के लिए कर रही हूँ. मैं शान्ति से दोनों की बातें सुन रहा था. फिर मैं बोला- यार ये सब खत्म करो. अब ये बताओ कि आगे क्या करना है? भाभी बोलीं- छोटी किचन में है.. और माँ-बाबूजी (सास-ससुर) मोहित के यहाँ शादी के इंतजाम में गए हैं. कुछ ही देर में पूजा के दोनों भाई ऑफिस चले जाएंगे, तब तक तुम नाश्ता कर खा लो. फिर एक एक करके हम दोनों तुम्हारे पास आ जाएंगे.

मैंने ‘ओके..’ कहा और भाभी मुझे डायनिंग हॉल में लेकर चल दीं. गर्म भाभी ने चलते-चलते मेरे लंड को दबाते हुए टटोल लिया था, ये पूजा ने भी देख लिया था. उस वक्त पूजा जल-भुन गई थी, ये उसने मुझे बाद में बताया था.

मैंने नाश्ता किया, पूजा के दोनों भाई नाश्ता करके ऑफिस निकल गए. अब मैं, पूजा, छोटी भाभी और बड़ी भाभी ही घर में रह गए थे.

कहानी जारी रहेगी. मेरी गर्म सेक्स स्टोरी का यह भाग कैसा लगा दोस्तो… जरूर बताना. [email protected]

कहानी का अगला भाग: बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-2

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