दोस्त की कुँवारी नौकरानी को चोदा

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हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम समीर अली है और मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.8 फुट की है, मेरा रंग गेहुँवा है. दोस्तो, मैं भी आपकी ही तरह से इस लाजवाब कामवासना हिंदी स्टोरी वेबसाइट का एक नियमित पाठक हूँ. और यह मेरी पहली और बिल्कुल सच्ची कहानी है।

अहमदाबाद में मेरा कंप्यूटर को ठीक करने का काम है और मैं कंप्यूटर की सर्विस लोगों के घरों में जाकर भी किया करता हूँ. और फिर ऐसे ही एक दिन मुझे मेरे एक बहुत ही खास दोस्त ने अपने घर पर उसका कंप्यूटर ठीक करने के लिए बुलाया, वह उसके घर पर अकेला ही था, उसकी पत्नी उसकी माँ के यहाँ गई हुई थी और उसकी मम्मी भी अपने भाई के घर पर गई हुई थी.

दोस्तो, उसके कंप्यूटर को ठीक करने में मुझको करीब 2-3 घंटे का समय तो लगना ही था और मेरे दोस्त को अपनी माँ के पास भी जाना था.

मैंने अपना काम शुरू ही किया था कि लगभग आधे घंटे के बाद उसकी कामवाली बाई भी आ गई थी। दोस्तो, वह एक 19-20 साल की और 32-28-34 के फिगर साइज़ की लड़की थी, और वह दिखने में भी बहुत ही मस्त थी. जब वह कमरे के अन्दर आई तो मैं तो उसके फिगर को देखता ही रह गया था. फिर मैं अपने काम में लग गया था और वह भी घर में साफ़ सफाई करने लग गई थी. फिर दोस्तो, मन ही मन मैं उसको चोदने की सोचने लगा था.

मेरे दोस्त को अपनी मम्मी के पास भी जाना था और वह मुझ पर बहुत विश्वास भी करता था तो उसने मुझसे कहा कि उसकी ट्रेन का समय हो रहा है और तुम अपना काम खत्म होने के बाद गेट पर ताला लगाकर चाबी अपने साथ ही ले जाना. और फिर वह वहाँ से चला गया था।

दोस्तो, उस लड़की का नाम जमीला था. और उस घर में अकेले होने की वजह से मेरा मन कंप्यूटर में कम और जमीला में ज़्यादा लग रहा था. फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके जमीला से बात करनी शुरू करी तो जल्द ही वह मुझसे घुल-मिल गई थी. मैंने भी अपना काम जल्दी ही खत्म कर लिया था और अब उसके जाने का भी समय हो गया था लेकिन मैंने उसको मेरे लिए एक कप चाय बनाने के लिए कहा.

वह मेरे लिए चाय बना कर ले आई और वह मुझको चाय का कप देने लगी तो मैंने कप के साथ उसका हाथ भी पकड़ लिया था. तो वह थोड़ी घबरा सी गई थी और वह थोड़ी सहमकर चुपचाप खड़ी हो गई थी। फिर मैंने उसको कहा- अरे! तुम मुझसे डरो मत, तुम भी मेरे साथ बैठकर चाय पी लो. और चाय का एक सिप लेकर मैंने उसको कहा- चाय में चीनी कम है! और मैंने उसको मेरे कप में से चाय को चखकर देखने को कहा.

तो उसने मेरे कप में से चाय का एक घूँट पिया और कहा- ठीक ही तो है. फिर मैंने फिर से चाय पी और उससे कहा- हाँ, अब ज़्यादा मीठी हो गयी है. वह मेरी बात को सुनकर शरमा सी गई थी।

और मैंने भी देर ना करते हुए उसके पास जाकर उसके गाल पर एक किस कर दी तो पहले तो उसको कुछ बुरा सा लगा और वह एकदम से पीछे हो गई थी. फिर मैंने भी झट से दरवाजा बंद कर दिया था और उसको बांहों में भर कर चूमने लगा तो उसे भी मजा आया और उसकी कामवासना प्रज्जवलित होने लगी, वो भी मेरा साथ देने लगी, मैं उसके लबों को चूसने लगा और साथ ही उसके बदन पर हाथ फिराने लगा. उसके स्कर्ट पहनी हुई थी, मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर करके उसकी चूत पर अपना हाथ लगा दिया तो पहले तो वह बहुत मचली, मेरी बांहों से निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन जल्दी ही उसकी वासना ने उसके दिमाग पर काबू कर लिया.

मैंने नीचे होई कर उसकी पैन्त्य्य उतार दी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा, पहले तो उसने मुझको खुद से दूर करने की बहुत कोशिश करी लेकिन मैं भी कहाँ मानने वाला था, तो मैं उसकी चूत को चाटता रहा और फिर वह 5 मिनट में ही सामान्य हो गई थी, धीरे धीरे सिसकारियाँ भरने लगी थी. उसको मजा आने लगा और वो जोर जोर से आहें भरने लगी, लेकिन कमरे के अन्दर होने की वजह से उसकी आवाज बाहर किसी को नहीं सुनाई दी.

और फिर मैं मैं उसको अपने साथ बाथरूम में नहाने के लिए ले गया, वहाँ जाते ही मैंने हम दोनों के कपड़े उतार दिए. फिर मैं उसके चूचों को चूसने लगा तो अब वह भी बिल्कुल मस्त हो गयी थी।

फिर मैं उस जवान नंगी लड़की को अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया, मैंने उसको बेड पर लेटाया और मैं फिर से उसके चूचों को चूसने लगा और धीरे धीरे मैं उसको किस करते हुए उसकी चूत को चाटने लगा तो वह फिर से सिसकियाँ भरने लगी थी. मैं भी अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदता जा रहा था. फिर उसने भी मेरे मुहँ को अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया था, वह भी बहुत ही मज़े ले रही थी।

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भी अपना लंड उसके मुख में दे दिया था. पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर मैंने जब जबरदस्ती अपना लंड उसके मुख में दे दिया था. तो वह मेरे लंड का पूरा स्वाद ले रही थी. उसके बाद मैं भी फिर से 69 की पोजीशन में आकर उसकी चूत को अपने मुख और जीभ से चोदने लगा.

तो अब उससे भी नहीं रहा जा रहा था, उसने मुझे ऊपर की तरह खींच लिया था और मैंने अपना खड़ा हुआ लंड उसकी चूत के ऊपर 5-10 मिनट तक रगड़ा. और मैंने इस तरह से उसको और भी मस्त कर दिया था जिससे उसकी हालत इतनी मस्त हो गई थी कि उसने मेरा लंड खुद ही अपनी चूत पर रख दिया और फिर वह मुझसे उसको अन्दर डालने को कहने लगी.

फिर मैंने भी एक ज़ोर का झटका मारा और अपना आधा लंड उसकी चूत के अन्दर डाल दिया तो वह जोर से चिल्लाई तो मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और फिर उनको चूसने लगा. फिर थोड़ी ही देर में मैंने एक और धक्का मारा और इस बार अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… कर रही थी.

और फिर मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा. जब वह थोड़ी सामान्य सी हो गई थी और आह… आह… की मस्ती भरी आवाजें निकालने लगी तो मैंने भी तेज-तेज धक्के मारने शुरू कर दिए थे. फिर वह भी नीचे से अपनी गांड को उठा उठाकर उस चुदाई का पूरा मजा ले रही थी. और फिर 15-20 मिनट की उस चुदाई के बाद हम दोनों ही एक साथ झड़ गए थे और मेरा सारा माल उसकी चूत में ही निकल गया था. कुछ देर बाद जब मैं उठा तो वो निढाल होकर आँखें बाद किये बिस्तर पर लेटी थी, उसके चेहरे पर दर्द और आनन्द के मिले जुले भाव थे. फिर जब मैंने बेड को देखा तो उस पर उसकी जांघों के बीच पहली चुदाई का खून निकला हुआ था।

मैं रसोई से जाकर उसके लिए पानी लाया और उसे पिलाया. मैंने उससे पूछा कि सब ठीक है तो उसने मुस्कुरा कर सर झुका लिया.

उस दिन मैंने उसको 1000 रूपये दे दिए थे क्योंकि वह एक ग़रीब घर से थी. मैंने उसको अपना फोन नम्बर भी दिया और फिर से मिलने का वादा भी किया था।

फिर कुछ दिन के बाद उसका फोन आया और उसने मुझसे कहा कि उसकी माहवारी नहीं आई है पाने वक्त पर… उसे डर लग रहा है. उसने कहा- शायद मैं माँ बनने वाली हूँ.

उसकी बात को सुनकर मैं बहुत घबरा गया था. फिर मैंने उसको समझा बुझाकर उसका बच्चा गिरवाया. और बाद में मुझको बहुत पछतावा हुआ कि मैंने अपने मज़े के लिए एक कुँवारी लड़की को प्रेगनेंट कर दिया था.

दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताना. [email protected]

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